विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष

कई अन्य योजनाएं भी अधर में, बदलेगा मेरठ का स्वरूप

शासन और प्रशासन की अनदेखी से दम तोड़ रहीं कई योजनाएं

Meerut। क्रांतिधरा मेरठ के प्राचीन ऐतिहासिक स्थल जमींदोज हो रहे हैं। वहीं नए पर्यटन स्थल 'शेप' नहीं ले पा रहे हैं। योजनाओं तो अपार हैं किंतु ये परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। आलम यह है कि ऐतिहासिक प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की यादों को संजोए शहीद स्मारक का कायाकल्प अधर में है। वहीं हेरीटेज वॉकिंग पॉथ योजना की फाइल भी शासन में धूल फांक रही है। मेरठ में गत वर्षो में पर्यटन को बढ़ाना देने के लिए संचालित ज्यादातर स्कीमें दम तोड़ चुकी हैं या अधर में हैं।

लाइट एंड साउंड शो भी अटका

3.5 करोड़ रुपए पर्यटन मंत्रालय को शहीद स्मारक पर खर्च करने थे

स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत क्रांतिगाथा से रूबरू कराने की थी योजना

1400 वर्गमीटर का पार्क बैठने के लिए बना है

10 बेंच, 25 सोलर लाइट, 10 डस्टबिन व 10 सीसीटीवी लगे हैं

मेरठ में लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से पर्यटक और शहरवासियों को मेरठ की क्रांतिगाथा से रूबरू कराने की योजना स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत बनाई गई। केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत करीब साढ़े 3 करोड़ रुपए पर्यटन मंत्रालय को शहीद स्मारक पर खर्च करने थे जिसमें लाइट एंड साउंड शो के अलावा शहीद स्मारक के जीर्णोद्धार, शहीद स्मारक पर अखंड ज्योति, शौचालय, बेंच आदि का निर्माण शामिल था। 35 मिनट की स्क्रिप्ट को शूटिंग भी हो गई और इसकी औपचारिक लांचिंग की हो गई किंतु मेरठ में अभी तक लाइट एंड साउंड शो का संचालन नहीं हो सका। गुरुग्राम की वाप्कोस लिमिटेड कंपनी को यहां विभिन्न कार्यो का जिम्मा दिया गया था। बता दें कि शहीद स्मारक के जिस हिस्से का जीर्णोद्धार शुरू किया गया। वह पार्क 1400 वर्गमीटर बैठने का है। पार्क के अंदर दस बेंच के अलावा 25 सोलर लाइटें, दस डस्टबिन, दस सीसीटीवी लगाए गए हैं।

हेरिटेज वॉक का सपना अधूरा

1857 की क्रांति से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी के लिए बनना थ हेरिटेज वॉक पाथ

4 करोड़ 14 लाख रुपए की अंतिम डीपीआर तैयार भी कर ली गई

22 स्थलों को इस हेरिटेज वॉक के लिए चिह्नित किया गया

4.1 किमी में बनने वाले क्रांति पथ के निर्माण की फाइल शासन के पास

देश से अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए क्रांति का बिगुल 10 मई, 1857 को मेरठ में ही बजा था। 1857 की क्रांति से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से 'क्रांति पथ हेरिटेज वॉक' बनाया जा रहा है। इस काम के लिए 4 करोड़ 14 लाख रुपए की अंतिम डीपीआर तैयार कर ली गई है। जिसे कमिश्नर के निर्देश अनुसार शासन को भेजा गया है। बता दें कि वॅाकिंग टूर शहीद स्मारक से शुरू होकर स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, सदर बाजार, सदर थाना, पुलिस स्ट्रीट, वेस्टर्न रोड, आफिसर मेस, काली पल्टन मंदिर आदि सहित 22 स्थलों को चिह्नित किया गया है। जिन्हें पेटिंग व शिलापट के माध्यम से सुंदर और आकर्षक बनाया जाएगा। 4.1 किमी में बनने वाले क्रांति पथ के निर्माण की फाइल फिलहाल शासन में पास है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अंजू चौधरी ने बताया कि क्रांति पथ के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था सीएनडीएस को चयनित किया गया है। ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी, वास्तविक दूरी और मैप आदि की जानकारी के बारे में एक बुकलेट तैयार की जाएगी।

शासन से मंजूरी की आस

1982 में 12 एकड़ क्षेत्रफल में बसाया गया था संजय वन

2013 में तत्कालीन डीएफओ ललित वर्मा ने प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा

2.25 करोड़ का प्रोजेक्ट डॉ। सोमेंद्र तोमर ने सीएम योगी आदित्यनाथ को दिया

75 प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं संजय वन में

साल 1982 में 12 एकड़ क्षेत्रफल में बसाए गए संजय वन में ईको टूरिज्म विकसित करने के लिए 2013 में तत्कालीन डीएफओ ललित वर्मा ने प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा। जो आज भी मंजूरी की आस में हैं। हाल में विधायक डॉ। सोमेंद्र तोमर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सवा दो करोड़ का प्रोजेक्ट दिया, किंतु अब तक फाइल आगे नहीं बढ़ी। लंबे समय से संजय वन के रखरखाव के लिए प्रशासन ने एक भी रुपया जारी नहीं किया। ऐसे में शहर के बीचोंबीच घना संजय वन अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। वन के चारों ओर की चहारदीवारी ढह गई। पास से गुजरते नाले की सीलन से दीवार कमजोर पड़ गई। विभाग के पास इसे बनवाने का भी बजट नहीं। विभागीय अधिकारी मानते हैं कि इस रास्ते जंगली जीवों का शिकार हो सकता है। यहां बड़ी संख्या में श्रेणी-3 संकटग्रस्त प्रजाति के नीलगाय रहते हैं। उधर, गेस्ट हाउस के पीछे खंडहर में तब्दील हुए मकानों में अपराध हो सकता है। संजय वन में 75 प्रजाति की पक्षी हैं। प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी अदिति शर्मा ने बताया कि विभाग के पास रखरखाव के लिए धन नहीं है। कई बार बजट की मांग गई।

तबादले के बाद अटकी योजना

2013-14 में एमडीए ने डेवलप किया था वेदव्यासपुरी जोनल पार्क

62 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में इस जोनल पार्क को बनाया था

बोटिंग, कैंटीन, फव्वारा आदि की हुई थीं व्यवस्थाएं

कमिश्नर डॉ। कुमार के तबादले के साथ ही ठप हो गई योजना

करोड़ों रुपए लगाकर बनाया गया वेदव्यासपुरी जोनल पार्क अब ध्वस्त हो रहा है। 2013-14 में एमडीए ने 62 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में इस जोनल पार्क को बनाया था। बोटिंग के लिए वाटर बॉडी, कैंटीन, फव्वारा, बच्चों के खेलने की जगह, बच्चों के खेलकूद के सामान, ब्रिज, प्रतिमाएं, बेंच व हाईमास्ट आदि लगाकर इस पार्क के कायाकल्प की योजना तत्कालीन कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार ने बनाई थी। कुछ स्ट्रक्चर पहले से भी है जबकि ज्यादातर के निर्माण के लिए गत वर्ष प्रक्रिया शुरू की गई। किंतु कमिश्नर डॉ। कुमार के तबादले के साथ ही जोनल पार्क के विस्तार की योजना ठप पड़ गई। एमडीए सचिव प्रवीना अग्रवाल का इस संबंध में कहना है कि आने वाले दिनों में जोनल पार्क को विकसित किया जाएगा।

मेरठ में टूरिज्म को डेवलप करने के लिए कई योजनाएं संचालित हो रही हैं। और कुछ पाइप लाइन में हैं। आने वाले दिनों में शहीद स्मारक में लाइट एंड साउंड शो, हेरीटेज वाकिंग पॉथ आदि योजनाएं परवान चढ़ेंगी।

राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ