पानी से भरी गुफाओं में बच्चों को खोजने में 3 स्कूबा डाइवर्स ने किया कमाल

कानपुर। थाईलैंड के एक नेशनल पार्क में 23 जून से फंसे 12 बच्चों और उनके फुटबॉल कोच को पानी से भरी थाम लॉन्ग गुफाओं में खोज पाना आर्मी और नेवी सील जवानों के लिए भी आसान काम नहीं था। गुफाओं में बच्चों के फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद से सरकार ने घटना स्थल पर भारी भरकम रेस्क्यू मिशन चला रखा था, जिसमें देश की आर्मी से लेकर नेवी सील जवानों और देश और दुनिया के करीब 1300राहत और बचाव कर्मी लगे हुए हैं। चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक इन्हीं लोगों में शामिल थे 3 ब्रिटिश केव डाइवर्स, जो बिना किसी लालच के अपनी मर्जी से थाईलैंड के इस घटना स्थल पर पहुंचे थे। रिचर्ड विलियम स्टैंटन, रॉबर्ट चार्ल्स हार्पर और जॉन वोलांथन 27 जून को यहां पहुंचे थे। इसके बाद इन लोगों ने पानी से लबालब भरी थाम लॉन्ग गुफाओं में जमीन से करीब 1 किलोमीटर की गहराई पर बच्चों की तलाश का खतरनाक मिशन शुरु किया। जिस काम में दुनिया भर के सैकड़ों एक्सपर्ट लोग लगे थे और पूरी तरह से नाकामयाब हो चुके थे। ऐसे में इन 3 ब्रिटिश डाइवर्स ने 2 काफी मेहनत से 2 जुलाई को फंसे हुए इन 12 बच्चों और उनके फुटबॉल कोच को ढूंढ निकाला।


जिंदगी की उम्मीद लेकर गुफा की गहराईयों में पहुंचे ये 2 ब्रिटिश स्कूबा डाइवर्स

थाम लॉन्ग गुफाएं काफी गहरी हैं और पानी भर जाने के कारण इनसे बाहर निकलना और भीतर जाना दोनों ही आसान नहीं रह जाते। भूख प्यास से बेहाल लगातार 9 दिनों तक अंधेरे में फंसे इन 12 बच्चों को जब पहली बार 2 जुलाई को पत्थरों पर रोशनी की चमक दिखी, तो उनके मुंह से पहला सवाल निकला कि आप लोग कहां से आए हैं। जिंदगी की उम्मीद वाली एक चमक इन बच्चों के चेहरे पर फिर से तैरने लगी, जो पिछले 9 दिनों के दौरान खो सी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 ब्रिटिश डाइवर्स की इस टीम ने ही गुफा में इन बच्चों को खोज निकाला है। इनमें से 2 लोगों ने बच्चों की खोज में सबसे बड़ा योगदान दिया है। इनमें जॉन वोलांथन ब्रिस्टल के एक इंटरनेट इंजीनियर हैं साथ ही वो केव रेस्क्यू के एक्सपर्ट माने जाते हैं। दूसरे विलियम स्टैंटन पेशे से एक फायर फाइटर हैं, चार्ल्स हार्पर भी इसी रेस्क्यू टीम के मेंबर हैं। ये सभी साउथ एंड मिड वेल्स केव रेस्क्यू टीम की ओर बच्चों के इस रेस्क्यू मिशन में अपनी तरफ से हेल्प करने आए थे। 

ये हैं वो 2 हीरो,जिन्‍होंने थाईलैंड की गुफा में फंसी पूरी फुटबॉल टीम को खोज निकाला


कैसे फंसे थे गुफा के भीतर?

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड की थाम लॉन्ग गुफाओं की भीतर फंसे इन 12 बच्चों की उम्र 11 से 16 साल के बीच है और उनके फुटबॉल कोच की उम्र 26 साल है। 23 जून के दिन एक ट्रेनिंग सेशन के दौरान ये पूरी टीम थाम लॉन्ग गुफाओं के भीतर गई थी। उसी दौरान अचानक तूफान आ गया और सभी गुफाएं पानी से भर गईं। 23 जून को ही स्थानीय लोगों को लावारिश हालत में मिली साइकिलों से पता चल गया था कि कुछ लोग गुफा में फंस गए हैं। इसके बाद यहां रेस्क्यू मिशन शुरु हुआ।

 

 

सामने आया गुफा के भीतर फंसे बच्चों का पहला वीडियो

लगातार कई दिनों तक पानी बरसने के कारण गुफाओं में भरा पानी कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा था। ऐसे में इनके भीतर फंसे इन बच्चों के जिंदा रहने की उम्मीदें भी कम हो रही थीं। हालांकि अब इन बच्चों को खोज लिया गया है। थाई नेवी सील टीम ने गुफा के भीतर 9 दिनों से फंसे बच्चों का पहला वीडियो अपने फेसबुक पेज पर जारी किया है, जिसमें उनकी हालत साफ देखी जा सकती है। वैसे इन बच्चों को खोज जरूर लिया गया है लेकिन इन्हें बाहर निकाल पाना अब भी आसान काम नहीं है। वजह है गुफाओं में भरा पानी। बच्चों को गुफा से बाहर निकालने के लिए स्कूबा डाइविंग की एकमात्र विकल्प है, लेकिन इसकी ट्रेनिंग के बिना बच्चे खुद तैरकर बाहर नहीं आ पाएंगे। इसलिए फिलहाल इन बच्चों तक खाने पीने का सामान पहुंचाया गया है, ताकि वो जमीन के इतने भीतर भी ठीक ठाक रहें। रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थाई नेवी सील और बाकी टीमें इन बच्चों को स्कूबा डाइविंग की ट्रेनिंग देने की कोशिश करेंगे और फिर धीरे धीरे सबको तैराकर बाहर लाने का प्रयास करेंगे, हालांकि बच्चों को गुफा से बाहर सुरक्षित ठिकाने पर लाने में अभी काफी वक्त लग सकता है।

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