नई दिल्ली (एएनआई)। Tillu Tajpuria Murder : तिहाड़ जेल के अंदर गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इस हत्याकांड का यह दूसरा वीडियो भी रोंगेटे खड़े कर देने वाला है। जिस समय टिल्लू पर दोबारा हमला हुआ पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे। यह फुटेज तिहाड़ जेल के अंदर सेंट्रल गैलरी की दीवार पर लगे सीसीटीवी कैमरे से 2 मई की सुबह करीब 6:15 बजे का है। इससे पहले गुरुवार को जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया वह 2 मई की सुबह करीब 6:10 बजे का था। विजुअल्स में कोई पुलिस अधिकारी नहीं दिख रहा था। वहां कुछ कैदी देखे जा सकते थे, लेकिन हमलावरों को रोकने वाला कोई नहीं था। दिल्ली के रोहिणी कोर्ट शूटआउट केस के आरोपी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को 2 मई को तिहाड़ जेल में विरोधी गिरोह के लोगों ने मार डाला था। बता दें कि टिल्लू ने 24 सितंबर 2021 को रोहिणी कोर्ट रूम के अंदर जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या करा दी थी। इसके बाद टिल्लू को गोगी गैंग से खतरा था इसीलिए वह हाई रिस्क वार्ड में बंद था।

900 से ज्यादा कैमर रखते हैं नजर

तिहाड़ जेल के अंदर यह पहला मामला है। एक महीने के अंदर यह दूसरा मर्डर है। इससे पहले 14 अप्रैल की शाम तिहाड़ जेल में हुई गैंगवार में गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया का मर्डर हुआ था। उस पर भी चाकू जैसे धारदार हथियार से छह से ज्यादा वार किए गए थे। अब सवाल यह है कि आखिर देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेल तिहाड़ में इस तरह की घटनाएं कैसे हो रही हैं। यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के तिहाड़ जेल में चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। कुल 9 साै से ज्यादा कैमरों से जेल की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही साथ ही 70 से अधिक जेल अफसर यहां पर तैनात है। इसके अलावा एक हजार से अधिक जेल कर्मी यहां पर अपनी ड्यूटी देते हैं।

कैदियों को म्यूजिकल ट्रेनिंग

नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल है। जागरण जोश के मुताबिक इसे तिहाड़ आश्रम के नाम से भी जाना जाता है और यह अधिकतम सुरक्षा वाली भारत की सबसे बड़ी जेल है। तिहाड़ जेल 1957 से संचालन में है और इसमें 5 हजार से ज्यादा कैदी समायोजित करने की क्षमता है। इसके अंतर्गत 9 अलग-अलग केंद्रीय कारागार हैं। यह एक सामान्य जेल के बजाय एक रिहैबिलेशन सेंटर है जो कैदियों को एजूकेशन के माध्यम से बदलने की कोशिश करता है। इतना ही नहीं उन्हें प्रोफेशनल स्किल ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा जेल परिसर में एक इंडस्ट्री भी है, जिसे कैदी चलाते हैं। तिहाड़ जेल म्यूजिक थेरेपी का इस्तेमाल करता है। इसमें कैदियों के पुनर्वास और सुधार के लिए म्यूजिकल ट्रेनिंग सेशन व म्यूजिकल प्रोग्राम शामिल हैं।

रेडियो स्टेशन चलाया जाता

इसके अलावा जेल का अपना रेडियो स्टेशन भी है जो कैदियों द्वारा चलाया जाता है। जेल के भीतर खेल गतिविधियों में कैदी की भागीदारी ने कई वर्षों में अंतर-वार्ड और अंतर-जेल प्रतियोगिताओं के साथ साल में दो बार बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जेल शीतकाल में वॉलीबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, खो-खो, कबड्डी, शतरंज, कैरम आदि खेलों का आयोजन खेलों के उत्सव के रूप में किया जाता है, जिसे "तिहाड़ ओलम्पिक" के नाम से जाना जाता है। इस दाैरान खेल और संस्कृति के क्षेत्र से मशहूर हस्तियों और प्रसिद्ध हस्तियों को आमंत्रित किया जाता है, जो कैदियों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।

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