- कौशल विकास मिशन योजना के तहत तीन साल में महज 22 सौ को मिली जॉब, करीब नौ हजार रह गये बेरोजगार

- विभाग के पोर्टल पर 11236 युवक और युवतियों ने कराया है रजिस्ट्रेशन

VARANASI

सबको हुनर और सबको काम देने के लिए संकल्पित वाराणसी का कौशल विकास मिशन अपने ही मानक को पूरा नहीं कर पा रहा है। 70 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों का प्लेसमेंट कराना जरूरी है, लेकिन 20 प्रतिशत को ही रोजगार मिल पाया है। तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो 2220 युवाओं को ही नौकरी मिल पायी बाकी 9016 आज भी सरकारी दस्तावेज में बेरोजगार हैं।

विभिन्न ट्रेड में दिया जा रहा प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिलाकर स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास मिशन योजना शुरू की है। योजना के तहत पिछले तीन वित्तीय साल में शासन से 10353 लक्ष्य मिला, लेकिन 11236 युवक और युवतियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इन बेरोजगारों को 34 केंद्रों पर विभिन्न ट्रेडों में तीन से छह माह के दौरान प्रशिक्षित किया गया। 11236 रजिस्टर्ड प्रशिक्षणार्थियों में युवतियों की संख्या 5658 है। कौशल विकास मिशन की स्थानीय टीम और चयनित 34 केंद्रों के माध्यम से सिर्फ 2220 युवक-युवतियों (15 से 35 वर्ष आयु वर्ग) को ही नौकरी मिली।

इन कम्पनियों में मिली नौकरी

कौशल विकास मिशन के तहत चयनित प्रशिक्षण सेंटरों के माध्यम से प्रशिक्षित युवक-युवतियों को वर्धमान, एजीस, मदर्सन, इंडोविजन, मिंत्रा, मिंडा गु्रप समेत गुजरात, हरियाणा, पंजाब, गे्रटर नोएडा, दिल्ली की विभिन्न कंपनियों में नौकरी मिली है।

इन ट्रेडों में किया जाता है ट्रेंड

कौशल विकास मिशन में रजिस्टर्ड प्रशिक्षणार्थियों को आईसीटी, ब्यूटी कल्चर एंड हेयर ड्रेसिंग, गारमेंट मेकिंग, एैप्रेल मेडप्स-सेल्फ इम्प्लाइड टेलर, इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रीशियन डोमेस्टिक, हेल्थकेयर-जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, रिटेल, सिक्योरिटी, फिल्ड टेक्नीशियन कम्प्यूटर एंड पेरिफेरल्स, मोबाइल रिपयेरिंग, टूरिज्म एण्ड हॉस्पिटैलिटी, एडवांस फिटनेश ट्रेनिंग आदि सेक्टर/कोर्सो में प्रशिक्षण दिया जाता है।

ले सकते हैं प्रशिक्षण

उप्र कौशल विकास मिशन, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उप्र शासन का एक रोजगार परक निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसके तहत इच्छुक 14 से 35 वर्ष के युवाओं/युवतियों को उनके द्वारा चुने हुए रोजगार परक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाता है। अभ्यर्थियों को आधार कार्ड, शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र के साथ मिशन के पोर्टल पर पंजीकरण करना होता है। अपने नजदीकी प्रशिक्षण केन्द्र का चयन करते हुए, वहां सम्पर्क कर प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है।

अधिकारी वर्जन

रजिस्टर्ड प्रशिक्षणार्थियों में लड़कियों की संख्या ज्यादा है। अमूमन लड़कियां बनारस के बाहर नौकरी करने से मना कर देती हैं। इसके अलावा सिर्फ सर्टिफिकेट लेने के लिए बेरोजगार ट्रेनिंग लेती हैं। इसके चलते मानक पूरा नहीं हो पाता है।

अमित श्रीवास्तव, जिला प्रबंधक

कौशल विकास मिशन विभाग