डिजिटल इंडिया को आइना दिखा रही ट्रैफिक पुलिस

सिस्टम न होने की वजह से कागज मांग रही पुलिस

Meerut। ट्रैफिक पुलिस एक तरफ तो डिजिटल इंडिया के साथ आधुनिक पुलिसिंग का दावा करती है, लेकिन अभी भी ऑफलाइन चालान हो रहे हैं। लाइसेंस या आरसी को लेकर सिस्टम सौ फीसदी अपडेट होने के बाद भी कागजात रखना आपकी मजबूरी है। ट्रैफिक कांस्टेबल के पास ऑनलाइन चालान करने का अधिकार ही नहीं है। ऑनलाइन चालान केवल टीआई, टीएसआई और हेड कांस्टेबल ही कर सकते हैं। यही नहीं नेटवर्क प्राब्लम या सिग्नल फेल होने पर भी ऑफलाइन चालान ही किया जाएगा। इसके लिए भले ही आप अपने मोबाइल में कागजात या सिस्टम अपडेट दिखाने की बात करें, लेकिन पुलिस आपका चालान कर देगी। आपको कागजात दिखाने पड़ेंगे, उसके बाद ही आपको छुटकारा मिल पाएगा। यदि कागजात नहीं दिखा पाए तो कागजात दिखाने के लिए पुलिस लाइन जाना होगा।

खुल जाती है कुंडली

यातायात निदेशालय लखनऊ ने ई-चालान को लेकर जो ऐप यूजर आईडी और पासवर्ड दिया हुआ है, उस पर वाहन का नंबर डालते ही वाहन की पूरी कुंडली निकल कर सामने आ जाती है। वाहन स्वामी का नाम, चेसिस नंबर, कब तक वैधता समेत सभी प्रकार की जानकारी खुल जाती है। किसी तरह की कमी मिलने पर पुलिस चालान कर देती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि नेटवर्क प्रॉब्लम होती है या फिर सिग्नल नहीं आते है तो पुलिस का ऑनलाइन सिस्टम ठप हो जाता है, जिसके बाद पुलिस ऑफलाइन चालान करके अपना काम चलाती है।

जमा होते हैं कागजात

आपने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी है या आपके पास हेलमेट नहीं है तो पुलिसकर्मी आपका ई-चालान ऐप से कर देते है, इसके लिए आपका कोई भी कागजात जमा नहीं होता है। केवल वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर चालान कटने का एसएमएस आएगा और चालान की कॉपी घर पहुंच जाएगी। इस चालान को पुलिस लाइन में शुल्क जमा करके भुगता जा सकता है, जबकि ऑफलाइन चालान में आपके कागजात अवश्य जमा होते हैं। मान कि आप के पास हेलमेट नहीं या कोई अन्य कमी है तो ऑफलाइन चालान काटते वक्त पुलिस आपकी आरसी या डीएल जब्त कर लेती है। जब आप पुलिस लाइन में अपने चालान का भुगतान करने जाएंगे तो सीज किया गया कागज आपको मिल जाएगा। यदि आपके पास कोई भी कागजात नहीं है तो पुलिस वाहन सीज कर देती है।

कांस्टेबल को अधिकार नहीं

ऑनलाइन चालान ट्रैफिक पुलिस में सब नहीं कर सकते हैं। यह अधिकार ट्रैफिक इंस्पेक्टर, ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल को दिया गया है। यातायात निदेशालय से ई-चालान करने की आईडी और पासवर्ड इनको ही दी गई है। ट्रैफिक कांस्टेबल को ऑनलाइन चालान करने का अधिकार नहीं है। केवल ट्रेमो मोबाइल पर तैनात सिपाही और ट्रैफिक एंजेल्स पर तैनात महिला सिपाही ऑनलाइन चालान कर सकती है। चौराहों पर जो कांस्टेबल तैनात किए गए हैं, उनको चालान करने का अधिकार बिल्कुल नहीं है। वह केवल ऑफलाइन चालान कर सकते है।

मेरठ में ट्रैफिक पुलिस

टीआई 3

टीएसआई 2

हेड कांस्टेबल 45

कांस्टेबल 99

यहां होती है चेकिंग

परतापुर तिराहा

बागपत अड्डा-फुटबाल चौराहा

रेलवे रोड चौराहा

भैंसाली रोडवेज बस अड्डा

बेगमपुल चौराहा

जीरो माइल चौराहा

गांधी बाग चौराहा

मोदीपुरम

कंकरखेड़ा बाईपास

बच्चा पार्क

हापुड़ अड्डा

एल। ब्लाक शास्त्रीनगर

गांधी आश्रम चौराहा नौचंदी

तेजगढ़ी चौराहा

जेल चुंगी चौराहा

कमिश्नर आवास चौराहा

पिछले छह महीने के चालान का आंकड़ा

माह ऑनलाइन चालान ऑफलाइन चालान

अगस्त 2019 7373 1975

सितंबर 2019 6974 2025

अक्टूबर 2019 5056 1200

नवंबर 2019 1395 1545

दिसंबर 2019 4620 1598

जनवरी 2020 3674 1681

कई जगह नेटवर्क की प्रॉब्लम आती है, इसलिए वहां ऑनलाइन चालान नहीं हो पाते हैं। इसलिए वहां ऑफलाइन चालान करने पड़ते है। कैंट एरिया में नेटवर्क की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है, इसलिए वहां ऑफलाइन चालान किए जाते हैं। कभी-कभी सिग्नल नहीं आते है इसलिए भी आफलाइन चालान करने पड़ते हैं।

संजीव वाजपेयी, एसपी ट्रैफिक