- लॉकडाउन के चलते कन्या भोज न होने से यूज फुल साबित होगी ऑनलाइन व्यवस्था

- पंडित भी लोगों से ऑनलाइन हवन के लिए दक्षिणा की जगह मांग रहे घर का राशन

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW :

लॉकडाउन के कारण इस बार पंडित जी घरों में हवन कराने नहीं आ सकेंगे, ऐसे में वे ऑनलाइन हवन ही कराएंगे। वहीं कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखने के लिए लोग कन्याओं को भी घरों में नहीं बुलाएंगे। वे उनके घर गिफ्ट भेजेंगे या फिर उनके खाते में रकम ट्रांसफर करेंगे। पूरे शहर में इसकी तैयारियां चल रही हैं। खास बात यह है कि पंडितों की ओर से भी इस बार दक्षिणा में पैसे की जगह घर में यूज होने वाला सामान जैसे आटा, दाल, चावल आदि मांगा जा रहा है।

मंदिरों से दूर है श्रद्धालु

बुधवार को अष्टमी और गुरुवार को नवमी है। इस दिन घरों में लोग हवन कराने के बाद कन्या भोज करते हैं। इन दोनों दिन पंडितों की डिमांड काफी बढ़ जाती है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते तस्वीर बदल गई है। लोग फोन पर पंडितों से संपर्क कर ऑनलाइन हवन कराने की बात कह रहे हैं। इसके लिए वे उनके मोबाइल को भी रीचार्ज करा रहे हैं। वहीं हवन कराने वाले पंडितों का भी कहना है कि लोगों की इस डिमांड से उनको भी फायदा होगा, वे एक साथ कई परिवारों के लिए ऑनलाइन हवन करा देंगे। पंडितों ने जजमानों को हवन में यूज होने वाले सामान की लिस्ट और हवन का समय बता दिया है।

दूसरे के घर नहीं भेजेंगे कन्या

इस बार लोगों ने कन्या पूजन में दूसरे घरों से कन्याओं को न बुलाने की बात कही है और वे अपने घर की कन्या को कन्या भोज के लिए दूसरे के घर भेजने के लिए भी तैयार नहीं हैं। लोग उन लोगों से संपर्क कर रहे हैं जिनके घरों में छोटी बच्चियां है, इन घरों के लोगों से उनके अकाउंट नंबर की जानकारी हासिल की जा रही है। अष्टमी या नवमी के दिन इन लोगों के खातों में कन्याओं के लिए कुछ रकम ट्रांसफर करने की तैयारी है।

इस बार घरों में भगवान राम का जन्मदिन भी मनाया जाएगा। हवन के लिए लोग ऑनलाइन व्यवस्था कर रहे हैं। कन्यापूजन के लिए भी हाईटेक टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है।

पं। प्रदीप तिवारी

लॉकडाउन के बाद लोग फिर कन्याओं को दान दे सकते हैं, उन्हें भोज करा सकते हैं। तिथि का महत्व होता है इसलिए यह ऑनलाइन सिस्टम इस बार बेहतर होगा। इससे सोशल डिस्टेंसिंग भी बनी रहेगी।

पं। प्रवीण वाजपेई