आप की फोकस्ड अप्रोच

दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की फोकस्ड अप्रोच ने इस पार्टी को एक रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल करने में मदद की है. दिल्ली चुनावों से पहले बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों में अपनी ताकत झौंकी और तीनों चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन इस दौरान आम आदमी पार्टी अपनी अलग-अलग विधानसभाओं में जा-जाकर रैलियां करती रही और वोटर्स से जुड़ाव जारी रखा. अगर कांग्रेस की बात करें तो दिल्ली चुनावों में कांग्रेस ने पिछली बार से भी खराब प्रदर्शन किया है.  

उम्मीदवारों का चुनाव

बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में हर्षबर्धन की जगह चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ही किरण बेदी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया. इसके साथ ही बीजेपी ने हर्षबर्धन का मंत्रालय भी बदल दिया जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि हर्षबर्धन सक्षम नहीं हैं. वहीं केजरीवाल ने इन चुनावों में अपने उम्मीदवारों को चुनने के तरीके में संशोधन करते हुए किसी भी विधानसभा के आप समर्थकों से उस विधानसभा को रिप्रजेंट करने वाले उम्मीदवारों के नाम इकठ्ठे किए.

दलित और मुस्लिम वोट

आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान दलित और मुस्लिम वोटरों को अप्रोच किया और इस वर्ग में अपनी एक खास जगह बनाई. वहीं बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान मिडिल क्लास को अप्रोच करने की कोशिश की. इसके साथ ही कांग्रेस ने भी दलित वर्ग ने भी अपने चुनाव प्रचार में बीजेपी को घेरने की कोशिश की. लेकिन इस पूरे चुनाव प्रचार में आप ने पीएम मोदी पर निशाना नहीं साधा और इस निश्चित वोटर वर्ग से संवाद बनाए रखा. इसके साथ ही आप ने अपनी 49 दिन की सरकार के बारे में आखिर तक बताया कि कैसे इस वोटर वर्ग को 49 दिनों की आप सरकार से फायदा हुआ था.

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