- यातायात मित्र करेंगे चौराहों की निगरानी, जोड़े जाएंगे वालंटियर्स

- नगर निगम और जीडीए सहित अन्य विभाग दें साथ तब बनेगी बात

GORAKHPUR: शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में लगने वाले जाम से निजात दिलाकर ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए यातायात जागरुकता समिति बनाई जाएगी। हर मोहल्ले से वालंटियर्स को जोड़कर ट्रैफिक पुलिस मौजूदा संसाधनों के जरिए समस्या के समाधान के लिए प्रयास करेगी। शुक्रवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के ग्रुप डिस्कशन में यह बात सामने आई। इसमें एक्सप‌र्ट्स का कहना था कि सबसे पहले शहर के हर व्यक्ति को खुद में बदलाव लाना होगा। ट्रैफिक संचालन में आने वाले अवरोध को दूर करने के लिए पुलिस के साथ-साथ पब्लिक को अपनी भूमिका निर्वहन करना होगा। जागरुकता के जरिए ज्यादातर समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इस बात पर आम सहमति बनी।

फ्यूचर प्लानिंग का अभाव

शहर में जाम के हालात सिर्फ एक-दो वजहों से नहीं हैं। सड़कों और चौराहों पर एनक्रोचमेंट से लेकर मोटर व्हीकल की बढ़ती तादाद और नए कंस्ट्रक्शन भी जाम को बढ़ा रहे हैं। शहर के पॉश इलाकों से लेकर बाजारों में फ्यूचर प्लानिंग का भारी अभाव नजर आता है। टाउन प्लानर ने भविष्य की योजनाओं को देखते हुए ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे आने वाले 20-25 साल तक कोई दिक्कत न उठानी पड़े। जीडीए और नगर निगम के लोग अपनी भूमिका निर्वहन ठीक से नहीं कर रहे।

विभागों का भी चाहिए सहयोग

डिस्कशन में यह बात निकलकर सामने आई कि हम सुधरेंगे तो शहर का ट्रैफिक सुधरेगा। यह बात सभी पर लागू होगी चाहे वह अतिक्रमणकारी हों, या फिर टाउनप्लानर, नगर निगम से लेकर ट्रैफिक पुलिस तक को अपनी-अपनी जिम्मेदारी निबाहनी होगी। एसपी ट्रैफिक ने कहा कि हर कोई अपनी जिम्मेदारी भागता है। इसलिए समस्याएं सामने आती हैं। डिस्क्शन में लखनऊ के अमीनाबाद में होने वाले बदलाव को चर्चा करते हुए नए प्रयोग करने पर जोर दिया गया।

ग्रुप डिस्क्शन में सामने आए ये समाधान -

- शहर के चौराहों पर बाएं मुड़ने वालों के लिए छोटे-छोटे डिवाइडर बनाए जाएं जिससे हर कोई अपनी लेन में रहे।

- जीडीए और नगर निगम किसी भी तरह के निर्माण कार्य के लिए ट्रैफिक पुलिस से एनओसी लें।

- सोमवार के दिन शहर में किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन की अनुमति न दी जाए। सोमवार को इस पर पूरी तरह से रोक लगे।

- शहर में चले सभी निर्माण कार्य को समयबद्ध पूरा कराया जाए। बारिश के पहले ही सभी तरह के कंस्ट्रक्शन को पूरा कराया जाए।

- सड़क पर बने डिवाइडर एक चौराहे से दूसरे चौराहे तक पूरे बनाए जाएं। इससे बीच में कोई वाहन नहीं मुड़ सकेगा।

- भीड़वाली जगहों को एनक्रोचमेंट से पूरी तरह से मुक्त कराया जाए। अतिक्रमण होने पर हटाने की जिम्मेदारी तय हो।

- स्कूलों के कोर्स में ट्रैफिक नियमों से संबंधित पाठ भी शामिल किए जाएं। पब्लिक के अवेयरनेस के लिए अभियान चलाए जाएं।

व्यवस्था में बदलाव के लिए स्ट्रक्चर देना पड़ेगा। हम 24 घंटे से ज्यादा सड़क पर खड़े होकर ट्रैफिक कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस सिर्फ लोगों से यातायात नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी निभा सकती है। लेकिन अन्य सुधारों के लिए जीडीए और नगर निगम के लोगों को आगे आना होगा। पब्लिक के सहयोग और सभी विभागों के आपसी कोआर्डिनेशन से व्यवस्था में बदलाव किया जा सकता है।

आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक

इंजीनियरिंग सुधारने और डिवाइडर निर्माण का काम नगर निगम का है। कंस्ट्रक्शन के काम समय से पूरे न होने, बिना पार्किंग के दुकानों का निर्माण कराए जाने सहित कई ऐसी समस्याएं हैं जो प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होने दे रही हैं। रोजाना लोगों का चालान काटा जा रहा है। होमगा‌र्ड्स को लगाकर अतिक्रमण करने वाले ठेले-खोमचे हटाए जा रहे हैं। लेकिन कहीं न कहीं इंफ्रास्ट्रक्चर की प्रॉब्लम सामने आ रही है।

बीएन गुप्ता, टीएसआई

ट्रैफिक व्यवस्था के सुधार में टाउन प्लानर को जोड़ा जाना बेहद जरूरी है। अब घंटाघर, रेती चौक और पांडेयहाता में बदलाव संभव नहीं है। जीडीए की जिम्मेदारी है कि किसी भवन निर्माण की इजाजत देते समय पार्किंग सहित अन्य व्यवस्था की उपलब्धता पर जोर दें।

पूर्णेदु शुक्ला, प्रोफेशनल

सुधार के लिए जागरुकता ज्यादा जरूरी है। ट्रैफिक नियम तोड़ना, अतिक्रमण करना, गलत लेन में वाहन चलाना लोगों के इगो का विषय बन जाता है। पब्लिक के बीच अवेयरनेस कैंपेन चलाकर ट्रैफिक नियमों के पालन कराने के प्रति जागरुक किया जा सकता है।

अभिषेक सिंह, सोशल वर्कर

ट्रैफिक की प्रॉब्लम का साल्युशन 60 फीसदी पब्लिक के हाथ में है। बिना सबके सहयोग के इस समस्या को दूर नहीं किया जा सकता है। इसलिए सभी विभागों को एक मंच पर आकर समुचित प्रबंध करना चाहिए।

आशुतोष मिश्र, टीचर

शहर की सड़कों पर कई जगहों पर कट होने से लोग जहां-तहां मुड़ जाते हैं। गोलघर मार्केट हो या शास्त्री चौराहा से लेकर बेतियाहाता सहित अन्य जगहों पर सड़क के कट से वाहन मुड़ते हैं। डिवाइडर के कट को हर जगह बंद कर दिया जाए।

शहाब आलम, बिजनेसमैन

शहर में ट्रैफिक पुलिस अच्छा काम कर रही है। कुछ जगहों पर पब्लिक के सहयोग की जरूरत है। जैसे कि बक्शीपुर और अलीनगर बाजार में जहां बिल्कुल सड़क नहीं बची है। दुकानों के सामने अतिक्रमण, फिर डिवाइडर के दोनों ओर लगने वाली दुकानों को हटाया जाना जरूरी है।

पि्रंस सिंह, स्टूडेंट लीडर

शहर में बहुत चौराहे काफी संकरे हैं। पैडलेगंज में बसों को खड़ा किया जाता है। यहां पर रोडवेज के कर्मचारी बिल्कुल नजर नहीं आते। नौसढ़, टीपी नगर, असुरन चौक, धर्मशाला बाजार-काली मंदिर सहित कई जगहों पर अतिक्रमण देखा जाता है। इस अतिक्रमण को हटाकर सड़क खाली कराना जरूरी है।

राहुल गुप्ता, बिजनेसमैन