- सुतोल के रास्ते एसडीआरएफ की टीम ट्रैकर की खोज में निकली, जिला प्रशासन ने आईटीबीपी से भी मांगा सहयोग

GOPESHWAR: चमोली जिले में स्थित त्रिशूल पर्वत पर ट्रैकिंग के दौरान लापता विदेशी नागरिक का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चला। पर्वतारोही की तलाश में रवाना राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीएआरएफ) का दल घाट सुतोल के रास्ते मौके लिए रवाना हुआ है। इस बीच, जिला प्रशासन ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) से भी मदद मांगी है। सूत्रों के अनुसार दल के बाकी सदस्य बेस कैंप में सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

हंगरी का रहने वाला है ट्रैकर

विभिन्न देशों के छह सदस्यीय दल ने 15 सितंबर को त्रिशूल पर्वत पर ट्रैकिंग शुरू की थी। घाट विकासखंड के सुतोली से आगे बढ़ा यह दल लगभग पांच हजार मीटर तक चढ़ चुका है। इस पर्वत की कुल ऊंचाई सात हजार एक सौ मीटर के आसपास है। बताया गया बेस कैंप माउंट त्रिशूल-टू पहुंचने के बाद दल का एक सदस्य लापता हो गया। उस दिन यहां एवलांच आया था। लापता टै्रकर का नाम पीटर विटेक है, वह हंगरी निवासी बताया जा रहा है। उसी के एक साथी ने अमेरिका में अपनी परिचित महिला को पीटर के लापता होने की सूचना दी थी। मंडे को चमोली जिला प्रशासन को इसका पता चला। पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि लापता ट्रैकर की खोज में एसडीआरएफ का विशेषज्ञ दल ट्यूजडे सुबह सुतोल से आगे बढ़ा। हालांकि दल को दल के किसी भी सदस्य से संपर्क नहीं हो पाया, लेकिन एक गाइड दल को मिला है, जो ट्रैकर्स को बेस कैंप छोड़कर लौटा था। उसने बताया कि पांच पर्यटक बेस कैंप में सुरक्षित हैं। पुलिस अधीक्षक के अनुसार एसडीआरएफ का दल उन तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है, इससे समय लगने की उम्मीद है। इसके मद्देनजर आईटीबीपी से भी सहयोग मांगा जा रहा है।