-इंडियन रेलवे की पहल, मिथिला पें¨टग से सजी बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस की बोगिया

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ष्ठन्क्त्रक्च॥न्हृद्दन्/क्कन्ञ्जहृन्: मिथिला पें¨टग से सुसज्जित दरभंगा से नई दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस गुरुवार को यहां से रवाना हो गई। किसी क्षेत्रीय कला को स्थान देने वाली इंडियन रेलवे की यह पहली ट्रेन बन गई। मिथिला पें¨टग विश्वविख्यात है। इसे रेलवे ने अपनाया है। बोगियों के बाहर से की गई मिथिला पें¨टग का फीडबैक जानने के लिए डीआरएम रवींद्र जैन यात्रियों के साथ ट्रेन में सवार हो गए।

डीआरएम ने कहा कि मिथिला पें¨टग की अपनी अलग पहचान है। इससे प्रभावित होकर रेलवे ने स्टेशनों एवं ट्रेनों में मिथिला पें¨टग उकेर कर सौंदर्यीकरण की दिशा में काम शुरू किया है। बिहार संपर्क क्रांति को मॉडल के रूप लिया गया है। आज का दिन महत्वपूर्ण है। फिलहाल नौ बोगियां मिथिला पें¨टग से सजाई गईं हैं। इसमें एक से डेढ़ महीने का समय लगा है। शेष बोगियों का कार्य जल्द पूरा करने के बाद पूरे कोच को मिथिला पें¨टग से सुसज्जित कर चलाया जाएगा। यहां की कला को अब देश की राजधानी तक लोग जान पाएंगे। इसका रिस्पांस देख आगे की योजना बनाई जाएगी। उनका इशारा स्पष्ट था कि दरभंगा से लंबी दूरी के लिए खुलने वाली अन्य ट्रेनों में भी मिथिला पें¨टग उकेरी जाएगी।

अंदर भी होगी मिथिला पें¨टग

स्टेशन डायरेक्टर चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने बताया कि मधुबनी (बेनीपट्टी) की संस्था केएसबी इंस्टीट्यूट के कलाकारों ने यह कार्य किया है। 13 कलाकारों की टीम ने एक बोगी में औसतन चार दिनों में पें¨टग की है। टीम में खुशबू चौधरी, अंजनी झा, प्रीति कुमारी, ¨रकू कुमार, प्रीति झा, सपना कुमारी सहित लगभग 45 कलाकारों की सहभागिता रही। सभी कोच में बाहर से पें¨टग होने के बाद जल्द ही भीतरी भाग में कार्य शुरू कराया जाएगा। इच्छुक कलाकारों को मौका दिया जाएगा। बदले में पारिश्रमिक दिया जाएगा। इसके लिए कलाकार आवेदन कर सकते हैं।