RANCHI : राज्य सरकार ने तीन साल पहले घर घर वाई-फाई और इंटरनेट एडिशन पहुंचाने की बात कही थी लेकिन अभी तक इस दिशा में तमाम दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। दरअसल, वाई- फाई पहुंचाने और इंटरनेट को दुरुस्त करने के लिए जिस कंपनी को काम दिया गया था, उसमें कई मामले उभरकर सामने आ गए हैं। झारखंड कम्युनिकेशन नेटवर्क लिमिटेड केके मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी यूपी शाह के खिलाफ भारतीय औद्योगिक महासंघ की तरफ से शिकायत की गयी है। इसमें 11 जिलों में भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क लिमिटेड के सेकेंड फेज के काम के लिए 490 करोड़ के जारी हुए टेंडर में गड़बड़ी किये जाने की बात कही गई है।

पहला टेंडर कैंसिल

पहली बार निकाले गये टेंडर को लेकर की हुई शिकायत के बाद निविदा को रद्द कर दिया गया है। अब दोबारा इसकी निविदा आमंत्रित की गयी है। जेसीएनएल और बीबीएनएल की ओर से तीन हजार करोड़ की लागत से इंटरनेट आधारभूत संरचना विकसित की जायेगी। सूत्रों का कहना है कि झारखंड सरकार ने जेसीएनएल के सीईओ के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं इसके उलट सीआईआई से सूचना प्राद्योगिकी विभाग ने शिकायत की सत्यता को लेकर जवाब मांगा है।

क्या है मामला

जेसीएनएल की तरफ से 11 जिलों के रूरल एरिया में घर-घर तक वाई-फाई व इंटरनेट की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टेंडर निकाला गया था। जेसीएनएल के सीईओ की तरफ से आमंत्रित निविदा में पोलिकैब, एलएनटी, आईटीआई समेत चार कंपनियों ने अपना आवेदन दिया था।

पोलिकैब ने किया इनकार

इस निविदा में 490 करोड़ का वित्तीय आवेदन देने वाली कंपनी पोलिकैब को एल-1 घोषित किया गया था। जेसीएनएल का कहना है कि एल-1 कंपनी ने काम करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि सरकार की तरफ से तीन सौ करोड़ का ही डीपीआर पूर्व में तैयार किया गया था। पूर्व की निविदा के आधार पर 30-40 प्रतिशत अधिक की बोली कंपनियों ने लगायी थी। अब इसका पुनरीक्षित डीपीआर तैयार करने के बाद फिर से निविदा आमंत्रित की गयी है।

कौन-कौन हैं जेसीएनएल में

जेसीएनएल में निदेशक मंडल में तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, सीएम के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल, आईएएस विनय चौबे, प्रवीण टोप्पो, सतेंद्र सिंह, वंदना डाडेल व आईटी निदेशक यूपी शाह शामिल हैं। कंपनी का गठन 28 जनवरी 2017 को किया गया था। इसकी अधिकृत पूंजी पांच करोड़ और पेड कैपिटल 50 लाख है।

वर्जन

दूसरी बार टेंडर एचएफसीएल को मिला है और कंपनी ने काम शुरू किया है। अभी बारिश के कारण काम स्लो है जल्द ही तेजी दिखने लगेगी।

उमेश कुमार साहा, डायरेक्टर, आईटी