टोबैको छोडऩे का प्लान बनाने वालों के सामने उनका सबसे बड़ा दुश्मन टोबैको में पाया जाने वाला निकोटीन होता है. इस केमिकल पर टोबैको यूजर्स पूरी तरह डिपेंड हो जाते हैं. भले ही लोगों को लगे कि वे अपनी खुशी या रिलैक्स के लिए टोबैको ले रहे हैं लेकिन सच तो यह है कि वे सिर्फ निकोटीन की डिमांड पूरी कर रहे होते हैं.

कैसे आते हैं टोबैको की गिरफ्त में?Tobacco day
साइकियाट्रिस्ट अलीम सिद्दिकी के मुताबिक शौकिया या एक्सपेरिमेंट के तौर पर शुरू की गई स्मोकिंग एडिक्शन बन जाती है. अलीम एडिक्ट होने के तीन स्टेप्स बताते हैं...
फस्र्ट स्टेप
शुरुआत में स्मोकिंग रिलैक्स फील कराती है. लेकिन रेग्युलर स्मोकिंग के कुछ दिनों बाद ब्रेन में निकोटीन का एक टॉलरेंस लेवल डेवलप हो जाता है जिससे अब   टोबैको यूजर्स को रिलैक्सेशन के  लिए डोज बढ़ाने की जरूरत महसूस होती है.
सेकेंड स्टेप
डोज बढ़ा देने के कुछ दिनों के बाद इस लेवल पर भी टॉलरेंस डेवलप हो जाता है. रिलैक्सेशन के फिर डोज बढ़ाने की जरूरत महसूस होती है. इस तरह डोज बढ़ाते हुए आप चेन स्मोकर बन सकते हैं.
थर्ड स्टेप
जो सिगरेट आपको रिलैक्स फील कराती थी अब इसकी बुरी लत लगने के बाद आप इसकी क्रेविंग से परेशान हो जाते हैं और टोबैको छोडऩा चाहते हैं. इस स्टेज पर आप निकोटीन की ग्रिप में होते हैं.

क्या करता है निकोटीन?
स्मोकर्स के ब्रेन में निकोटीन रिसेप्टर्स डेवलप होते जाते हैं. टोबैको यूज करते वक्त ये अलर्ट हो जाते हैं. इसके बाद ब्रेन डोपामाइन और एड्रेनेलीन जैसे हार्मोंस रिलीज करता है जो प्लेजर फील कराते हैं. जेके कैंसर हॉस्पिटल, कानपुर के हेड एके दीक्षित कहते हैं ‘निकोटीन के एक लेवल को लेकर ब्रेन यूज्ड टु हो जाता है, अगर उसे निकोटीन नहीं मिला तो स्मोकर की क्रेविंग बढ़ जाती है.’

कैसे करें क्रेविंग पर कंट्रोल?
एक रिसर्च के मुताबिक सिगरेट या गुटखा छोडऩे के तीन तीन तक ज्यादा के्रविंग्स होती हैं. तीसरे दिन के आगे के दिनों में के्रविंग कम होती हैं.

Tips to quit smokingसाइकोलॉजिस्ट डॉ. दीपक नंदवंशी क्रेविंग से लडऩे का आसान रास्ता बताते हैं. उनके मुताबिक, ‘प्लेस, पर्सन और टाइम ये तीन चीजें किसी भी टोबैको यूजर्स से साइकोलॉजिकल तरीके से जुड़ी होती हैं. एक खास वक्त होता है जब उन्हें तलब होती है, कोई खास जगह होती है जिसे देखते ही टोबैको याद आता है या कोई दोस्त होता है जिसके साथ वे टोबैको लेना चाहते हैं.’ डॉ. नंदवंशी के मुताबिक इन्हें ब्रेक कर इनसे बचा जा सकता है, ‘शुरू में आप टोबैको लीजिए लेकिन उस खास टाइम पर, उस प्लेस पर और उस खास पर्सन के साथ बिल्कुल भी मत लीजिए. कुछ दिनों तक ऐसा करने से क्रेविंग कम हो जाएगी.’

क्या हैं टोबैको से खतरे?
आप टोबैको एडिक्ट हैं तो आपको लंग और माउथ कैंसर सहित कई दूसरे बॉडी पाट्र्स में भी कैंसर हो सकता है. साथ ही हार्ट, ब्लाडर, बोन्स, स्टमक, पैंक्रियाज सहित बहुत से आर्गन्स इसकी चपेट में आ सकते हैं.

The journey towards a better life

Tobacco day

सिगरेट में 4 हजार से ज्यादा केमिकल्स होते हैं. इसमें 250 से ज्यादा हार्मफुल माने जाते हैं जबकि 50 से ज्यादा तो कैंसर के लिए रिस्पांसिबल होते हैं.

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