टोक्यो (एएनआई)। भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन महिलाओं के वेल्टरवेट (64-69 किग्रा) वर्ग में ब्रांज मेडल लेने के बाद संतुष्ट नहीं थीं क्योंकि उन्होंने कहा कि उन्होंने मौजूदा टोक्यो 2020 ओलंपिक में गोल्ड के लिए तैयारी की थी। तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली ने सर्वसम्मति से 5-0 से बोर्गोहेन को हराया। सभी पांच जजों ने तुर्की की मुक्केबाज के पक्ष में फैसला सुनाया क्योंकि उन्होंने शानदार खेल दिखाया।

ब्रांज मेडल जीतकर संतुष्ट नहीं लवलीना
लवलीना ने अपने मुकाबले के बाद संवाददाताओं से कहा, "निश्चित रूप से अच्छा नहीं लग रहा है, क्योंकि मैं मैच हार गई हूं। हर बार मुझे कांस्य से संतोष करना पड़ता है, इसलिए मुझे इसके बारे में बुरा लग रहा है।" लवलीना ने आगे कहा, "मेडल तो मेडल होता है, भले ही वह ओलंपिक या अंतर-जिले का हो। मैंने गोल्ड के लिए तैयारी की थी और मुझे 100% यकीन था कि मैं इस बार गोल्ड जीतकर आउंगी।"

तुर्की की मुक्केबाज की तारीफ की
बाउट के बारे में बात करते हुए, 23 वर्षीय ने कहा कि, "वह [बुसेनज़ सुरमेनेली] बहुत मजबूत थी। मुझे पता था कि वह आगे आएगी और मुझे लगा कि अगर मैं पीछे हट गई तो वह मुझे और जोर से मुक्का मारेगी। इसलिए मैंने सोचा कि मैं अपने सामने के पैर पर ही टिकी रहूं लेकिन मैं अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू करने में सफल नहीं हो पाई।'

गोल्ड जीतने का सपना देखा
असम की बाॅक्सर ने आगे कहा, "जब से मैंने मुक्केबाजी शुरू की है, मैंने हमेशा ओलंपिक में खेलने और यहां गोल्ड जीतने का सपना देखा है। मैं ओलंपिक के बारे में सोचकर ही ट्रेनिंग करती हूं। वर्तमान में अच्छा महसूस कर रहा हूं कि ओलंपिक में पदक आया लेकिन मेरी उम्मीदें और ज्सादा थीं।' उन्होंने कहा, "मैंने बहुत सी चीजें सीखीं, पहले मुझमें आत्मविश्वास नहीं था, लेकिन अब मुझे ऐसा कुछ भी सामना नहीं करना पड़ता है।" फाइनल में तुर्की की शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी का सामना अमेरिका की ओशे जोन्स या चीन के होंग गु से होगा।