- फेस्टिव सीजन में दलाल हुए एक्टिव
- आरपीएफ की छापेमारी में लगातार पकड़े जा रहे हैं टिकट दलाल
- किसी भी ट्रेन में नहीं अवेलबल है सीट
- कंफर्म टिकट के लिए लोग ले रहे हैं दलालों का सहारा
केस - 1
12 फरवरी को चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर अतुल कुमार श्रीवास्तव के निर्देश पर 12 ट्रैवेल एजेंसीज पर छापेमारी की गई। इस दौरान 13 व्यक्तियों से करीब 483 ई-टिकट के साथ गिरफ्तार किया गया।
केस -2
11 फरवरी को 19 ट्रैवेल एजेंसीज पर छापेमरी की गई। इस दौरान 19 मामलों में 22 व्यक्तियों से 3869 ई-टिकट के साथ गिरफ्तार किया गया।
GORAKHPUR: यह दो केस सिर्फ एग्जामपल भर हैं, आए दिन ऐसे ही दर्जनों केस सामने आ रहे हैं, जिसमें टिकट दलालों की एक्टिवनेस की वजह से जेनविन पैसेंजर्स के खाते का तत्काल टिकट दूसरों को मिल जा रहा है। एक बार फिर होली का सीजन है और दलाल एक्टिव हो चुके है। ट्रेंस हाउसफुल हैं, जबकि अब लोगों के पास तत्काल ही एक सहारा बचा हुए है। ऐसे में दलाल भी एक्टिव हो गए हैं और पैसेंजर्स का टिकट बनवाने के नाम पर मोटी कमाई करने में जुट गए हैं। पैसेंजर्स की होली में दलाल अपनी दिवाली मनाने का जुगाड़ करने में लग गए हैं। दलालों की सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महज दो दिन में 31 जगह की गई छापेमारी में 42 सौ से ज्यादा तत्काल, नॉमर्ल और काउंटर टिकट बरामद किए गए हैं। इन टिकट के रेट लाखों में हैं।
दिसंबर में एक हजार से ज्यादा अवैध टिकट
दलाल की सक्रियता की कहानी सिर्फ रेलवे के आंकड़ों से ही समझी जा सकती है। दिसंबर के आंकड़ों पर नजर डालें तो नौ दिन की छापेमारी में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने एक हजार से ज्यादा अवैध तरीके से बनाए गए टिकट बरामद किए हैं। इसमें 2 दिंसबर को हुई छापेमारी में तो 74 तत्काल टिकट मिले, जबकि 6 दिसंबर को की गई कार्रवाई में 8 तत्काल के साथ ही 996 पुराने टिकट भी पाए गए। आरपीएफ की सक्रियता से खुलासे तो हो रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी तत्काल के शातिरों का जाल कम नहीं हो पा रहा है और हर छापेमारी में नई जगह से नए दलाल को पकड़ा जा रहा है।
ट्रेंस हाउसफुल, जर्नी पेनफुल
होली के लिए टिकट की बात करें तो लोगों को इसके लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। जिन्होंने टिकट पहले से करा रखा है, उनके लिए तो ठीक है, लेकिन जो अब भी प्लानिंग कर रहे हैं, उनके लिए जर्नी पेनफुल साबित हो रही है। रेलवे की वेबसाइट पर नजर डालें तो दिल्ली रूट की सभी अहम ट्रेंस में कोई जगह नहीं है। सभी में वेटिंग शुरू हो चुकी है और कुछ में नो रूम भी हो चुका है। 10 मार्च को होली मनाई जानी है, लेकिन हालत यह है कि फरवरी के आखिरी और मार्च के पहले हफ्ते में किसी भी नॉर्मल ट्रेन में कोई जगह नहीं है।
तत्काल या हमसफर
होली के दौरान टिकट के ऑप्शन की बात करें तो लोगों के लिए वापस लौटने का सिर्फ तत्काल ही सहारा है। इसके अलावा फरवरी के आखिरी हफ्ते और मार्च के शुरुआती दिनों में हमसफर साथ निभा सकती है। इसमें फिलहाल कुछ सीट्स बची है, जिसके जरिए पैसेंजर्स अपनी जर्नी को कंफर्टेबल बना सकते हैं। वहीं अब लोगों की निगाहें होली पर चलने वाली स्पेशल ट्रेंस पर भी हैं, जिनका अब तक रेलवे ने एलान नहीं किया है। लोगों को उम्मीद है कि रेलवे इन बिजी रूट्स के लिए स्पेशल ट्रेन चलाएगा, जिससे कि लौटने वालों को ऑप्शन मिल सकेगा।
कुछ यूं रहा है कार्रवाई का हाल
दिसंबर -
2 - 74 तत्काल
5 - 2 तत्काल
6 - 8 तत्काल और 996 पुराने टिकट
7 - 8 नॉर्मल और 74 तत्काल
8 - 56 नॉर्मल व तत्काल टिकट
9 - 13 जनरल व तत्काल टिकट
10 - 8 तत्काल
15 - 1 तत्काल
20 - 3 तत्काल
मंथ वाइज कार्रवाई -
दिसंबर - 12
नवंबर - 60
अक्टूबर - 55
वर्जन
पैसेंजर्स को टिकट मिले, रेलवे की यही प्राथमिकता है। दलालों पर लगाम कसने के लिए लगातार कार्रवाई चल रही है। काफी तादाद में तत्काल टिकट के साथ अवैध टिकट का कारोबार करने वालों की गिरफ्तारी की गई है। आगे भी यह अभियान चलते रहेंगे।
- पकंज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे