प्रमुख चौराहों पर कई सप्ताह से बंद पड़े हैं ट्रैफिक सिग्नल

होम गार्ड के भरोसे शहर का ट्रैफिक कंट्रोल करने में जुटा डिपार्टमेंट

ALLAHABAD: शहर में ट्रैफिक सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। मैट्रोपॉलिटन सिटी की तर्ज पर शहर में भी दो साल पहले प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए यातायात विभाग की ओर से लाखों रुपए खर्च करके ट्रैफिक सिग्नल तैयार कराए गए। मकसद था कि ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सके और शहरियों को जाम की समस्या से निजात मिल सके। शहरियों को ट्रैफिक रूल्स फॉलो कराने के लिए भी डिपार्टमेंट ने लगातार कई महीनों तक प्रयास किया। लेकिन पिछले कुछ सप्ताह से सिटी में चौराहों पर बने ट्रैफिक सिग्नल सिर्फ शोपीस बने हुए है। सिविल लाइंस जैसे पॉश एरिया में ट्रैफिक कंट्रोल के लिए चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल बंद पड़े हैं। उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। बरसों पहले ट्रैफिक कंट्रोल करने वाले तरीके पर यातायात विभाग ने फिर से अमल करना शुरू कर दिया है।

पुलिस-होमगार्ड के भरोसे ट्रैफिक

-सिटी में ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए फिर से होमगार्ड और ट्रैफिक पुलिस के जवानों को चौराहों पर लगा दिया गया है।

-धोबीघाट चौराहा, म्योहाल चौराहा, बालसन चौराहा, मेडिकल चौराहा, तुलसी चौराहा, सिविल लाइंस बस अड्डा चौराहा, बैरहना चौराहा समेत अन्य चौराहों पर भी ट्रैफिक पुलिस के जवानों के साथ होमगार्ड दिन भर ट्रैफिक कंट्रोल करने में जुटे है।

-दिन में तो किसी प्रकार ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा रहा है, लेकिन सबसे अधिक समस्या रात के समय में होती है।

-चौराहों पर खड़े ट्रैफिक पुलिस और होमगार्डो पर कई बार रात में वाहनों की चपेट में आने का डर बना रहता है।

चौड़ीकरण की भेंट चढ़ा ट्रैफिक सिग्नल

सिटी के प्रमुख चौराहों पर बने टै्रफिक सिग्नल के बंद होने को लेकर सीओ ट्रैफिक राम प्रकाश दोहरे ने बताया कि शहर में चौड़ीकरण और कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है। इसके कारण टै्रफिक सिग्नल को कंट्रोल करने के लिए जरूरी पावर सप्लाई ही बंद हो गई है। अब सड़क चौड़ीकरण पूरा होने के बाद ही इस समस्या से लोगों को निजात मिल सकेगी। तब तक ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड लगातार प्रयास में जुटे हैं।

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चौराहों पर शहर में लगी है ट्रैफिक लाइट

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लाख रुपये खर्च आता है एक ट्रैफिक लाइट पर

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चौराहे गवर्नमेंट प्रेस पर काम कर रहा है सिग्नल

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चौराहे कुंभ के पहले अपग्रेड

5.5

करोड़ रुपये खर्च होंगे प्रत्येक चौराहे पर

08 जिले में तैनात टीएसआई की संख्या

125 ट्रैफिक सिपाहियों की कुल संख्या

300 है टै्रफिक में लगे होमगार्ड की कुल संख्या

18 हैं ट्रैफिक सिग्नल लगे चौराहों की संख्या लगभग

शहर में चौड़ीकरण और कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है। इसके कारण टै्रफिक सिग्नल को कंट्रोल करने के लिए जरूरी पावर सप्लाई ही बंद हो गई है। फिलहाल तो जवानों से ही ट्रैफिक मैनेजमेंट का काम कराया जा रहा है।

-राम प्रकाश दोहरे, सीओ ट्रैफिक