RUDRAPRAYAG: मंडे को शीतकालीन पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली केदारपुरी के लिए रवाना होगी. संडे को शाम साढ़े सात बजे से क्षेत्रपाल भैरवनाथ की ढाई घंटे की विशेष पूजा अर्चना के साथ रुद्राभिषेक किया गया. 9 मई को भगवान केदारनाथ के कपाट सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे.

भगवान भैरवनाथ की हुई विशेष पूजा

संडे को देर शाम को पौराणिक परंपरा के अनुसार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना की गई. लगभग ढाई घंटे तक चली पूजा अर्चना में भगवान की भोगमूर्ति को फूलमालाओं से सजाकर श्रृंगार किया गया. मंदिर के पुजारी एवं वेदपाठियों ने रुद्राभिषेक एवं महाभिषेक के बाद महाआरती की. इस दौरान केदारनाथ के रावल भीमाशंकर ¨लग के दिशा निर्देशों में पूजा संपन्न करवाई गई. इससे पूर्व ऊखीमठ में भोले बाबा की नित्य पूजा एवं आरती संपन्न की भी गई. भैरवनाथ को काली दाल के पकोडे़ व पूरी का भोग लगाया गया.

इन रस्मों के बाद उठेगी डोली

बाद में इसे प्रसाद के रूप में भक्तों को वितरित किया गया. 6 मई यानी मंडे को पुजारी ने भोले बाबा की सुबह 6 बजे नित्य पूजा अर्चना व आरती की जाएगी. इसके बाद भगवान की पंचमुखी भोगमूर्ति को डोली में सजाया जाएगा. ठीक सुबह 9 बजे भोले बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने पहले पड़ाव फाटा के लिए प्रस्थान करेगी. 7 मई को उत्सव डोली फाटा से प्रस्थान कर गौरीकुंड के लिए रवाना होगी. 8 मई को बाबा की उत्सव डोली गौरीकुंड से प्रस्थान कर अपने अंतिम पड़ाव केदारनाथ धाम पहुंचेगी. 9 मई को सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट पूजा अर्चना के साथ आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे.