शीना बोरा हत्याकांड: वैसे तो शीना बोरा की हत्या साल 2012 में हो चुकी थी। पर मामले खुलासा और उस पर जांच शुरू हुई साल 2015 में। मामले का खुलासा चौंकाने वाला था। शीना की हत्या उसकी अपनी मां इंद्राणी मुखर्जी ने की थी जो मीडिया मुगल पीटर मुखर्जी की पत्नी है। परत दर परत उधड़ते इस केस में कई पेंच थे जो इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी के अतीत के कई राज बयान करते रहे। इंद्राणी की लिव इन रिलेशन से पैदा हुई बेटी और पूर्व पति का मामला सामने आया तो पीटर के बेटे राहुल और शीना का अफेयर भी एक दास्तान बना। वहीं अब पीटर मुखर्जी पुलिस की हिरासत में हैं क्योंकि वो भी इस मामले में कहीं ना कहीं जुड़े हुए हैं। प्यार, पैसे और ब्लैकमेलिंग के इस किस्से में शीना की हत्या का केस किसी थ्रिलर डिटेक्टिव फिल्म की कहानी जैसा लगता है जो आने वाले सालों में भी हरेक की जुबान पर होगा।

हेमा उपाध्याय हत्याकांड: साल के आखीर में ऐसा ही एक केस बना खबरों की सुर्खियां जब एक पेंटर हेमा उपाध्याय और उनके वकील हरीश भंबानी की लाश मुंबई पुलिस को एक कार्टून में बंद नाले में पड़ी मिली। पता चला कि हेमा की अपने पेंटर पति चिंतन से नहीं बनती थी और दोनों तलाक लेने वाले थे। इसी तलाक को फाइनल कराने में हरीश हेमा का साथ दे रहे थे। हत्या शक चिंतन पर भी गया पर आखीर में पुलिस ने बनारस से साधु राजभर नाम के व्यक्ति को गिर फ्तार किया जिसने हेमा की हत्या का अपराध स्वीकार किया और अपने एक दूसरे साथी विद्या सागर राजभर का नाम भी बताया जिसके कहने पर उसने हत्या के कारनामे को अंजाम दिया। विद्या राजभर मुंबई में एक फोटो फ्रेमिंग वर्कशॉप का मालिक और हेमा का जानकार भी है। पुलिस को उसकी तलाश है ताकि हत्या के कारण का खुलासा हो सके। 

Hema murdur case

गैंगवार में मारे गए तिहाड़ के दो कैदी: जेल में कैदी को मारना आसान नहीं है, और वो भी सबसे सुरक्षित कहे जाने वाली तिहाड़ जेल में ऐसा होने की कल्पना करना बेहद मुश्किल है। पर इस साल ऐसा हो गया जब दो गैंग की आपस की लड़ाई में जेल के दो कैदी मारे गए। पारस और प्रदीप नाम के ये दो कैदी अदालत से जेल वैन में वापस लाये जा रहे थे जब उनकी हत्या कर दी गयी। बताया जाता है कि दो अपराधी संगठन नीतू बावोदिया और नीरज बवाना के बीच पुरानी दुश्मनी चलती रहती है और वे एक दूसरे के लोगों को मारने की कोशिश करते रहते हैं। इसी प्रयास में उस रोज जेल वैन में बैठे दोनों गैंग के लोगों में सात नीरज के साथ के थे जबकि नीतू गैंग के दो प्रदीप और गैंग का लीडर पारस थे। मौका पाते ही नीरज के साथियों ने दोनों की हत्या कर दी। हैरानी की बात है कि पुलिस और जेल प्रशासन को सारी सच्चाई का पता था फिर भी दोनों गैंग के लोगों को उन्होंने साथ आने का मौका दिया। इसी के चलते पुलिस और प्रशासन भी मामले में शक के धेरे में हैं।

लखनऊ का ट्रिपल मर्डर: ऐसा ही हिला देने वाला मामला बना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ट्रिपल मर्डर। शुरूआत में तो पुलिस को तफ्तीश के दौरान कत्ल से जुड़े किसी शख्स के बारे में कोई सुराग ही नहीं मिला। सारा मामला प्रदेश की राजधानी के एक हाई प्रोफाइल परिवार से जुड़ा हुआ था लिहाजा चर्चा और भी ज्यादा हो रही थी। पुलिस की कड़ी मेहनत और जांच से इस तिहरे हत्याकांड का चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जिसे जान कर हर कोई हैरान रह गया, क्योंकि इस ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने वाले मृतक डॉक्टर के दो सगे भाई थे। पता चला है कि एक भाई की पत्नी के साथ डॉक्टर के अवैध संबंध थे और साथ ही पैसों के लेन-देन का विवाद भी चल रहा था। इसी के चलते दो छोटे भाईयों ने मिलकर इस दहला देने वाले हत्याकांड को अंजाम दिया।

दो कटे सिरों का मामला: ये आखिरी हत्याकांड भी उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का ही है। यहां कमियापुर गांव की पुलिया के नीचे स्थानीय लोगों ने एक नया ट्राली बैग पड़ा हुआ दिखाई दिया। गांववालों ने पुलिस को इस बारे में खबर की। जब पुलिस ने जाकर बैग खोला तो सब शॅक्ड हो गए। बैग में दो जवान लड़कियों के कटे हुए सिर बंद थे। लेकिन बहुत ढूंढने पर भी आसपास उनके धड़ों का कुछ पता नहीं चला। सीतापुर पुलिस ने पूरे जिले में तलाश किया लेकिन धड़ नहीं मिले। जिसके बाद आसपास के जिलों में सूचना भेजी गयी। इसके कुछ दिनों बाद लखनऊ पुलिस को शहर के बाहरी इलाके में दो अलग-अलग स्थानों से दो सूटकेस बरामद हुए। इनमें बिना सिर के दो धड़ बंद थे। मेडिकल जांच के बाद पता चला कि वो धड़ उन्हीं लड़कियों के थे। हालाकि अब तक मृतक लड़कियों की पहचान नहीं हो पाई। पुलिस अभी भी इस मामले की जांच में जुटी हुई है।

inextlive from Spark-Bites Desk

Interesting News inextlive from Interesting News Desk