शहर में हजारों की संख्या में दौड़ रहे अनफिट वाहन

खटारा अनरजिस्टर्ड आटो-टैंपो की होगी गिनती, बंद होगा संचालन

Meerut। लगातार बढ़ते प्रदूषण और एनजीटी के आदेश के चलते परिवहन विभाग भी अब प्रदूषण के प्रमुख कारण खटारा वाहनों पर सख्ताई का मन बना चुका है। विभाग के अनुसार शहर के अंदर काफी संख्या में ऐसे आटो, टैंपो, थ्री व्हीलर और जुगाड वाहन संचालित हो रहे हैं, जिनकी फिटनेस या पॉल्यूशन तो दूर रजिस्ट्रेशन तक नही है। इन पर लगाम लगाकर काफी हद तक शहर के अंदर पॉल्यूशन को कम किया जा सकता है। इसके लिए विभाग अब लोकल ट्रांसपोर्ट के नाम पर चल रहे इन अनरजिस्टर्ड आटो रिक्शा पर लगाम लगाने जा रहा है।

बेलगाम हुए आटो रिक्शा

आरटीओ विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो विभाग के रिकार्ड में केवल 10526 आटो, टैंपो, थ्री व्हीलर रजिस्टर्ड हैं। इनमें भी सबसे अधिक डीजल चलती आटो रिक्शा हैं जिनकी संख्या 4651 है। वहीं पेट्रोल से संचालित आटो रिक्शा की संख्या 4301 है। जबकि शहर की सड़कों पर नजर डालें तो इससे कहीं अधिक आटो रिक्शा केवल शहर के अंदर के मार्गो जैसे- हापुड अडडा से भूमियापुल, समर गार्डन, नूर नगर, मेट्रो प्लाजा, दिल्ली रोड पर रिठानी तक, बागपत रोड पर बाईपास तक और गढ़ रोड पर संचालित हो रहे हैं।

10 हजार आटो पर प्रदूषण जीरो

वहीं अगर पॉल्यूशन जांच की बात करें तो आरटीओ विभाग के पास अभी ऐसे आटो रिक्शा का रिकार्ड नहीं है जो पीयूसी लेकर चलते हैं। केवल फिटनेस के लिए आने वाले नए आटो रिक्शा का पीयूसी देखकर उसे फिट दे दिया जाता है। इसके बाद ना तो ट्रेफिक पुलिस और ना ही आरटीओ प्रवर्तन दल ऐसे आटो को रोककर जांच करता है जिनके पास पीयूसी नही है। जबकि शहर में संचालित 80 प्रतिशत आटो अपनी आयु पूरी कर चुके है।

सीज होंगे अनफिट आटो

अब परिवहन विभाग एनजीटी के आदेश के अनुसार ऐसे अनफिट आटो, थ्री व्हीलर और जुगाड वाहनों की धरपकड़ कर उनके खिलाफ अभियान चलाएगा। इसके तहत पहले शहर में संचालित हो रहे प्रतिबंधित आटो की तलाश कर उनकी संख्या और उनके परमिट की जांच की जाएगी। इसके बाद फिटनेस का समय दिया जाएगा यदि इसके बाद भी आटो का संचालन हुआ तो सीज कर दिए जाएंगे।

आटो रिक्शा के मामले में लगातार हमारा अभियान चल रहा है। प्रतिबंधित मार्गो पर संचालन रोकना ट्रेफिक पुलिस का काम है। हम अपनी चेकिंग के दौरान चालान काट रहे हैं और अब सीज भी किए जाएंगे।

दिनेश कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन