टोक्यो (पीटीआई)। भारतीय टीम पर सबसे ज्यादा उम्मीदों का भार तब होगा, जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम विश्व चैंपियन बेल्जियम से मंगलवार को सेमीफाइनल में भिड़ेगी। जिसका लक्ष्य ओलंपिक फाइनल में जगह बनाना है और इसके साथ 41 साल में पहली बार पदक जीतना है। भारतीय मेंस हाॅकी टीम ने ओलंपिक में अब तक 11 ओलंपिक पदक जीते हैं जिसमें से आठ गोल्ड अपनी झोली में डाले हैं। भारतीय हाॅकी का ओलंपिक खेलों में एक सुनहरा इतिहास रहा है और मनप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली टीम उस गौरवशाली अतीत को फिर से जीवित करने की ओर अग्रसर है।

भारतीय हाॅकी में फिर जगी पदक की उम्मीद
भारतीयों ने रविवार को क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई और अब पदक से बस एक कदम की दूरी है। भारत के आठ ओलंपिक स्वर्ण पदकों में से अंतिम 1980 के मास्को खेलों में आया था, लेकिन उस सीजन में कोई सेमीफाइनल नहीं था क्योंकि इस आयोजन में केवल छह टीमों ने भाग लिया था। मेजर ध्यानचंद और बलबीर सिंह सीनियर जैसे दुनिया के दिग्गज खिलाड़ियों वाली टीम इंडिया को पिछले कुछ दशकों में एक पदक के लिए जूझते देखना दुखदायक था। भारत ने आखिरी बार 1972 के म्यूनिख खेलों में ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, जहां वे कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से 0-2 से हार गए थे।

टीम इंडिया है बेहतरीन फाॅर्म में
ग्राहम रीड-कोच की मौजूदा टीम अच्छी तरह से जानती है कि मंगलवार को बेल्जियम के खिलाफ एक और अच्छी पारी इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करेगी, चाहे पदक का रंग कुछ भी हो। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने दूसरे पूल मैच में 1-7 से शिकस्त के बाद भारतीय टीम चार मैचों की जीत की लय में है और मंगलवार को आने के बाद मनप्रीत और उनके साथी इस लय को जारी रखना चाहेंगे। लेकिन यह कहना होगा कि बेल्जियम भी कोई कमजोर टीम नहीं है। पिछले कुछ सालों में बेल्जियम ने कई शानदार परफाॅर्मेंस दी हैं।

बेल्जियम के खिलाफ भारत का रिकाॅर्ड शानदार
मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन और वर्ल्ड की नंबर टीम होने के अलावा, बेल्जियम मौजूदा यूरोपीय चैंपियन भी है। हालाँकि रैंकिंग से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ैगा क्योंकि भारत वर्तमान में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। दोनों टीमों के आमने-सामने का रिकॉर्ड भी भारत के फेवर में है। भारत और रेड लायंस ने 2019 में यूरोपीय राष्ट्र के अपने दौरे के दौरान तीन बार एक-दूसरे के साथ खेला और एशियाई टीम सभी मैचों में विजयी रही। भारत ने उस दौरे के दौरान तीन मैचों में बेल्जियम को 2-0, 3-1 और 5-1 से हराया था। इस साल मार्च में सबसे हालिया आउटिंग में, भारत ने अपने यूरोप दौरे के दौरान बेल्जियम को 3-2 से हराया।

टाॅप क्लाॅस गेम दिखाना होगा
बेल्जियम के खिलाफ अपने पिछले पांच मैचों में भारतीयों ने चार जीत दर्ज की हैं। हालांकि, पिछली बार जब दोनों पक्ष ओलंपिक में एक-दूसरे से मिले थे, तो बेल्जियम रियो में 3-1 से विजेता बना था। भारत पूल ए में ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर रहा, जबकि बेल्जियम पूल बी में चार जीत और एक ड्रॉ के साथ शीर्ष पर रहा। अपने हालिया रिकाॅर्ड्स में बेल्जियम पर बढ़त के बावजूद, मंगलवार को मैदान पर आते ही भारतीयों को रेड लायंस से आगे निकलने के लिए अपने खेल में शीर्ष पर रहने की आवश्यकता होगी।

सफर अभी नहीं हुआ खत्म
भारत के कप्तान मनप्रीत सिंह क्वार्टरफाइनल जीत के बाद अपने साथियों को पहले ही आगाह कर चुके हैं, "सफर अभी खत्म नहीं हुआ है।" उन्होंने कहा, "हम बहुत खुश हैं क्योंकि लंबे समय के बाद हम सेमीफाइनल में पहुंच रहे हैं। फिर भी, सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। अभी भी हमारे पास दो और मैच हैं इसलिए हमें ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, हमें अपने पैर जमीन पर रखने की जरूरत है और हमें अगले मैच पर ध्यान देने की जरूरत है।"