RANCHI : रांची नगर निगम सिटी की सफाई व्यवस्था की कमान एक बार फिर प्राइवेट हाथों में सौंपने जा रहा है। संसाधन की कमी होने से उसने यह फैसला लिया है। अब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम तीन एजेंसियां करेंगी। हर एजेंसी के पास अलग-अलग काम का जिम्मा होगा। इससे शहर और साफ सुथरा दिखेगा। इसके लिए टेंडर किया जा चुका है। जिसे अगले महीने तक फाइनल कर लिया जाना है। अब देखना है कि शहर की सफाई व्यवस्था में कितना सुधार आएगा। क्योंकि इससे पहले आरएमएसडब्ल्यू नामक एजेंसी ने शहर में दो साल तक सफाई का काम कराया। लेकिन शहर को स्वच्छ बनाने की बजाय नर्क बनाकर छोड़ दिया था।

अलग एजेंसी के कई फायदे

हर काम के लिए अलग एजेंसी होने का फायदा भी सिटी के लोगों को मिलेगा। एक तो एजेंसी अपना काम टाइम से करेगी। वहीं स्टॉफ की अगर हड़ताल होती है तो भी कोई काम प्रभावित नहीं होगा। इतना ही नहीं काम में लापरवाही पर यदि तीनों में से किसी एजेंसी को हटाया भी जाएगा तो बाकी काम चलते रहेंगे।

एक के जिम्मे कचरा कलेक्शन

एक एजेंसी का काम केवल डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का होगा। इसके लिए एजेंसी के स्टाफ घर घर जाकर कूड़ा उठाएंगे और उसे एमटीएस तक पहुंचाएंगे। इसमें एजेंसी को गीला और सूखा कचरा अलग करना होगा। जिससे कि वेस्ट कलेक्शन का काम प्रभावित नहीं होगा।

दूसरी के जिम्मे वेस्ट डिस्पैच

वहीं दूसरी एजेंसी का काम वेस्ट डिस्पैच का होगा। इसके तहत काम करने वाली दूसरी एजेंसी एमटीएस से कचरे को डंपिंग यार्ड ले जाएगी। इसके अलावा एजेंसी को कोई दूसरा काम नहीं करना होगा। जिससे कि एजेंसी केवल डिसपैचिंग का काम करेगी।

डंपिंग यार्ड में ही वेस्ट का डिस्पोजल

इन दोनों एजेंसियों के अलावा जिस तीसरी एजेंसी का सेलेक्शन किया जाएगा। वह डंपिंग यार्ड में केवल डिस्पोजल का काम करेगी। वहीं वेस्ट के डिस्पोजल के बाद उसका क्या यूज किया जा सकता है इस पर भी प्लान करेगी। इसके साथ ही वेस्ट टू कंपोस्ट, वेस्ट टू एनर्जी का भी ऑप्शन एजेंसी के पास होगा।

वर्जन

एजेंसी के सेलेक्शन के लिए टेंडर निकाल दिया गया है। हर काम के लिए अलग एजेंसी होगी। इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद हमारा शहर और भी साफ होगा। पब्लिक को भी इसमें जागरूक होकर सहयोग करना होगा।

आशा लकड़ा, मेयर, रांची