PATNA: ज्ञात हो कि डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि बुधवार से सेना के दो हेलीकाप्टर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री के पैकेट गिराएंगे। मंगलवार को एक हेलीकाप्टर ने यह काम किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर इस बड़ी आपदा से निपटेगी। वह राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी की इस बात पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र बाढ़ प्रभावितों की मदद में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही। अबतक केंद्र से कोई टीम भी नहीं आई है। सिद्दीकी ने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी मांग की।

सड़क मार्ग से जाना संभव नहीं

विनियोग विधेयक संख्या-3 को पेश करने के क्रम में मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले जो समीक्षा की थी, उसमें पाया गया था कि सुदूर इलाकों में सड़क मार्ग से राहत सामग्री पहुंचाना संभव नहीं है। इसी लिए केंद्र सरकार ने हेलीकाप्टर भेजे हैं। यह केंद्र सरकार की दिलचस्पी नहीं तो और क्या है? जहां तक केंद्रीय टीम का प्रश्न है, तो पहले राज्य सरकार अपनी रिपोर्ट पेश करती है, फिर उसके आंकलन के लिए केंद्रीय टीम आती है। उन्होंने प्रश्न किया कि जब 2007 में प्रदेश में भयावह बाढ़ आई थी तब राजद के सबसे बड़े नेता केंद्र सरकार में मंत्री थे, उस समय बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित क्यों नहीं किया। सिद्दीकी ने कहा कि था कि प्रदेश में बाढ़ का कारण नेपाल से निकलने वाली अंतरराष्ट्रीय नदियां हैं। केंद्र सरकार को बिहार की मदद के लिए बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। सदन ने इस बीच विनियोग विधेयक संख्या-3 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके माध्यम से सरकार प्रथम अनुपूरक में प्रावधानित 14,330 करोड़ की राशि की निकासी कर सकेगी। इस राशि का सबसे बड़ी हिस्सा 7684.68 करोड़ रुपया वित्त विभाग खर्च करेगा।