-डेढ़ महीने पहले हुआ टेंडर, अभी तक सिर्फ नापजोख ही करा सकी है कार्यदायी संस्था
-ट्रैफिक मूवमेंट व लोड के हिसाब से चौराहों का किया जाना है डिजाइन
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VARANASI
बनारस को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना नगर निगम की सुस्ती के चलते परवान नहीं चढ़ पा रही है। कार्यदायी संस्थाओं की मनमानी पर लगाम न लगने से कई बड़े प्रोजेक्ट धीमे चल रहे हैं। इससे तय समय में इनके पूरा होने की उम्मीद कम है। इसी क्रम में डेढ़ माह पहले शहर के आठ चौराहों पर ट्रैफिक मूवमेंट व लोड के हिसाब से इन्हें डिजाइन करने का टेंडर हुआ। लेकिन कार्यदायी संस्था अब तक सिर्फ नापजोख करने तक ही सीमित रह गई है। एक महीना पहले पुलिस लाइन चौराहे से काम जरूर शुरू हुआ। लेकिन यहां भी कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा है।
क्या है जंक्शन इम्प्रूवमेंट प्लान?
शहर के आठ चौराहों पर जंक्शन इम्प्रूवमेंट प्लान के तहत ट्रैफिक मूवमेंट और लोड के हिसाब से फैसिलिटीज मुहैया कराई जाएंगी। नई दिल्ली की एक्सपर्ट इंस्टीटयूट ऑफ अरबन ट्रांसपोर्ट (आईयूटी, इंडिया) संस्था ने इसका खाका तैयार किया है। इससे जाम की समस्या कम होगी और आवागमन भी सेफ हो सकेगा। चौराहों पर लाइटिंग, ट्रैफिक सिग्नल, ढलान, चौड़ीकरण, मार्किंग, डिवाइडर, पार्किंग, साइनेज और फुटपाथ बनेंगे।
भीड़ वाले चौराहाें का चयन
नगर निगम ने फर्स्ट फेज में अधिक भीड़भाड़ वाले इंग्लिशिया लाइन, कैंट स्टेशन, अंधरापुल, चौकाघाट, नदेसर, कचहरी, पुलिस लाइन और पांडेयपुर चौराहों को चिन्हित किया है। खासकर कुछ चौराहों पर तो दिन में कई बार भीषण जाम लगता है। पार्किंग व वेंडिंग जोन का अभाव, अतिक्रमण और वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या जाम के प्रमुख कारण हैं। चौराहों पर अगर ट्रैफिक सिपाहियों की मौजूदगी न हो तो कई बार जाम हटाना भी मुश्किल हो जाता है। दूसरे चरण में अन्य चौराहों की ट्रैफिक मूवमेंट के हिसाब से डिजाइन की जाएगी।
ये सुविधाएं होंगी
- चौड़ीकरण
- स्लोप
- फुटपाथ
- डिवाइडर
- आइलैंड
- पार्किंग
- वेंडिंग जोन
- लाइटिंग
- साइनेज
- रोड मार्किंग
एक नजर
20.39
करोड़ से संवारे जाने हैं चौराहे
1
साल में पूरा करना है काम
60
शहर में हैं प्रमुख चौराहे
25
जाम लगने वाले चौराहे
8
लाख रजिस्टर्ड वाहन
चौराहों को नए तरीके से डिजाइन करने का काम शुरू हो गया है। अगर कार्यदायी संस्था धीमा काम करा रही है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। तय समय में काम पूरा होगा।
मोतीलाल सिंह, अपर नगर आयुक्त