11 बजे हो गई विदाई 
प्रेम चंद्र को आजकल की शादी विवाद में होने वाला शोर शराबा एकदम पसंद नहीं है। उन्हें यह नहीं पसंद कि शादी समारोह में शामिल होने के नाम पर पहुंचने वाले दोस्त या रिलेटिव ड्रिंक करें। रॉबिन की शादी को प्लानिंग से अरेंज किया गया। शाम को पन्ना लाल रोड पर शिव वाटिका में बारात पहुंची और द्वारपूजा का प्रोग्राम शुरू हो गया। सात बजते ही विवाह अपने रीतिरिवाज से पंडित जी ने शुरू कर दिया। डेढ़ घंटे के बाद प्रीतिभोज शुरू हो गया। डिनर के बाद विदाई समारोह होना था। और मिड नाइट तक दुल्हन लेकर वे अपने घर लौट गए। पूर्व मेयर चौधरी जीतेन्द्र नाथ, जस्टिस जेएस सिन्हा, डॉक्टर कार्तिकेय, जस्टिस चौधरी,  सांसद रेवती रमण, श्यामा चरण गुप्ता आदि इस परिवर्तन के साक्षी बने. 

टाइम मैनेजमेंट
प्रेम चन्द्र ने बताया कि इस तरह के शादी समारोह में आपके सभी रिलेटिव और दोस्त न केवल शादी में शामिल होने पहुंचेंगे बल्कि दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने के लिए उनके पास पूरा टाइम रहेगा। आजकल की भागदौड़ की जिन्दगी में किसी के पास समय नहीं है कि वह रातभर आपके यहां टाइम दे सके। अगले दिन मार्निंग में किसी को ऑफिस जाना होता है। तो किसी को बच्चों को स्कूल भेजने की चिंता सताने लगती है। शादी में पहुंचते ही लोग घड़ी देखना शुरू कर देते हैं। यहां टाइम मैनेजमेंट का पूरा ध्यान रखा गया था। डिनर भी रात दस बजे शुरू हो गया ताकि खाने को खाने की तरह खाया जा सके. 

मनी सेविंग
शादी समारोह में आजकल सिर्फ आडंबर और दिखावे के चक्कर में लोग लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। महंगे बैंड बाजे बुक होते हैं। बिना बैंड पार्टी के बारात नहीं निकलती। ऐसे फालतू खर्चे हम बचा सकते हैं। लाइट के नाम पर भी हजारों रुपए नुकसान होता है। बिजली की बर्बादी होती है। हम इसकी भी बचत कर लेते हैं. 

नो ट्रैफिक प्रॉब्लम
जब बारात डीजे के साथ निकलती है तो दूल्हे के साथ बाराती झूमते हुए चलते हैं। महिलाएं भी पीछे नहीं रहती हैं। वे अपनी खुशी के लिए दूसरों की चिंता नहीं करते। जैसे ही बारात पहुंचती है रोड जाम हो जाती है। नशे में होने के साथ बाराती रोड पर खूब डांस करते हैं। ऐसे में वहां से गुजरने वाली पब्लिक एक साइड खड़ी होकर सिर्फ मन ही मन बारातियों को गाली देती है। अगर कोई तामझाम न रहा तो यह प्राब्लम नहीं होगी. 

इंडियन ट्रैडिशन
सबसे बड़ी बात यह है कि हम अपने कल्चर को बचा रहे हैं। हमारे यहां हमारे धर्म में शादी कोई बच्चों का खेल नहीं है। इसे सात जन्मों का रिश्ता जोडऩा माना गया है। इस पवित्र रिश्ते को बचाने के लिए सही तरीके से एक दूसरे को समझकर ही शादी करनी चाहिए। दहेज के लालच में आकर बिना जाने समझे शादी नहीं कर देनी चाहिए। कोशिश यही होनी चाहिए दूल्हा और दुल्हन की दोनों की रजामंदी हो ताकि उनका भविष्य उज्जवल रहे। रॉबिन की शादी शिल्पी से हुई है। दोनों एमकॉम व एमबीए हैं. 

11 बजे हो गई विदाई 

प्रेम चंद्र को आजकल की शादी विवाद में होने वाला शोर शराबा एकदम पसंद नहीं है। उन्हें यह नहीं पसंद कि शादी समारोह में शामिल होने के नाम पर पहुंचने वाले दोस्त या रिलेटिव ड्रिंक करें। रॉबिन की शादी को प्लानिंग से अरेंज किया गया। शाम को पन्ना लाल रोड पर शिव वाटिका में बारात पहुंची और द्वारपूजा का प्रोग्राम शुरू हो गया। सात बजते ही विवाह अपने रीतिरिवाज से पंडित जी ने शुरू कर दिया। डेढ़ घंटे के बाद प्रीतिभोज शुरू हो गया। डिनर के बाद विदाई समारोह होना था। और मिड नाइट तक दुल्हन लेकर वे अपने घर लौट गए। पूर्व मेयर चौधरी जीतेन्द्र नाथ, जस्टिस जेएस सिन्हा, डॉक्टर कार्तिकेय, जस्टिस चौधरी,  सांसद रेवती रमण, श्यामा चरण गुप्ता आदि इस परिवर्तन के साक्षी बने. 

टाइम मैनेजमेंट

प्रेम चन्द्र ने बताया कि इस तरह के शादी समारोह में आपके सभी रिलेटिव और दोस्त न केवल शादी में शामिल होने पहुंचेंगे बल्कि दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने के लिए उनके पास पूरा टाइम रहेगा। आजकल की भागदौड़ की जिन्दगी में किसी के पास समय नहीं है कि वह रातभर आपके यहां टाइम दे सके। अगले दिन मार्निंग में किसी को ऑफिस जाना होता है। तो किसी को बच्चों को स्कूल भेजने की चिंता सताने लगती है। शादी में पहुंचते ही लोग घड़ी देखना शुरू कर देते हैं। यहां टाइम मैनेजमेंट का पूरा ध्यान रखा गया था। डिनर भी रात दस बजे शुरू हो गया ताकि खाने को खाने की तरह खाया जा सके. 

मनी सेविंग

शादी समारोह में आजकल सिर्फ आडंबर और दिखावे के चक्कर में लोग लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। महंगे बैंड बाजे बुक होते हैं। बिना बैंड पार्टी के बारात नहीं निकलती। ऐसे फालतू खर्चे हम बचा सकते हैं। लाइट के नाम पर भी हजारों रुपए नुकसान होता है। बिजली की बर्बादी होती है। हम इसकी भी बचत कर लेते हैं. 

नो ट्रैफिक प्रॉब्लम

जब बारात डीजे के साथ निकलती है तो दूल्हे के साथ बाराती झूमते हुए चलते हैं। महिलाएं भी पीछे नहीं रहती हैं। वे अपनी खुशी के लिए दूसरों की चिंता नहीं करते। जैसे ही बारात पहुंचती है रोड जाम हो जाती है। नशे में होने के साथ बाराती रोड पर खूब डांस करते हैं। ऐसे में वहां से गुजरने वाली पब्लिक एक साइड खड़ी होकर सिर्फ मन ही मन बारातियों को गाली देती है। अगर कोई तामझाम न रहा तो यह प्राब्लम नहीं होगी. 

इंडियन ट्रैडिशन

सबसे बड़ी बात यह है कि हम अपने कल्चर को बचा रहे हैं। हमारे यहां हमारे धर्म में शादी कोई बच्चों का खेल नहीं है। इसे सात जन्मों का रिश्ता जोडऩा माना गया है। इस पवित्र रिश्ते को बचाने के लिए सही तरीके से एक दूसरे को समझकर ही शादी करनी चाहिए। दहेज के लालच में आकर बिना जाने समझे शादी नहीं कर देनी चाहिए। कोशिश यही होनी चाहिए दूल्हा और दुल्हन की दोनों की रजामंदी हो ताकि उनका भविष्य उज्जवल रहे। रॉबिन की शादी शिल्पी से हुई है। दोनों एमकॉम व एमबीए हैं.