95% ऑटो मालिक जुड़े

मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में ऐप पर आधारित रेडियो टैक्सी का विरोध साफ देखने को मिल रहा है।  यूनियन ने ऊबर कैब और ओला कैब की सर्विस को हर हाल में बंद कराने की कोशिश की जा रही है।  इसके लिए मुंबई की सबसे बड़ी ऑटो रिक्शा यूनियन इसका काफी समय से विरोध कर रही है।  ऐसे में ऑटो रिक्शा यूनियन ने इसे बंद कराने और सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं शुरू कराने के लिए हड़ताल पर उतर आई है। इस संबंध में मुंबई ऑटो रिक्शा संघ के प्रमुख शशांक राव का कहना कि इस यूनियन से  95% ऑटो मालिक उससे जुड़े हैं।  जिससे साफ है कि करीब 7000 ऑटो मालिक इसके सदस्य हैं।  इतना ही नहीं उनका कहना है कि इस सबके लिए महाराष्ट्र सरकार जिम्मेदार है। निजी टैक्सी, पर्यटक वाहन और ओला और ऊबर जैसी सर्विस से हमारे ऊपर प्रभाव पड़ रहा है।  इनके कार्यप्रणाली का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है।  इस दौरान उनका कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो यह यूनियन भविष्य में फिर से हड़ताल करेगी।

अपनी सुरक्षा की मांग की

मुंबई में ऑटो रिक्शा की हड़ताल से आज लाखों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी हैं।  हालांकि इस दौरान ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सोनिया सेठी की ओर से यात्रियों के लिए विशेष इंतजाम करने की बात कही गई हैं।  इसके साथ ही यात्रियों के लिए एमएसआरटीसी बसों की भी व्यवस्था की गई।  वहीं इसके साथ मुंबई प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए जाने की बात कह रहा है। हालांकि आज ऑटो रिक्शा ड्राइवरों की इस एक दिवसीय हड़ताल में शिवसेना और टैक्सी ड्राइवरों की यूनियन शामिल नहीं हैं।  इतना ही नहीं हड़ताल में नहीं शामिल होने वाले ऑटो ड्राइवरों ने ऑटो रिक्शा चलाने के दौरान अपनी सुरक्षा की मांग की है।  उनका कहना है कि हड़ताल में शामिल होने की वजह से उन्हें खतरों से जूझना पड़ सकता सकता है।

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