रेश्मा और शेरा
विनोद खन्ना ने फिल्म मन का मीत में विलेन के रोल से अपना बॉलीवुड डेब्यु किया था, बतौर सोलो हीरो उन्हें पहली फिल्म हम और तुम मिली, लेकिन वे ज्यादातर मल्टी स्टारर फिल्मों में ही कामयाब हुए। ऐसी ही एक फिल्म थी रेश्मा और शेरा जिसमें उन्होंने पहली बार अमिताभ बच्चन के साथ काम किया। बाद के सालों में इस स्टार जोड़ी ने कई सुपर हिट फिल्मों में साथ काम किया।
मेरा गांव मेरा देश
1971 में आई ये फिल्म भी काफी कामयाब रही थी। फिल्म में विनोद खन्ना ने एक डाकू की भूमिका निभाई थी। फिल्म में उनके साथ धर्मेंद्र और आशा पारेख लीड रोल प्ले कर रहे थे।
मेरे अपने
इस फिल्म में विनोद खन्ना ने लीजेंडरी एक्ट्रेस मीना कुमारी के साथ काम किया था। अपनी ऑफबीट कहानी के चलते मेरे अपने को खासा क्रिटिकल एक्लेम मिला और आज भी ये विनोद खन्ना की चंद सबसे बेहतरीन फिल्मों में शुमार की जाती है।
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कच्चे धागे
इस फिल्म में भी विनोद खन्ना ने एक डाकू की भूमिका निभाई थी और उनके साथ मौसमी चटर्जी मुख्य भूमिका में थीं। फिल्म की खासियत उसका संगीत था और उस समय सुपरहिट रहा था।
अचानक
1973 में आई गुलजार के निर्देशन में बनी थ्रिलर फिल्म अचानक विनोद खन्ना के करियर में मील का पड़ाव बनी थी। ये फिल्म महज एक थ्रिलर मूवी ही नहीं थी बल्कि उसमें भावनाओं का जबरदस्त उतार चढ़ाव भी था। फेमस नानावटी कांड जिससे हाल के दिनों में बनी हिट रुस्तम भी इंस्पायर्ड थी, अचानक की थीम का भी बेस थी हालाकि कहानी में कोई समानता नहीं थी। फिल्म में विनोद ने एक दगाबाज दोस्त और बेवफा पत्नी का कत्ल करने वाले फौजी अफसर की भूमिका निभाई थी।
हेरा फेरी
अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना की जोड़ी की हिट फिल्मों में हेरा फेरी का नाम भी शामिल है।
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अमर अकबर एंथोनी
वैसे एक अमर अकबर एंथोनी ही नहीं उस साल यानि 1977 को अगर बच्चन और खन्ना की जोड़ी का साल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इन दोनों एक साथ तीन सुपरहिट फिल्में दी। इस फिल्म के अलावा बाकी दो फिल्में थीं खून पसीना और परवरिश।
मुक्कदर का सिकंदर
अगले साल 1978 में दोनों की टीम फिर सिल्वर स्क्रीन पर नजर आयी और इन्होंने मुक्कदर का सिकंदर में फिर से अपनी कामयाबी की कहानी दोहरायी। हालाकि इसी साल विनोद खन्ना में तुलसी तेरे आंगन की जैसी संजीदा फिल्म में भी नजर आये।
दयावान
विनोद खन्ना की सबसे यादगार और सुपरहिट फिल्मों की सूची में एक नाम फिल्म दयावान का भी है। जिसमें वे बिलकुल अलग अंदाज में दिखे और शायद बॉलीवुड में राबिनहुड के कररेक्टर को एक नए अंदाज में पेश करने का सिलसिला इसी फिल्म से शुरू हुआ।
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चांदनी
ये एंग्री, अग्रेसिव और विटी विनोद खन्ना के बिलकुल अलग चेहरे को सामने लाने वाली फिल्म बनी जब वे बार बार प्यार में हार जाते हैं।
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