एक महीने सूर्योदय के डेढ़ घंटे पहले से लेकर सूर्यास्त तक भूखे प्यासे रहेंगे रोजेदार

ALLAHABAD: खुदा की इबादत का पाक महीना रमजान शुरू होने वाला है। रमजान का चांद सोलह मई को दिखाई देने की संभावना है यदि ऐसा होता है तो रमजान की पहली तारीख 17 मई को होगी। अन्यथा की स्थिति में पाक महीने का पहला रोजा 18 मई को रखा जाएगा। शहर काजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने बताया कि माह-ए-रमजान का महीना बहुत पवित्र माना जाता है। इसमें एक महीने तक सूर्योदय के डेढ़ घंटे पहले से लेकर सूर्यास्त तक भूखे प्यासे रहकर अकीदतमंद अल्लाह की इबादत करेंगे।

रमजान में यह करना है मना

- रोजे के दौरान पानी की एक बूंद भी मुंह में नहीं जानी चाहिए। सूर्योदय से डेढ़ घंटे पहले से लेकर सूर्यास्त तक भूखे प्यासे रहना होगा

- देर तक सिर को भिगोकर नहाना

- धूल व आंधी में रहना और खुशबू सूंघना

- झूठ बोलना व चुगली करना

- बेईमानी करना, संगीत सुनना

कौन रख सकता है रोजा

दरगाह मौला अली प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सैयद अजादार हुसैन ने बताया कि कुरान में नौ वर्ष या उससे अधिक की उम्र की लड़कियां और पंद्रह या उससे अधिक उम्र के लड़कों को रोजा रखना अनिवार्य किया गया है। बड़े-बुजुर्ग व बीमार लोगों को रोजा रखने की बाध्यता नहीं है।

सबसे प्रमुख तीसरा अशरा

रमजान के तीस रोजे को दस-दस दिन के तीन अशरा में बांटा गया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण तीसरा अशरा माना जाता है। शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद हसन रजा जैदी ने बताया कि तीसरे अशरे में शबे कद्र पड़ती है। इसमें रातभर मस्जिदों से लेकर घरों में कुरान का पाठ किया जाता है और दस दिन के अंतिम अशरे की एक, तीन, पांच व सात तारीख को अल्लाह की इबादत की जाती है और अपने गुनाहों से माफी मांगी जाती है।

माह ए रमजान में अल्लाह अपने बंदों पर मेहरबानियां करता है। अगर बंदे बदनीयती, बुराई, किसी को अपशब्द कहना व तेज आवाज में संगीत सुनने से तौबा कर लें और खुदा की इबादत करें तो रोजेदारों पर अल्लाह की रहमत बरसेगी।

मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी, शहर काजी