आगरा। आप यदि जामुन और फालसे का स्वाद चखने के लिए उत्सुक हैं तो यह आपके लिए अच्छी खबर नहीं है। आंधी-तूफान ने गर्मी के सीजन का 'बेस्ट टेस्ट' छीन लिया है। जनपद में होने वाली जामुन और फालसे की खेती पर सर्वाधिक असर देखने को मिला है। 11 अप्रैल और दो मई को आए तूफान की वजह से जामुन और फालसे के बाग तबाह हो गए हैं। इन बागों के स्वामी सड़क पर आ चुके हैं। तीन ब्लॉकों के दर्जनों गांवों के परिवारों पर अब रोजी-रोटी का संकट छा गया है। बावजूद इसके जिला प्रशासन के आला अधिकारी अपनी लालफीताशाही रवैया बना हुआ है। लेखपाल गांवों का सर्वे नहीं कर रहे और जनप्रतिनिधि भी मौन साधे बैठे हुए हैं।

कीमतें मारेंगी उछाल

दरअसल, पिछले दिनों आए आंधी तूफान ने सर्वाधिक असर डाला तो जामुन और फालसे की खेती पर। लगभग इनकी खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। लिहाजा सीजन के यह फल इस मर्तबा मार्केट में नाममात्र के लिए ही दिखाई देने की आशंका है। उस पर भी दामों में उछाल के साथ। क्योंकि इसकी डिमांड तो सीजन के हिसाब से होगी, लेकिन सप्लाई डिमांड के हिसाब से नहीं होगी तो निश्चित तौर पर कीमतें आसमान छुएंगी।

यहां होती है खेती

बरौली अहीर ब्लॉक के गांव भांडई के लोगों ने बताया कि गांव के अधिकांश लोगों ने जामुन की खेती कर रखी है। गेहूं की खेती के बजाय जामुन का व्यापार किया जाता है। उन्होंने बताया कि अकेले भांड़ई गांव में करीब डेढ़ करोड़ का जामुन का कारोबार होता है। जो पूरी तरह बर्बाद हो गया है। अकोला ब्लॉक के जारुआ कटरा, बाईखेड़ा गोपालपुरा में भी जामुन की खेती होती है। बरौली अहीर के इटौरा और अछनेरा के कुकथला में जामुन और फालसे की खेती होती है, जो कि पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।

आजीविका का साधन है यह

भांडई के रामेश्वर सिंह, कुकथला के चौधरी दिलीप सिंह, अकोला के बंटी चाहर आदि ने बताया दिल्ली की मंडी में जामुन को ले जाया जाता है। वर्ष में एक बार ही जामुन और फालसे की खेती होती है। ये आजीविका का साधन भी है। भांड़ई निवासी चंद्रशेखर और धर्मवीर ने बताया दो बार आई आंधी तूफान ने जामुन के अधिकांश पेड़ों को धरासायी कर दिया है। वर्षो पुराने पेड़ों को तूफान ने उखाड़ फेंका है। जामुन की खेती आजीविका का साधन हैं।

लेखपालों की है उदासीनता

जामुन और फालसे के उत्पादक गांवों के किसानों का आरोप है कि जो उनका नुकसान हुआ है। उसका आंकलन करने के लिए अभी तक लेखपाल नहीं पहुंच रहे हैं। वे केवल गेंहू की खेती का ही आंकलन कर रहे हैं। इसकी शिकायत लेकर किसान सांसद चौधरी बाबूलाल और विधायक चौधरी उदयभान सिंह के यहां पर पहुंचे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद ये कलक्ट्रेट पहुंचे। वहां पर भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सोनू चौधरी से मुलाकात हुई, उन्होंने उन्हें पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। सोनू चौधरी ने एसडीएम सदर से वार्ता कर सर्वे कराए जाने की सिफारिश की।