दिल्ली रोड स्थित रिठानी शहर के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है.मिश्रित आबादी वाले इस क्षेत्र में सभी जाति-धर्म और वर्ग के लोग रहते हैं। इस क्षेत्र की अधिकांश जमीने मेरठ विकास प्राधिकरण विकास क्षेत्र में आ चुकी हैं। लेकिन बावजूद इसके विकास यहां आज भी सबसे बड़ा मुद्दा है। छोटी-बड़ी दुकानों पर होने वाली चर्चाओं में आज भी विकास का मुद्दा ही लोगों की जुबां पर हैं।

Meerut । रिठानी में भोलाराम पकौड़े का स्टॉल आसपास ही नहीं पूरे शहर भर में प्रसिद्ध है। दिन निकलते ही गर्मागरम पकौड़ों की खुशबू लोगों को यहां खींच लाती है। चाय और पकौड़ों के साथ जमने वाली लोगों की महफिल न जाने कब में राजनीतिक रूप ले लेती है। ये भी यहां की दिनचर्या का नजारा है। ऐसा ही नजारा बुधवार सुबह का भी था।

- भोलाराम ने जैसे ही चार प्यालियों में चाय डाली दोस्तों के साथ पहुंचे राहुल के मुंह से निकल पड़ा कि पीलो यार चाय वैसे एक चाय वाले ने पूरे देश को आफत में डाल रखा है।

- बस फिर क्या था राहुल की इस बात ने जैसे राजनीतिक कुंड में घी का काम कर दिया। राहुल की बात काटते हुए रजत ने तुरंत ही जवाब दिया। चाय वाले ने देश को आफत में नहीं आफत से निकाल दिया है।

-इसी बीच सामने आए पकौड़ों को उठाते हुए रजत ने चटकारे लेते हुए कहा चाय वाले की सरकार ने देश की सारी गंदगी बाहर कर दी है.दोस्त, लेकिन इस क्षेत्र की गंदगी तो अभी जस की तस बनी हुई है,

- इधर गरमागरम चाय और पकौड़े का स्वाद परवान चढ़ रहा था तो दूसरी ओर सियासी चर्चा भी रंग पकड़ रही थी। राहुल ने चाय की प्याली रखते हुए कि दोस्त हर पार्टी का विकास का मुद्दा-मुद्दा चिल्लाती है। लेकिन विकास कराता कोई नहीं है।

- राहुल की बात सुनकर रजत ने मुंह बिचकाना चाहा तो राहुल ने तुरंत कहा कि भइया इधर भी तो देख लो इस गंदगी से कब से हम लोग परेशान हैं लेकिन है कोई जो इससे निजात दिला सके।

- मामला गरमाया तो बगल वाली बेंच पर बैठा दीपक भी तैश में आ गया। दीपक बोला क्षेत्रीय मुद्दों का केन्द्र की राजनीति से कोई सरोकार नहीं। ये विकास कार्य लोकल और प्रदेश सरकार के काम हैं। सरकार के एक बड़े मंत्री और कई दर्जा प्राप्त मंत्री मेरठ के हैं क्यों उन्होंने विकास नहीं कराया?

- इस पर रजत तपाक से बोला क्षेत्र का विकास कराना विधायक का काम है। यहां के लोग विधायक तक का नाम नहीं जानते।

-विकास के मुद्दे पर बात आते ही दुष्यंत पर भी चुप न रहा गया। चाय खत्म करते हुए उसने कहा प्रदेश सरकार के समय में अपराध चरम पर है। कानून व्यवस्था का कहीं कोई ठिकाना नहीं है। दुष्यंत ने कहा कि इससे तो बेहतर तो बहन जी हैं। कम से कम क्राइम रेट तो कम रहता है।

-अब बात क्राइम पर आ गई। लिहाजा बहस को तीखा होना ही था। चाय पी रहे दीपक ने सारा ठीकरा प्रदेश सरकार पर फोड़ दिया। लेकिन विकास कार्यो के लिए क्षेत्र के विधायक को ही जिम्मेदार ठहराया। तभी रजत ने घड़ी में टाइम देखते हुए चर्चा खत्म करने के मूड से कहा कि भाईयों कानून व्यवस्था जिस सरकार से कंट्रोल में रहती हो उसी पार्टी के उम्मीदवार को चुनो।

टी प्वाइंट

जैसे ही सभी मित्र चाय का पेमेंट करने भोलाराम के पास पहुंचे। भोलाराम से चुप न रहा गया। 1970 से चाय बेचता आ रहा हूं। तमाम सरकारें आई और गई, लेकिन आम आदमी को कोई राहत न मिल पाई। ऐसे में राजनीतिक बहस में पड़ना बेवकूफी से अधिक और कुछ नहीं लगता। किसी की भी सरकार आ जाए मुझे तो चाय ही बेचनी है।

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विकास का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है। हमें पार्टी से अधिक प्रत्याशी की छवि को ध्यान में रखकर चलना चाहिए। हमारे बीच में तो प्रत्याशी ही रहेगा।

-पौपीन प्रधान

वर्तमान सरकार में बेरोजगारी चरम पर है। पढ़े लिखे लोगों को कोई नौकरी नहीं मिल रही। सारे अपराध की जड़ बेरोजगारी ही है।

-रजत

-क्षेत्र के विकास का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है। यदि कोई विधायक पांच सालों में क्षेत्र का विकास नहीं करा पाता, तो उसका दोबारा नहीं चुनना चाहिए।

-दीपक चौधरी

क्षेत्र से जुड़े मुद्दे बहुत हैं। लेकिन विकास का मुद्दा ही वास्तविक मुद्दा है। ऐसे में जो जाति-धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर जो पार्टी विकास की बात करे उसे वोट करना चाहिए।

-राहुल