उनकी ऐश आपकी सजा

बरेली में बिजली को लेकर अजब खेल चल रहा है। कटिया कनेक्शन और बिजली की बर्बादी से सप्लाई होने वाली बिजली का 43 परसेंट लॉस हो जाता है। इससे उन लोगों को सही से बिजली नहीं मिल पाती, जिन्होंने लीगल रूप से बिजली कनेक्शन ले रखा है। इस बात को बिजली विभाग के अधिकारी खुद स्वीकार कर रहे हैं। मगर इसे लापरवाही कहें या उदासीनता, विभाग को यह पता ही नहीं की बिजली किस एरिया में बर्बाद हो रही है। बरेली अर्बन में बिजली की हो रही प्रॉब्लम और एक ही घर में दो-दो बिजली बिल दे रहे बिजली विभाग के खेल को आई नेक्स्ट ने 12 मई को प्रमुखता के साथ प्रकाशित भी किया था।

जानी सच्चाई

आई नेक्स्ट की टीम ने शहर में बिजली चोरी की सच्चाई जानने का प्रयास किया तो नतीजे एक्पेक्टेड ही निकले। जगतपुर, एजाजनगर गौटिया, जोगी नवादा, बड़ी बिहार, मणिनाथ और पुराना बस स्टैंड समेत कई जगहों पर कटिया कनेक्शन का जाल फैला हुआ है। क्या विभाग को यह नजर नहीं आता? नहीं आता तो वे कर क्या रहे हैं? अगर नजर आता है तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं होती?

चोरी में ये सबसे आगे

जगतपुर व पुराना बस स्टैंड, इन दोनों एरियाज में बिजली की सबसे ज्यादा चोरी होती है। यहां 500 से ज्यादा कटिया कनेक्शन चल रहे हैं। बस स्टैंड के पास तो एक से दूसरे पोल के बीच  6-7 कटिया देखने को मिल जाएंगी।

तो कार्रवाई क्यों नहीं

सोचने वाली बात यह है कि विभाग को इस बात की जानकारी है कि सप्लाई होने वाली बिजली का बहुत बड़ा हिस्सा वेस्ट हो जाता है। बिजली विभाग के एसी एके गुप्ता के मुताबिक, ज्यादातर बिजली की चोरी घनी आबादी वाले एरिया में होती है। तो ऐसे एरिया में एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है। कहीं यह बिजली विभाग की मिली भगत तो नहीं?

जेब में जाते हैं पैसे

सोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक कटिया कनेक्शन और अन्य माध्यम से बिजली चोरी की पूरी जानकारी विभाग के अधिकारियों को होती है। इसके बदले विभाग में चोरी करने वाले बाकायदा पैसे भी भिजवाते हैं। ये पैसे सरकारी खजाने में न जाकर सीधे अधिकारियों की जेब में जाते हैं।

दिन में जलती स्ट्रीट लाइट

स्ट्रीट लाइट्स में भी बिजली का बहुत वेस्टेज होता है। रात में जले न जलें पर दिन में अक्सर ये आपको जलती मिल जाएंगी। एक बार स्विच ऑन हो गया तो उजाला होने पर ऑफ करने वाला कोई नहीं। स्ट्रीट लाइट दिन मेंं भी जहां-तहां जलती रहती हैं।

अधिकारी नहीं पर लाइट, एसी और फैन चल रहा

ये तो थी बिजली चोरी की बात लेकिन उसका वेस्टेज भी खूब होता है। वेस्टेज भी कहीं और नहीं बल्कि सरकारी दफ्तरों में। 12 मई को सेकेंड सैटरडे होने की वजह से सरकारी दफ्तर बंद थे पर पुराना रोडवेज ऑफिस, प्रधान डाक विभाग सहित जो दफ्तर खुले थे वहां धड़ल्ले से इलेक्ट्रिसिटी वेस्ट हो रही थी। दफ्तर से अधिकारी और कर्मचारी तो गायब थे मगर एसी, फैन, बल्ब जलते रहे। हम आपको एक दिन की बात बता और दिखा रहे हैं पर ये लापरवाही तो रोज ही होती होगी।

बर्दाश्त नहीं अघोषित बिजली कटौती

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक व्यापार मंडल ने सिटी में हो रही अघोषित बिजली कटौती से तंग आकर चीफ इंजीनियर के ऑफिस का घेराव किया। उसके बाद ज्ञापन देकर कार्यालय के बाहर ही धरना भी दिया। अध्यक्ष हैदर अली ने बताया कि उन्होंने अघोषित कटौती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। विद्युत कटौती के समय की जानकारी पहले से दी जाए। वोल्टेज प्रॉब्लम तुरंत ठीक की जाए। वोल्टेज प्रॉब्लम से होने वाली क्षतिपूर्ति पर हर्जाना दिया जाए। लकड़ी क   बल्लियों पर लगे तारों को सीमेंट के खंभों पर लगाया जाए। इस दौरान फिरोज अहमद, मो। हबीब वारसी, अक्षय मैसी, नौशाद अहमद आदि मौजूद रहे।

बिजली सप्लाई का बहुत बड़ा हिस्सा चोरी हो जाता है। ऐसा ज्यादातर घनी आबादी में होता है। अगर मुझे जानकारी मिले कौन कटिया कनेक्शन और अन्य माध्यम के जरिए बिजली की चोरी कर रहा है तो उसके खिलाफ एक्शन जरूर लिया जाएगा।

- एके गुप्ता, एसी, बिजली विभाग

मैंने तो कई जगह देखा है जहां लोगों ने कटिया कनेक्शन लगा रखा है। ऐसे लोगों पर विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे जिन लोगों ने कनेक्शन ले रखा है उन्हें सही से बिजली मिल सके।

- बाबू खान, सिविल लाइंस

जब तक अधिकारी एक्टिव नहीं होंगे बिजली चोरी नहीं रोकी जा सकती है। खुलेआम बिजली की चोरी किसी न किसी रूप में हो रही है।

- राधा सिंह, प्रेमनगर

Report by: Prashant Kumar Singh