नई दिल्ली (रायटर्स)। भारत सरकार आने वाले दिनों में एक और राहत पैकेज का एलान करने वाली है। इस बार यह पैकेज 1 ट्रिलियन यानी 10 खरब रुपये का होगा। इस पैकेज के चलते देश के छोटे और मध्यम उद्योगों को राहत देना होगा। पिछले महीने सरकार ने 1.7 ट्रिलियन रुपये के राहत पैकेज का एलान किया था। जिसमें गरीबों के अकाउंट में पैसे और उन्हें खाद्य सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। मगर अब मोदी सरकार का लक्ष्य बिजनेसमैनों को संकट से उबारना है। योजना से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को रायटर्स को बताया कि, 'दूसरे पैकेज को मोटे तौर पर MSMEs पर केंद्रित किया जा सकता है।' यही नहीं अधिकारी के मुताबिक, बड़ी कंपनियों के लिए भी एक अलग से पैकेज तैयार किया गया है।

बैंक लोन की लिमिट बढ़ सकती है

भारत में अब तक कोरोना वायरस के 5274 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं मरने वालों की संख्या 150 के करीब पहुंच गई है। सूत्रों का कहना है कि, 'भारतीय मीडिया पहले ही इस बात की संभावना जता चुका है कि, सरकार कोरोना के चलते आए आर्थिक संकट से निपटने के लिए राहत पैकेज का एनाउंसमेंट करेगा। इस नए पैकेज का लक्ष्य छोटे एवं मध्यम उद्योगों को राहत देना है। इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं। जैसे कि बैंक लोन की लिमिट बढ़ाना या इनकम टैक्स जमा करने के नियमों में ढील देना।' हालांकि वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

टैक्स रिफंड में मिल सकती है राहत

दूसरे सूत्र ने बताया कि सरकार छोटे कारोबारियों को टैक्स रिफंड में थोड़ी राहत देने का भी मन बना रही है। उन्हें फौरी तौर पर राहत देने के लिए इसकी घोषणा एक महीने के भीतर हो सकती है। भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि, वह छोटे व्यापारियों को टैक्स रिफंड के लिए 180 बिलियन रुपये की घोषणा करने वाला है। ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AIMO) के पूर्व अध्यक्ष केई रघुनाथन ने कहा कि सरकार को चाहिए अपने उत्पादों की बिक्री के लिए लंबे समय से लंबित बकाया को भी क्लियर करें। सरकार ने पिछले महीने संसद में बताया था कि, संघीय और राज्य सरकारों और राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों को छोटे व्यवसायों का 66 बिलियन डॉलर से अधिक बकाया पैसा है। ऐसे में इसे जल्द से जल्द क्लियर किया जाए तो काफी राहत मिल सकती है।

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