- 210 बी दुकानों का मामला, विरोध के चलते बैरंग लौटी टीम

- व्यापारियों ने कैंट बोर्ड की टीम को सुनाई खरी-खरी

Meerut । 210 बी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार सुबह कैंट बोर्ड के एई पीयूष गौतम के नेतृत्व में टीम 210 बी दुकानों की सील करने पहुंची। टीम के पहुंचते ही व्यापारियों ने हंगामा शुरू कर दिया। टीम का घेराव कर जोरदार नारेबाजी की। हंगामे की सूचना पर एसपी सिटी सहित कई अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। दोपहर तीन बजे तक व्यापारियों का हंगामा जारी रहा।

बैरंग लौटी टीम

करीब दो बजे तक 210 बी पर कैंट बोर्ड की टीम जमी रही। कैंट बोर्ड की टीम बुलडोजर, ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर पहुंची थी। तकरीबन दो बजे एडीएम सिटी मुकेश चंद्र पहुंचे। उन्होंने व्यापारियों व कैंट बोर्ड की टीम से बातचीत शुरू की। दोनों से कागज देने के लिए कहा। इस पर कैंट बोर्ड की टीम ने हाईकोर्ट की अवहेलना की बात कही, लेकिन कागज उनके पास नहीं थे। इस पर एडीएम सिटी ने बिना कागजात आने पर थोड़ी नाराजगी जाहिर की। थोड़ी देर बाद कैंट की टीम बैरंग वापस लौट गई। जबकि एसपी सिटी मान सिंह चौहान व एडीएम सिटी वहां पर दोपहर साढ़े तीन बजे तक डटे रहे।

व्यापारियों ने किया घेराव

कैंट बोर्ड की टीम जैसे ही दुकानों को सील करने के लिए 210 बी पहुंची तो व्यापारियों ने टीम का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। हंगामे की सूचना पर पहुंचे एसपी सिटी को भी व्यापारियों ने घेर लिया। हंगामे की सूचना पर संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता व सदर व्यापार संघ के अध्यक्ष सुनील दुआ भी व्यापार पर पहुंच गए।

सीईओ पर आरोप, गिरफ्तारी की मांग

व्यापारियों ने एसपी सिटी मान सिंह चौहान का घेराव कर सीईओ राजीव श्रीवास्तव पर रिश्वत का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की मांग की। व्यापारियों का आरोप था कि सीईओ रिश्वत लेकर कैंट में अवैध निर्माण करा रहे हैं। उनकी संपत्ति की जांच की जाए। साथ ही डेढ़ साल पहले हुए 210 बी हादसे में उनके खिलाफ एफआईआर करते हुए गिरफ्तार किया जाए। इस दौरान व्यापारियों ने सीईओ की गिरफ्तारी की मांग और संपत्ति की जांच कराने की मांग की तख्तियां ले रखी थी।

महिला की हुई मौत

210 बी में रह रही एक बुजुर्ग महिला की मौत की खबर ने मामले को और गरमा दिया। हालांकि महिला की मौत बीमारी से हुई थी। लेकिन वहां पर कैंट बोर्ड की टीम की दहशत से मौत की होने अफवाह फैल गई।

व्यापारियों ने लगाए बैनर

210 बी में दुकान खोलकर बैठे व्यापारियों ने दुकानों के ऊपर दो बैनर लगा रखे थे। जिसमें से एक बैनर पर पीए मोदी व रक्षा मंत्री से पीडि़ता परिवार की मांग, सीईओ को 210 बी मारे गए चार लोगों की हत्या के मामले में बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग तथा परिवार के सदस्यों को नौकरी व सहायता करने का बैनर लगा रखा था। जबकि दूसरे बैनर पर कैंट बोर्ड व्यापारियों की अभी कितनी और लाश गिनना चाहता है लिखा था।

नई दुकान से बड़ा विवाद

210 बी मॉल के पास एक नई दुकान का निर्माण हुआ है। वह दुकान भी 210 के परिसर में आती है। व्यापारियों का आरोप है कि कैंट बोर्ड ने रिश्वत लेकर इसका निर्माण कराया है। इसी दुकान के निर्माण होने से व्यापारियों ने भी अपनी दुकान खोल ली। व्यापारियों का कहना है कि चालीस साल पुराना यह मार्किट है। इसके ऊपर जो मॉल बना था वह अवैध था। उसको कैंट बोर्ड ने तोड़ ही दिया। अब दुकानों में क्यों सील लगाई जा रही है।

हाईकोर्ट की अवेहलना

दरअसल तीन दिन पहले व्यापारियों ने 210 मॉल पर बनी दुकानों को सील तोड़कर खोल लिया था। इस पर शासन स्तर पर शिकायत हुई कि कोर्ट की अवेहलना कर दुकानों को खोल लिया गया है। साथ ही अभी तक कैंट बोर्ड ने मॉल को पूरी तरीके से ध्वस्त नहीं किया है। शासन स्तर से फोन आने पर गुरूवार को डीएम और एसएसपी जीओसी मेजर जनरल के मनमीत सिंह से मिलने के लिए पहुंचे थे। करीब एक घंटे तक इस मामले में उनसे बातचीत हुई।

तीन बार मांगी पुलिस

कैंट बोर्ड का आरोप है कि 210 बी मॉल को ढहाने के लिए तीन बार पुलिस मांगी गई थी। लेकिन पुलिस उपलब्ध नहीं कराई गई। इसीलिए अभी तक मॉल को ध्वस्त नहीं किया जा सका है।

हाईकोर्ट के आदेशानुसार 210 बी की खुली दुकानों को सील करने के लिए गए थे। व्यापारियों ने इसका विरोध किया। पुलिस की उपलब्धता न होने के कारण अभी दुकानों को सील किया जाएगा। पुलिस उपलब्ध होने पर उन्हें ध्वस्त किया जाएगा।

राजीव श्रीवास्तव, सीईओ कैंट बोर्ड