पिता के होते हुए अनाथ आश्रम में
विक्रम टाइगर श्रॉफ के डांस और जिमनास्टिक के ट्रेनर हैं। वे बताते हैं कि बेशक उनके पिता थे पर वो अपने छोटे भाई के साथ उड़ीसा के अंतारीगांम नाम के छोटे से गांव के अनाथ आश्रम में रहते थे। जब वे नौ साल के थे तो एक बाग में काम करने पर उन्हें 400 रूपये महीना मिलता था जिससे वो अपने तीन साल के भाई के लिए दूध और खाने की व्यवस्था करते थे। कुछ साल बाद वे कढ़ाई का काम सीखने और कमाई बढ़ाने के इरादे से सूरत आ गए और यहा वे 1300 रुपए में काम करने लगे। अपनी कमाई का आधा हिस्सा रख कर वे बाकी अपने भाई को गांव में भेज देते थे। यहीं पर किसी ने उन्हें सलाह दी की वे मुंबई चले जायें।

मायानगरी में प्रवेश
ये 2009 की बात है जब वे मुंबई आये और दक्षिण मुंबई में बतौर क्लीनर कार घोने का काम करने लगे। यहीं पर उनका एक साथी जो हर रविवार को जुहू बीच जाता था, एक दिन उन्हें भी अपने साथ ले गया। वहां उन्हें कुछ बच्चे जिमनास्टिक करते दिखे ये काम विक्रम को अच्छा लगा और वे भी उनके साथ इसका अभ्यास करने लगे। इसके बाद तो अपनी हर छुट्टी पर विक्रम जूहू बीच जाते और जिमनास्टिक सीखते। वे एक योग्य छात्र साबित हुए और बहुत तेजी से सीखने लगे। जूहू पर अपने प्रशिक्षण के दौरान ही एक दिन ने उनकी दुनिया बदल दी।

Vikrem and Tiger

टाइगर का साथ
यहां पर उन्हें टाइगर श्रॉफ ने देखा और उनकी स्किल को देख कर दंग रह गए। वे उनके साथ अभ्यास करने लगे। उन दिनों टाइगर अपनी डेब्यु फिल्म की तैयारी कर रहे थे। कुछ दिन विक्रम के साथ अभ्यास करने के बाद टाइगर ने उन्हें अपने ट्रेनर की जॉब ऑफर की। जॉब तो लेली लेकिन विक्रम को हिंदी और अंग्रेजी भाषा नहीं आती थी। लेकिन टाइगर उनकी बात समझ लेते थे। टाइगर ने उन्हें एक मोबाइल और सिम भी लेकर दिया और जब तक वे भाषा सीख नहीं गए तब तक वो मैसेज के जरिए ट्रेनिंग का टाइम और जगह तय कर लेते थे। धीरे धीरे वो भाषा सीख गए और अब उन्हें बातचीत में कोई दिक्कत नहीं होती है। इसके बाद टाइगर ने उन्हें यू ट्यूब देखना औश्र सही वीडियो सलेक्ट करना सिखाया जिसकी मदद से उन्होंने कई और नई चीजें सीख लीं।

Vikrem with Ahmad

विक्रम के लिए भगवान हैं टाइगर
अपनी फ्लैक्सिबिल बॉडी के कारण विक्रम डांस भी कर लेते थे पर इसमें स्पेशलाइजेशन के लिए वो ट्रेनिंग भी ले रहे हैं और जल्दी ही एक्सपर्ट हो जायेंगे। टाइगर के जरिए वे सूरज पांचोली से मिले और उनके भी ट्रेनर बन गए। इन दिनों वे टाइगर, सूरज, सांशा सहगल और अथिया शेट्टी के ट्रेनर हैं। पर अपनी इस जिंदगी के लिए वो टाइगर के शुक्रगुजार हैं और उन्हें अपना भगवान मानते हैं। टाइगर की बदौलत ही वो इस मुकाम तक पुहंच सके जहां से उन्हें इतनी कमाई करने में मदद मिली की घर पैसे भेज कर उन्होंने अपने भाई को एमबीए में प्रवेश दिला दिया, जिसका उन्हें बेहद गर्व है। इसके साथ ही उन्होंने अपना पासपोर्ट भी प्राप्त कर लिया और अब वो टाइगर की पर्सनल ट्रेनिंग टीम में होने के कारण उनके साथ विदेश यात्रा पर भी जाते हैं। जब टाइगर शूटिंग पर होते हैं तब उनके पास काफी खाली समय होता है और उसके लिए भी टाइगर ने उनका कोरियोग्राफर असिस्टेंट कार्ड बनवा लिया और अब वो फेमस कोरियोग्राफर अहमद खान के असिस्टेंट हैं और उनके साथ किक, फैंट, हीरो और ऑल इस वेल जैसी फिल्मों काम कर चुके हैं और कोरियोग्राफी सीख रहे हैं।

गांव का विकास
विक्रम अब इस लायक हो गए है कि कुछ अच्छा कर सके इसलिए वो अपने गांव और उस अनाथालय के लिए जहां वे पले काफी कुछ करना चाहते हैं। उन्होंने अपने गांव का घर बनवा लिया है उनके पिता भी अब उनके पास आ गए हैं। उन्होंने अपने गांव में कुछ जमीन खरीदने की भी योजना बनाई है ताकि उनका भाई गांव वालों के लिए कुछ अच्छी योजनायें शुरू कर सके। उनका गांव एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र था जहां बिजली भी कुछ वर्ष पहले ही आयी है।

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