अतिथि भवन में हुआ एसआरएम प्रेजेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पाथवे सेमिनार

सेमिनार के पहले दिन दो सेशंस में हजारों स्टूडेंट्स ने उठाया काउंसिलिंग का लाभ

Meerut। आज के समय में कामयाब होने के लिए केवल नॉलेज ही काफी नहीं है, अगर आप कामयाब इंजीनियर या डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपके पास नॉलेज के साथ जोश, जुनून और जज्बा होना बहुत जरुरी है। स्टूडेंटस के इसी जज्बे को जगाने और हायर एजुकेशन के लिए बेहतरीन विकल्प के चयन का मौका देने के लिए मंगलवार को अतिथि भवन में एसआरएम प्रेजेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पाथवे सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में एसआरएम ग्रुप के विभिन्न कैंपस से आई एक्सपर्ट फैकल्टीज ने स्टूडेंट्स को न सिर्फ अपने बेहतरीन करियर के लिए सही कोर्स के सलेक्शन की जानकारी दी, बल्कि हायर एजुकेशन सेंटर के चयन के महत्व को भी बताया।

उमड़ी स्टूडेंटस की भीड़

मुख्य अतिथि मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एसआरएम यूनिवर्सिटी के गाजियाबाद कैंपस की प्रतिनिधि आंचल अमिताभ, सोनीपत कैंपस से डॉ। पंकज शर्मा, चेन्नई कैंपस से एनएस राजा और अमरावती कैंपस से हरीश शर्मा समेत मॉडरेटर दीपक कपूर ने शामिल रहे। इस दौरान दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के संपादकीय प्रभारी अमित कुश ने सभी अतिथियों को पौधा देकर सम्मानित किया।

मूल मंत्र है गति

स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए एमडीए उपाध्यक्ष राजेश कुमार पांडेय ने कहा जीवन में सफलता का मूल मंत्र है गति, आगे बढ़ना यानि गति से प्रगति की ओर। उन्होंने कहा कि मनुष्य सबसे खूबसूरत प्राणी है, क्योंकि विचार शीलता केवल मनुष्य में है। बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स पर सबसे अधिक दवाब होता है। ऐसे में लक्ष्य पर निरंतर रहकर साधना करना जरुरी है, जिसका चिंतन करेंगे वो आपको जरूर प्राप्त होगा। सफलता के लिए अपना बेसिक मजबूत करें और आगे बढे़ं। मुख्य अतिथि ने छात्रों को अपने परिजनों और गुरुजनों का सम्मान करने, उनके आदेशों के अनुपालन की सीख दी।

सिर्फ नॉलेज काफी नहीं : दीपक कपूर

सेमिनार में स्टूडेंटस को बूस्ट अप करते हुए मॉडरेटर दीपक कपूर ने स्टूडेंट्स को कहा कि अगर आपको लाइफ में कोई भी बड़ा कंप्टीशन फेस करना है तो केवल नॉलेज से काम नही चलेगा। नॉलेज के साथ-साथ जरुरी है जोश, जज्बा और जुनून। अधिकतर स्टूडेंट्स अपनी क्षमताओं को पहचानते ही नहीं हैं। वह शेर हैं पर सोते हुए शेर हैं। उनका जागना बहुत जरुरी है। दीपक कपूर ने कपिल देव के 1983 व‌र्ल्ड कप का जिक्र करते हुए कहा कि उनको अपने ऊपर 100 प्रतिशत विश्वास था। उसी विश्वास से भारत ने व‌र्ल्ड कप जीता था। इसलिए सफलता के लिए अपनी क्षमताओं को पहचानो और खुद पर विश्वास करो।

एसआरएम है बेस्ट ऑप्शन : एनएस राजा

अपने करियर की तैयारी के लिए एक बेहतरीन हायर एजुकेशन कैंपस बहुत जरुरी है। एसआरएम यूनिवर्सिटी कैंपस के विषय में जानकारी देते हुए एसआरएम फैकल्टी एसो। प्रोफेसर एनएस राजा ने बताया कि आप कहीं भी जाते हैं तो सबसे पहले आप से पूछा जाता है कि आप कहां पढ़ रहे हैं। इसलिए किसी भी यूनिवर्सिटी का सेलेक्शन करने से पहले तीन बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। यूनिवर्सिटी कैंपस, फैकल्टी और कैंपस प्लेसमेंट। इन तीनों प्वॉइंट्स में एसआरएम यूनिवर्सिटी बेस्ट ऑप्शन है। यहां पर तीनों चीजें बेस्ट हैं। यही वजह है कि यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की डिमांड मार्केट में बनी हुई है। एसआरएम कैंपस में स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल लर्निंग पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है। इससे वह मार्केट की डिमांड के हिसाब से खुद को तैयार कर पाता है। साथ ही मार्केट में वर्क को लेकर सही जानकारियां स्टूडेंट्स को मिलती हैं।

टैलेंट को सीमा में न बांधें : आंचल अमिताभ

इस दौरान स्टूडेंट्स को एसआरएम कैंपस वीडियो के माध्यम से दिखाया गया। इसके साथ ही एसआरएम के सुपर कंप्यूटर सेंटर, मिशन टू मून, स्टेट ऑफ आर्ट ट्रनिंग प्रोग्राम और सेमेस्टर अर्बोड प्रोग्राम की जानकारी देते हुए एसआरएम फैकल्टी आचंल अमिताभ ने बताया कि बच्चों का टैलेंट किसी सीमा में बंधकर न रहें। इसलिए एसआरएम सेमेस्टर अब्रोड प्रोग्राम की सुविधा दे रहा है। इसमें छह माह के लिए स्टूडेंट्स को विदेश में एजुकेशन के लिए भेजा जाता है। इस दौरान कैंपस प्लेसमेंट की जानकारी देते हुए आंचल अमिताभ ने बताया कि एसआरएम कैंपस में हर साल कंपनियां जॉब के लिए आती हैं। यहां स्टूडेंटस पढ़ाई के साथ इंटर्नशिप भी कर सकते हैं। एसआरएम कैंपस पूरी तरीके से एआईसीटीई से अप्रूव्ड हैं। इसके साथ ही नैक से डबल-ए सर्टिफिकेट मिला हुआ है। एसआरएम यूनिवर्सिटी की सभी फैकल्टी पीएचडी होल्डर हैं। प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में एसआरएम की रैंकिंग तीसरी है। अगर आईआईटी, एनआईटी समेत सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस की बात करें तो इसमें एसआरएम 32वीं पोजीशन होल्ड करता है।

ये स्कूल हुए शामिल

सेमिनार में दीवान पब्लिक स्कूल, ऋषभ एकेडमी, शांति निकेतन पब्लिक स्कूल, तेज पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, दर्शन एकेडमी, एमआईईटी, द आर्यन, गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय डोगरा लाइंस, मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल, कदम, गार्गी ग‌र्ल्स, मेरठ पब्लिक स्कूल फॉर ग‌र्ल्स, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज आदि के बच्चे शामिल रहे।