-बदहाल ट्रैफिक सिस्टम के लिए पब्लिक और व्यवस्था को दोषी मानते हैं शहरवासी

शहर में खराब ट्रैफिक के लिए जितनी लचर व्यवस्था जिम्मेदारी है उतनी ही पब्लिक भी है। सिग्नल पर नहीं रुकना और रांग साइड से ओवरटेक करना समेत तमाम ऐसे नियम है जिनको पब्लिक रोज तोड़ती है। पिछले दिनों कराए गए टै्रफिक सर्वे में यह बातें खुलकर सामने आई। खराब सिस्टम को लोगों ने केंद्र में रखा तो वहीं टै्रफिक डिपार्टमेंट की गलतियों को महज 20 से 30 परसेंट लोगों ने स्वीकारा है।

38

परसेंट शहरवासी टै्रफिक की बिगड़ी व्यवस्था के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं

20

परसेंट पब्लिक ट्रैफिक डिपार्टमेंट को दोषी मानती है

42

परसेंट मानते हैं कि गड़बड़ी के लिए शहर की लचर व्यवस्था जिम्मेदार है

54

परसेंट पुरुष मानते है कि खराब ट्रैफिक के लिए पब्लिक ही दोषी है।

18

परसेंट टै्रफिक डिपार्टमेंट को दोषी मानते हैं।

28

परसेंट ने खराब व्यवस्था को दोषी माना है।

18

परसेंट महिलाएं मानती है कि यहां की पब्लिक ही यातायात व्यवस्था को खराब किए है।

22

परसेंट ट्रैफिक डिपार्टमेंट को जिम्मेदार मानती हैं।

60

परसेंट ने खराब सिस्टम को जिम्मेदार माना है।

38

परसेंट स्टूडेंट्स ने स्वीकारा है कि पब्लिक अधिक दोषी है टै्रफिक की गड़बड़ी के लिए

38

परसेंट ने ट्रैफिक डिपार्टमेंट को जिम्मेदार बताया है।

24

परसेंट ने खराब व्यवस्था को जिम्मेदार माना।

47

परसेंट प्रोफेशनल्स ने भी माना है कि शहरवासी दोषी हैं।

20

परसेंट ने ट्रैफिक डिपार्टमेंट को दोषी माना है।

33

परसेंट ने खराब व्यवस्था को जिम्मेदार माना है।

50

परसेंट बिजनेसमैन मानते है कि शहरवासी ही जिम्मेदार हैं टै्रफिक की बदहाली के लिए

17

परसेंट ने टै्रफिक डिपार्टमेंट को दोषी माना है।

33

परसेंट ने खराब व्यवस्था को दर्शाया है।

70

परसेंट कार ड्राइवर्स ने माना कि पब्लिक ही असल जिम्मेदार है।

10

परसेंट ने माना कि ट्रैफिक डिपार्टमेंट की गलती है।

33

परसेंट ने खराब व्यवस्था को असल जिम्मेदार माना है।

73

परसेंट बाइकर्स मानते हैं कि पब्लिक यहां की जिम्मेदार है।

12

परसेंट ने यातायात विभाग को ही जिम्मेदार ठहराया है।

50

परसेंट ट्रांसपोर्ट यूजर्स ने माना कि पब्लिक खुद जिम्मेदार है और इतना ही जिम्मेदार यहां की खराब व्यवस्था को भी बताया है।

20

परसेंट 15 से 18 एज ग्रुप वालों ने स्वीकार कि पब्लिक दोषी है।

60

परसेंट ने ट्रैफिक डिपार्टमेंट को दोषी ठहराया है।

20

परसेंट ने खराब व्यवस्था को वजह बताया है

47

परसेंट 19 से 35 एज ग्रुप वालों ने स्वीकारा कि शहरवासी ही जिम्मेदार हैं।

18

परसेंट ने सिर्फ ट्रैफिक डिपार्टमेंट को जिम्मेदार ठहराया है।

35

परसेंट ने यहां की खराब व्यवस्था को जिम्मेदार माना है।

39

परसेंट 35 प्लस एज गु्रप वालों ने माना कि पब्लिक जिम्मेदार है।

4

परसेंट ने सिर्फ ट्रैफिक डिपार्टमेंट को जिम्मेदार माना है।

57

परसेंट ने यहां की खराब व्यवस्था को दोषी ठहराया है।

यह तो सच है कि जर्जर सड़क और जगह-जगह सीवर का पानी फैलने व कूड़ा करकट सड़क पर बिखरे रहने की वजह से ट्रैफिक संचालन में बाधाएं आ रही हैं। इससे पब्लिक को निजात दिलाने के लिए संबंधित विभागों को लेटर लिखा गया है।

श्रवण कुमार सिंह, एसपी ट्रैफिक

ट्रैफिक सिग्नल पर नहीं रुकना और रांग साइड से चलना बनारस के लोगों की आदत में शामिल है। हालांकि अब धीरे-धीरे आदतों में बदलाव हो रहा है। वहीं शहर की जर्जर सड़के भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं।

स्मृति शर्मा, चौकाघाट

शहर की खराब सड़कें, जगह-जगह कूड़े-करकट के ढेर और ध्वस्त सीवर ट्रैफिक संचालन में बाधक बना हुआ है। इनसे निजात मिल जाए तो बेशक यातायात बेहतर हो जाएगा।

पीयूष मिश्रा, लंका