बजट के अनुसार तैयार हो रही मूर्ति

मां दुर्गा के अलावा भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और कार्तिक की मूर्ति बनवाई जा रही हैं। परंपरागत तरीके से मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। महंगाई की मार दुर्गा पूजा पर भी देखने को मिल रही है। बजट कम होने के कारण कई समितियों द्वारा मां दुर्गा की कम ऊंचाई की मूर्तियों का ऑर्डर किया गया है। सिटी में मां दुर्गा की सात से दस फुट ऊंची और बाकी देवी-देवताओं की तीन से साढ़े फीट ऊंचाई तक मूर्ति समितियों द्वारा ऑर्डर की गई हैं।

दस दिन में एक मूर्ति तैयार

कोलकाता से आए मूर्तिकार बंकिम पाल ने बताया कि एक मूर्ति को पूरी तरह से बनाने में तकरीबन दस दिन का समय लगता है। सबसे पहले बांस से मूर्ति की शेप बनाई जाती है। इसके बाद पुराल और चिकनी मिट्टी से मूर्ति तैयार की जाती है। दुर्गा पूजा के लिए दून में मूर्तियां को मूर्त रूप देने का कार्य लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है। कई समितियों की मूर्तियां बनकर तैयार हो गई हैं। जबकि कुछ जगह मूर्तियों की कलरिंग व पेंटिंग बाकी है

40-50 हजार में तैयार हो रही मूर्तियां

प्रत्येक समिति की ओर से दुर्गा पूजा के लिए एक से बढ़कर एक अद्भुत मूर्तियां बनवाने की होड़ है। हर कोई अपने पंडाल में मां दुर्गा की मनमोहक मूर्ति की स्थापना करना चाहता है। नवरात्र पर मां दुर्गा का कीमती आभूषणों व वस्त्रों से श्रृंगार किया जाएगा। इसके अलावा मां को अस्त्र-शस्त्रों से भी सुसज्जित किया जाएगा।

मां दुर्गा की मूर्ति दस फुट ऊंची तैयार की गई है। जबकि शेष सभी मूर्तियां साढ़े तीन-तीन फुट ऊंची बनवाई गई हैं। सभी मूर्तियों को बनवाने में पचास हजार रुपए का खर्चा आया है। सुंदर-सुंदर पोशाक व आभूषणों से मां का श्रृंगार किया जाएगा।

-नरेंद्र सेमवाल, पूजा प्रबंधक, श्री दुर्गा पूजा महोत्सव

सभी मूर्तियों को तैयार कर लिया गया है। सिर्फ कलरिंग व पेंटिंग बाकी है। उनकी समिति की ओर से तकरीबन 40 हजार रुपए की लागत से मूर्तियां को बनवाया जा रहा है।

-राजीव दत्ता, अध्यक्ष शरदोत्सव पूजा समिति

खास दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियां तैयार करने के लिए मेरी टीम चार महीने पहले उत्तराखंड आ गई थी। प्रदेशभर में मरे ही द्वारा दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियां तैयार की जाती हैं। प्रयास रहता है कि मूर्ति को आकर्षक रूप दिया जा सके।

-बंकिम पाल, कोलकाता से आए मूर्तिकार