- पुरातात्विक इमारतों के साथ ही हाल ही में बने नये टूरिस्ट स्पॉट में बढ़ रही टूरिस्ट्स की आमद

- शहरवासियों के साथ ही बाहरी लोगों को भी पसंद आ रही खूबसूरती

LUCKNOW: राजधानी को भूलभुलैया, इमामबाड़ा, रूमी गेट और ऐसी ही नवाबी काल की बनी इमारतों के लिये जाना जाता था। पर, हाल के कुछ वर्षो में शहर में बने नये टूरिस्ट्स डेस्टिनेशंस भी टूरिस्ट्स के दिल में जगह बनाने में सफल हो रहे हैं। आलम यह है कि इन नये टूरिस्ट स्पॉट्स को न सिर्फ राजधानी वासी पसंद कर रहे हैं बल्कि, शहर के बाहर से घूमने आने वालों को भी अपनी ओर खींच रहे हैं। आइये आपको बताते हैं राजधानी में बने कुछ ऐसे ही टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के बारे में कि क्या है इनकी खासियत जिसकी वजह से इन्होंने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा

गोमती रिवर फ्रंट

पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट को करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसमें पिपराघाट से पक्का पुल तक गोमती नदी के दोनों ओर डायाफ्रॉम वॉल के साथ ही होटल ताज के सामने गोमती नदी किनारे रिवर फ्रंट का निर्माण किया गया। पेड़-पौधों, हरी घास, बैठने के स्थान के साथ ही रंग-बिरंगे फव्वारे शाम को इसकी रौनक में चार चांद लगाते हैं। यहां पर 300 कारों को पार्क करने के लिये पार्किंग, नदी और नागरिकों को जोड़ने के लिये वेटलैंड, मल्टी परपज कोर्ट के साथ ही नौकायन का भी इंतजाम किया गया है।

जनेश्वर मिश्र पार्क

गोमतीनगर एक्सटेंशन में बनाया गया जनेश्वर मिश्र पार्क भी पूर्ववर्ती सपा सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था। 152 हेक्टेयर में यह पार्क 20 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ। हजारों पेड़, दिलकश झील वाले इस पार्क में ओपन एयर जिम भी बनाई गई है। जहां मॉर्निग वॉकर्स एक्सरसाइज करते हैं। पार्क की झील में नौकायन के लिये गंडोला नांव मंगाई गई है। बेहद विशाल एरिया में बनाए गए इस पार्क में टूरिस्ट की रुचि बढ़ाने के लिये यहां पर एयरफोर्स का मिग-21 फाइटर प्लेन लगाया गया है। इसके अलावा इंडियन रेलवे ने इस पार्क में कोयले से चलने वाला हेरिटेज इंजन भी स्थापित कराया है। पार्क में देश का तीसरा सबसे ऊंचा 207 फीट ऊंचाई का तिरंगा लगाया गया है।

कांशीराम ग्रीन इको गार्डेन

वीआईपी रोड स्थित राजधानी की पुरानी जेल को ढहाकर वर्ष 2011 में 112 एकड़ जमीन पर कांशीराम ईको का निर्माण किया गया था। पूर्व सीएम मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट कांशीराम इको गार्डेन के निर्माण में 834 करोड़ रुपये की लागत आई थी। इस पार्क में 25 प्रजातियों के जंगली जानवरों की कांसे की मूर्तियां लगाई गई हैं। पार्क में 500 से अधिक स्टेच्यू इसकी सुंदरता को चार चांद लगाते हैं। पार्क में 1.80 करोड़ रुपये की लागत से सोलर पावर सिस्टम लगाया गया है। यह सिस्टम पार्क में इस्तेमाल होने वाली बिजली का उत्पादन खुद करता है। पार्क में कांशीराम स्मारक भवन भी है, जिसमें कांशीराम व मायावती की मूर्ति है। पार्क में कैक्टस पार्क भी है, जिसमें विभिन्न किस्म के कैक्टस लगाए गए हैं।

डॉ। राम मनोहर लोहिया पार्क

गोमतीनगर स्थित लोहिया पथ पर वर्ष 2007 में डॉ। राम मनोहर लोहिया पार्क का निर्माण तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने कराया था। 76 एकड़ में फैले पार्क में हरियाली देखते ही बनती है। पार्क में हजारों की संख्या में पेड़ इसमें आने वाले को प्राकृतिक माहौल मुहैया कराते हैं। पार्क में 340 मीटर व 440 मीटर लंबे दो जॉगिंग ट्रैक हैं। पार्क में 15,277 स्क्वायर मीटर की झील भी मौजूद है। जिसमें मौजूद मछलियां और बत्तख इसे मनोरम बनाती हैं। इस पार्क में भी ओपन एक्सरसाइज एरिया बनाया गया है। जिसमें एक्सरसाइज के लिये सात मशीनें भी लगाई गई हैं। पार्क में बनाए गए फ्लावर गार्डेन में दुर्लभ किस्म के फूलों के पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा पार्क में 805 मीटर का रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रेंच भी बनाया गया है।