सरप्राइज विजिट में हुआ खुलासा

इस मामले का खुलासा गृह मंत्रालय के एक टॉप अधिकारी की सरप्राइज विजिट में हुआ. दरअसल गृह मंत्रालय का एक अधिकारी अरुणाचल प्रदेश की सरप्राइज विजिट पर गए हुए थे और उन्हें इस विजिट पर अपने फोन से कॉल नही कर पाए क्योंंकि इंडियन टेलिकॉम कंपनियों के सिग्नल नही अवेलेबल थे.

चीन से आ रहा मोबाइल नेटवर्क

इस मामले की जांच पड़ताल करने के बाद गृह मंत्रालय के अधिकारी को इस बात का अंदाजा हुआ कि उनके फोन में चाइनीज सिग्नल सीमा पार से चीनी मोबाइल कंपनी से आ रहे हैं. गौरतलब है कि चाइनीज कंपनियों के नेटवर्क इतने मजबूत हैं कि इंडियन कंपनियों के सिग्नल रिसीव भी नही हो रहे थे. इसके साथ इस इलाके में इंडियन कंपनियों के सिग्नल यूज करके कॉल करना पॉसिबल ही नही है;

टेलीकॉम विभाग को लिखा पत्र

जॉइंट सेक्रेट्री लेवल के इस ऑफिसर ने टेलीकॉम विभाग को तीन पेज का एक लेटर लिख कर इस बारे में अवगत कराया है. इस लेटर में इंडियन टेलिकॉम कंपनियों के ऊपर आरोप लगाया गया है कि भारतीय कंपनियों ने चाइनीज कंपनियों के प्रभाव के कारण इस इलाके में टावर नही लगाए हैंं. इसके साथ ही इस अधिकारी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट एक सेंसिटिव बॉर्डर जोन है इसलिए इंडियन गवर्नमेंट को इस इलाके के नेटवर्क पर पूरा कंट्रोल होना चाहिए. इस अधिकारी ने सुझाव दिया कि सरकार किसी पीएसयू को नए नेटवर्क बनाने का काम सौंप कर ऐसा कर सकती है. गौरतलब है कि टेलिकॉम कमीशन ने नॉर्थ ईस्ट में टेलिकॉम कनैक्टिविटी के लिए 5000 करोड़ रुपये सेंक्शन किए हैं.

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