30 दिन में सिर्फ 7 दिन ही समय पर रही नौचंदी एक्सप्रेस

4 से 7 दिन ही समय से चल रही है संगम और नौचंदी एक्सप्रेस

Meerut। सर्दियों में कोहरे कारण शुरु हुआ नौचंदी और संगम एक्सप्रेस की लेटलतीफी का सिलसिला गर्मियों में भी जारी है। अब कोहरा बिल्कुल नही है लेकिन ट्रेनों की गति में कोई इजाफा नही है। हालत यह है पूरे माह में दोनो स्पेशल ट्रेनें महज 4 से 7 दिन समय से चल रही हैं। ट्रेन लेट क्यों हैं अधिकारियों के पास इसका कोई जवाब नही है। यात्री परेशान हैं कि आखिर कब मेरठ से जाने वाली इस दोनो प्रमुख ट्रेनों का टाइम शेड्यूल सुधरेगा।

नौचंदी की हालत नाजुक

मेरठ से नौचंदी और संगम दो प्रमुख ट्रेनों का इलाहाबाद के लिए संचालन होता है। लेकिन सालभर से इन दोनो ट्रेनों का समय बेपटरी हो गया है। नौचंदी सहारनपुर से चलती है और मेरठ में पूरी होने के बाद इलाहाबाद जाती है इसलिए ट्रेन के जाने का समय तो अधिकतर समय से रहता है लेकिन वापसी का समय बिगड़ा हुआ है। रेलवे के अनुसार अप्रैल माह में नौचंदी सिर्फ सात दिन समय से स्टेशन पर पहुंची।

संगम की लेटलतीफी जारी

वहीं दूसरी प्रमुख ट्रेन संगम की बात करें तो अप्रैल माह में संगम एक्सप्रेस सिर्फ 4 दिन अपने निर्धारित समय पर मेरठ पहुंची। संगम एक्सप्रेस पूरे माह कम से कम ढाई घंटा और अधिकतम 12 घंटे तक देरी से रही है।

राज्यरानी ने भी तोडे़ रिकार्ड

सुबह मेरठ से लखनऊ के लिए रवाना होनी वाली राज्यरानी एक्सप्रेस अक्सर समय पर रहती है लेकिन गत माह इस ट्रेन ने भी लेट होने के अपने सारे रिकार्ड तोड़ दिए और महीने में करीब 11 दिन 7 से 8 घंटा देरी से मेरठ पहुंची।

पब्लिक हो रही है परेशान

ट्रेनों की लेटलतीफी से पब्लिक को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को ट्रेन के इंतजार में घंटों स्टेशन पर बैठना पड़ता है। लेकिन रेलवे है कि ट्रेनों की लेटलतीफी में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

लखनऊ, इलाहाबाद और कानपुर रुट पर ट्रेनों का टै्रफिक बहुत अधिक है। कई अन्य राजधानी, शताब्दी और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए नौंचदी व संगम को होल्ड किया जाता है इसका कारण से ट्रेनें लेट हो रही हैं।

आरपी शर्मा स्टेशन अधीक्षक

ट्रेनों का आधा घंटा 20 मिनट लेट होना कोई नई बात नही है लेकिन जब कई कई घंटा ट्रेन लेट हो तो परेशानी बढ़ जाती है।

अर्जुन

स्टेशन पर आकर ही पता चलता है कि ट्रेन लेट है ऐसे में यात्रियों के पास स्टेशन पर रुकने के अलावा कोई अन्य विकल्प नही होता।

रोहित

नौचंदी संगम तो दूर पैसेंजर ट्रेन भी घंटों लेट हो रही हैं। इस सिस्टम में सुधार का कोई प्रयास भी नही कर रहा है।

मोहन