- बीते तीन साल में राजधानी में कराये गए सड़क निर्माण, पुल निर्माण और सड़कों के सुदृढ़ीकरण के 1721.63 करोड़ रुपये के 97 कार्य
- 45 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर की स्थापना, चप्पे-चप्पे पर रखी जा रही नजर
<- बीते तीन साल में राजधानी में कराये गए सड़क निर्माण, पुल निर्माण और सड़कों के सुदृढ़ीकरण के क्7ख्क्.म्फ् करोड़ रुपये के 97 कार्य
- ब्भ् करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर की स्थापना, चप्पे-चप्पे पर रखी जा रही नजर
LUCKNOW lucknow@inext.co.in
LUCKNOW : गुरुवार को योगी सरकार के तीन साल पूरे हो गए। तीन सालों की इस मियाद में प्रदेश में विकास कार्यो के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य समेत तमाम क्षेत्रों में ऐतिहासिक काम हुए। इसी क्रम में राजधानी में भी विकास कार्यों की बाढ़ आ गई। सड़क निर्माण, पुल निर्माण और सड़कों के सुदृढ़ीकरण के क्7ख्क्.म्फ् करोड़ रुपये के 97 कार्य पूरे किये गए या इन पर काम बेहद तेजी से जारी है। इतना ही नही, अन्य क्षेत्रों में भी किये गए काम अप्रत्याशित साबित हुए। हालांकि, पिछली सरकार के दौरान शुरु हुए कुछ काम अब तक पूरा होने की बाट जोह रहे हैं। यह काम कब तक पूरा होंगे, इस पर कुछ भी कह पाना मुश्किल है। राजधानी में तीन साल में विभिन्न विभाग व क्षेत्रों में कराए गए कामों पर पेश है विशेष रिपोर्ट-
इंफ्रास्ट्रक्चर
-गोमती बैराज से खुर्रम नगर तक म् लेन एलिवेटेड रोड का निर्माण
-शहीद पथ से लखनऊ एयरपोर्ट को जोड़ने वाली एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य जारी
-लालकुआं से राजेंद्र नगर तक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जारी
-चरक चौराहा से हैदरगंज तक ख् लेन फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जारी
-हैदरगंज से मीना बेकरी तक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जारी
-फैजाबाद रोड से मोहनलालगंज तक मार्ग के चौड़ीकरण में आ रहे शारदा नहर पर दो सेतुओं का निर्माण
-हनुमान सेतु बंधा मार्ग से राजीव नगर बरौलिया कुतुब मार्ग का निर्माण
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स्मार्ट सिटी
ब्भ्.फ्भ् करोड़ की लागत से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना, यह सेवाएं होंगी इंटीग्रेटेड-
-पांच स्थलों पर पर्यावरण सेंसर
-विजुअल मॉनीटरिंग सिस्टम की स्थापना
-ई गवर्नेस सेवाएं
-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सेवाएं
-स्मार्ट पार्किंग
-स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग
-सिटी बस सर्विसेज की मॉनीटरिंग
-सिटी सर्विलांस
-डायल क्क्ख् की सेवाएं
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कानून-व्यवस्था
राजधानी की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये लंबे समय से प्रतीक्षित कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया। इसके साथ ही राजधानी के शहरी इलाके को कमिश्नरेट जबकि, ग्रामीण इलाके को लखनऊ ग्रामीण में विभाजित किया गया। इसके तहत एडीजी रैंक के अफसर की कमिश्नर पद पर नियुक्ति की गई। कमिश्नर के सहयोग के लिये दो आईजी लेवल के अफसरों को ज्वाइंट कमिश्नर के पद पर जबकि, पांच जोन में एसपी लेवल के अफसरों को डीसीपी के पद सृजित कर तैनात किया गया। इसके अलावा 8 एडिशनल एसपी लेवल के अफसरों को एडीसीपी के रूप में तैनात किया गया। डिप्टी एसपी लेवल के ख्8 अफसरों को एसीपी के पद पर तैनात किया गया। बीते तीन साल में राजधानी में 7भ्9भ्क् विवेचनाओं का निस्तारण कराया गया और ख्ब्87म् वांछित अभियुक्तों की अरेस्टिंग की गई। साथ ही कुल ख्फ्7भ्8 अतिक्रमणों व ख्भ्07 हेक्टेयर भूमि मुक्त करायी गई।
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ट्रैफिक
9क्.भ्0 करोड़ रुपये की लागत से इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना, इसके जरिए हो रहे यह सभी काम-
-80 चौराहों पर सर्विलांस
-ख्0 व्यस्त चौराहों पर ऑटोमेटिक ई-चालान सिस्टम, क्फ् चौराहों पर सेवा शुरू
-स्पीड वायलेशन सिस्टम
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नबर गेम।
ऊर्जा विभाग
9फ्.ख्8 करोड़ रुपये की लागत से क्फ्9क् मजरों में विद्युतीकरण
क्फ्भ्07 क्षतिग्रस्त कनवर्टर्स की फिर से स्थापना की गई
90म् निजी नलकूपों को ऊर्जीकृत किया गया
99फ्क्ब् बिजली कनेक्शन निर्गत किये गए
ख्ब्.म्क् लाख एलईडी बल्बों का वितरण
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आवास
-एलडीए द्वारा 7म्.0क् करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न क्षेत्रों में सौंदर्यीकरण के क्ब्फ् कार्य कराये गए।
-एलडीए द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नौ परियोजनाओं में दुर्बल आय वर्ग के 8भ्7म् भवन आवंटित किये गए
-पांच महत्वपूर्ण परियोजनाओं में क्फ्म्ख्ब् आवासों के निर्माण को स्वीकृति दी गई
-आवास विकास परिषद की अवध विहार योजना को भारत सरकार द्वारा बेस्ट एफिशिएंसी अवार्ड दिया गया
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अन्य महत्वपूर्ण काम
-क्7.फ्ख् करोड़ की लागत से 8 मिनी स्टेडियम बनाए जा रहे हैं।
-क्ख्क्ब्7 कन्याओं की कन्या सुमंगला योजना के तहत आवेदन स्वीकृत
-म्भ्9 गरीब जोड़ों का मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाह संपन्न
-88फ्फ्भ् वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों को तीसरी किश्त अवमुक्त की गयी। क्भ्भ्9भ् नवीन पेंशन स्वीकृतियां की गयीं।
-भ्फ्9फ्भ् लाभार्थियों को विधवा पेंशन की तीसरी किश्त अवमुक्त की गयी।
-क्7म्9भ् दिव्यांगों को पेंशन की तीसरी किश्त अवमुक्त की गई।
-ख्फ्08ख्क् शौचालय ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए
-क्ब्ख्म्ब् शौचालय शहरी क्षेत्र में बनाए गए
बॉक्स
यह काम अब भी अधूरे
पूर्ववर्ती सरकार ने कुडि़याघाट से पिपराघाट तक गोमती नदी में रिटेनिंग वॉल बनाने का काम शुरू हुआ। काफी काम पूरा भी हो गया लेकिन, पक्का पुल तक ही रिटेनिंग वॉल का काम पूरा हो सका। बाकी का काम अब भी बाकी पड़ा है। जिसके पूरा होने पर अब भी संशय बरकरार है। इसके अलावा गोमती रिवर फ्रंट का निर्माण अब भी पूरा नहीं हो सका है। इस काम की जांच भी चल रही है, हालांकि, जांच की वजह से इस काम के न पूरा होने से लखनवाइट्स का रिवर फ्रंट पर चहलकदमी करने का सपना अब भी अधूरा है। गोमती में रंगीन फव्वारे भी अब तक नहीं लग सके वहीं, जो फव्वारे पहले से चालू थे, उन्हें भी एलडीए द्वारा बंद करवा दिया गया। जिसकी वजह से समता मूलक पुल पर टहलने आने वाले लोगों को खासी निराशा हो रही है।