- चाइना में कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले से ही लड़खड़ाई हुई थी टूरिज्म इंडस्ट्री

- अब ताजनगरी के छह लोगों में वायरस की पुष्टि के बाद टूरिस्ट के न आने का डर

आगरा। कोरोनावायरस से परेशान टूरिज्म इंडस्ट्री अब ताजनगरी में छह केस सामने आने के बाद सहम गई है। पर्यटन कारोबारियों को डर है कि कोरोनावायरस के केस सामने आने पर कहीं टूरिस्ट शहर आने का प्लान ही नहीं छोड़ दें।

न के बराबर आए चाइनीज

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने बताया कि चाइना में कोरोनावायरस का प्रकोप सामने आने के बाद से ही ताजनगरी की टूरिज्म इंडस्ट्री लड़खड़ाई हुई थी। 16 जनवरी को चाइना में न्यू ईयर होता है। ऐसे में बड़ी संख्या में चाइनीज टूरिस्ट घूमने का प्लान बनाते हैं। इंडिया में भी काफी चाइनीज टूरिस्ट आते हैं। इस दौरान वह अपनी विजिट में ताज का दीदार करने को जरूर प्लान्ड करते हैं। लेकिन, कोरोनावायरस के चलते इस बार ताजनगरी में न के बराबर टूरिस्ट आया।

90 परसेंट से 20 पर आ गए

अध्यक्ष चौहान बताते हैं कि पर्यटन इंडस्ट्री को हुए नुकसान का अंदाजा आप इस तरह लगा सकते हैं कि आम दिनों में अक्टूबर से मार्च तक आगरा के होटल में ओकोपेंसी 80-90 परसेंट रहती थी। लेकिन, इस बार इस टाइम ड्यूरेशन में ओकोपेंसी का आंकड़ा सिर्फ 20 परसेंट पर सिमट गया। ये हालात तब थे, जबकि कोरोनावायरस के छुटपुट मामले ही इंडिया में सामने आए थे। आगरा में भी एक या दो संदिग्ध ही सामने आए थे। इसके चलते चाइना को छोड़ अन्य देशों के टूरिस्ट इंडिया आ रहे थे।

देसी टूरिस्ट ने भी बनाई दूरी

अब शहर के छह लोगाें के इस वायरस के चपेट में आने की पुष्टि के बाद टूरिस्ट में भी डर बैठना लाजिमी है। ऐसे में ताज विजिट को आने वाले विदेशी टूरिस्ट अपनी बुकिंग कैंसिल करा सकते हैं। साथ देसी टूरिस्ट भी ताजनगरी आने से परहेज कर सकते हैं। इससे टूरिज्म इंडस्ट्री ठहर सी जाएगी।