-एजेंसियों और बड़े स्टोर्स से बुखार की आयुर्वेदिक दवाएं गायब
-डिमांड पूरी न होने स्टोर से खाली हाथ लोट रहे कस्टमर
Meerut शहर में बुखार को लेकर जहां स्वास्थ्य विभाग हड़बड़ाया हुआ है, वहीं बाजार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। यही कारण है कि बुखार में इस्तेमाल होने वाले गिलोय और तुलसी के प्रोडक्ट स्टोर्स से गायब हैं। इन प्रोडक्ट की दिनों दिन बढ़ती जा रही मांग का आलम यह है कि शहर के बड़े स्टोरों यहां तक कि एजेंसियों पर भी इन आयुर्वेदिक दवाओं का टोटा पड़ा है।
क्या है मामला
दरअसल, शहर में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसे खतरनाक बुखार का प्रकोप चल रहा है। शहर से लेकर गांव तक इन जानलेवा बुखार के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इन बुखारों में मरीज की प्लेटलेट्स गिरना आम बात है, जिसके लिए डॉक्टर बचाव के तौर पर मरीजों को गिलोय, तुलसी, अदरक व बकरी का दूध जैसे आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के सेवन की सलाह दे रहा हैं। ऐसे में डेंगू के खौफ और प्लेटलेट्स का बैलेंस बनाए रखने के लोग आयुर्वेदिक दवाघरों का रुख कर रहे हैं।
डिमांड के आगे पस्त मार्केट
यह बुखार लोगों में बुखार के खौफ का ही कारण है कि इन आयुर्वेदिक दवाओं की बढ़ती डिमांड के सामने मार्केट धड़ाम हो गया है। शहर के बड़े स्टोरों से लेकर आयुर्वेदिक दवाओं की एजेंसियों तक पर गिलोय और तुलसी के प्रोडक्ट का टोटा पड़ा हुआ है। डिमांड इतनी अधिक है कि कस्टमर्स को ऑर्डर पर दवाई बुक करानी पड़ रही है। वहीं दुकान पर दवा न मिलने पर कस्टमर्स को मायूस वापस लौटना पड़ रहा है।
इन प्रोडक्ट्स की बढ़ी डिमांड
-गिलोय रस
-गिलोय बटी
-व्हीटग्रास गिलोय स्टेम
-सुदर्शन बटी
-गिलोय पॉउडर
-तुलसी बटी
-तुलसी रस
इम्यूनिटी बढ़ती है गिलोय-तुलसी
डॉ। एसके गुप्ता ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया कम इम्यूनिटी पर अधिक हावी होता है। इस लिए मरीजों में बच्चों और बूढ़ों की संख्या अधिक रहती है। गिलोय, तुलसी व बकरी के दूध आदि एक हफ्ते में ही इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत किया जा सकता है।
मांग में 50 गुनी बढ़ोतरी
पिछले एक माह में गिलोय और तुलसी से बने उत्पादों की डिमांड अचानक 50 गुनी तक बढ़ गई है। आज हर तीसरा कस्टमर इन उत्पादों की डिमांड लेकर एजेंसी पर आता है। डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है।
-राजेश माहेश्वरी, दवाघर बेगमपुल
गिलोय और तुलसी के उत्पादों की अत्यधिक डिमांड है। इन दवाओं की डिमांड इस हद तक है कि कंपनी का उत्पादन कम पड़ गया है। हमारे पास तीन दिनों से ये दवाएं खत्म हैं। कस्टमर वापस जा रहे हैं।
भास्कर सिंह सिसौदिया, वैधनाथ स्टोर, बच्चा पार्क
कंपनी को आठ दिनों से ऑर्डर बुक करा रखा है, लेकिन अभी तक दवाओं की सप्लाई नहीं हुई है। गिलोय और तुलसी के उत्पादों के जबरदस्त डिमांड है। आज दोपहर तक 50 कस्टमर वापस जा चुके हैं।
-अरविंद कुमार, आयुर्वेद दवाघर हापुड रोड
प्लेटलेट्स को बैलेंस करने के लिए गिलोय व तुलसी के अलावा बकरी का दूध बहुत लाभकारी है। इनके लगाताव सेवन न केवल प्लेटलेट्स को बढ़ाया जा सकता है, बल्कि डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव भी किया जा सकता है।
-डॉ। योगेश सारस्वत, जिला मलेरिया अधिकारी
बकरी का दूध 300 रुपए किलो
भले ही डॉक्टर्स सलाह न दें, लेकिन डेंगू फैलने पर बकरी के दूध की मांग बढ़ जाती है। इस बार भी यही हो रहा है। सामान्य तौर पर 40 से 50 रुपए किलो बिकने वाला बकरी का दूध अचानक 300 रुपए किलो तक बिक रहा है।