-दिन भर लगा रहता है दून के प्रमुख चौराहों में जाम

-पौने पांच लाख से ऊपर पहुंच चुकी है दून में वाहनों की संख्या

<-दिन भर लगा रहता है दून के प्रमुख चौराहों में जाम

-पौने पांच लाख से ऊपर पहुंच चुकी है दून में वाहनों की संख्या

DEHRADUN: dehradun@inext.co.in

DEHRADUN: दून सिटी की बात करें तो यहां सबसे बड़ी प्रॉब्लम ट्रैफिक की है। साल दर साल यह समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। नया राज्य बनने के बाद देहरादून को अस्थाई राजधानी के तौर पर पेश किया गया है। राज्य गठन के समय जहां शहर की आबादी 5 लाख थी वह आज 12 लाख से अधिक पहुंच गई है। आबादी बढ़ने के साथ यहां लोगों का आवागमन भी बढ़ रहा है, जिससे सड़कों पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। राजधानी में ट्रैफिक जाम की प्रॉब्लम को देखते हुए आई नेक्स्ट अगले 8 दिनों तक एक अभियान के तहत ट्रैफिक के हर एक पार्ट से आपको रूबरू करायेगा। अभियान के पहले दिन शहर के 5 प्रमुख चौराहों बल्लूपुर चौक, सहारनपुर चौक, बल्लूपुर चौक, दर्शनलाल चौक व तहसील चौक में ट्रैफिक जाम की स्थिति से आपको रूबरू कराया जा रहा है।

बल्लूपुर चौक

बल्लूपुर चौक पर चकराता रोड का पूरा ट्रैफिक रहता है। पिछले डेढ़ साल में जब से यहां फ्लाई ओवर निर्माण कार्य शुरू हुआ है। तब से यहां सुबह से रात तक लगभग हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। चौक से कुछ ही कदम की दूरी पर सड़क के बीचों बीच फ्लाई ओवर का काम चल रहा है। जिससे आने-जाने वाली गाडि़या आसानी से निकल नहीं पाती है।

सहारनपुर चौक

आईएसबीटी और बल्लीवाला चौक से घंटाघर की ओर आने वाले वाहन सहारनपुर चौक होकर ही गुजरते हैं। मॉर्निग टाइम में 9 बजे से 11.30 बजे और 1 से 2 बजे के बाद यहां काफी जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं दूसरी ओर सड़क किनारे आढ़त बाजार की दुकानें इस कदर सटी हुई हैं कि कई बार दुकानों के बाहर खड़े लोडरों की वजह से भी ट्रैफिक जाम होता हैं।

प्रिंस चौक

सहारनपुर चौक से आने वाले वाहन भी प्रिंस चौक होते हुए ही मार्केट में एंट्री करते हैं। दूसरी ओर रेलवे स्टेशन का ट्रैफिक भी यहीं से होकर गुजरता है। इसके अलावा इस चौक पर धर्मपुर, राजा रोड, त्यागी रोड का भी ट्रैफिक शामिल होता है। यही कारण है कि इस चौराहे पर भी दिन भर ट्रैफिक जाम लगा रहता है।

तहसील चौक

प्रिंस चौक की ओर से आने वाला ट्रैफिक तहसील चौक होकर आगे गुजरता है। इस चौक पर दून हॉस्पिटल, एमकेपी कॉलेज, धामावाला आदि कई बाजारों का ट्रैफिक रहता है। इसके अलावा यहां सड़क के दोनों तरफ दुकाने सटी रहती है। जिससे दिन में कई बार यहां ट्रैफिक जाम रहता है।

दर्शनलाल चौक

इस चौक को सिटी का हार्ट चौक कहा जा सकता है। क्योंकि इस चौक से घंटाघर, परेड ग्राउंड, दून हॉस्पिटल, प्रिंस चौक, बुद्धा चौक आदि कई जगहों के लिए रूट निकलता है। यहां सुबह से शाम तक पुलिस के करीब 3 कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है। इस चौक में अगर ट्रैफिक जाम हो गया तो इसका असर शहर में हर चौक-चौराहों पर देखा जा सकता है।

चकराता रोड जैसी पहल की जरूरत

दून में घंटा घर से चकराता के लिए निकले वाले रूट का एक समय काफी बुरा हाल था। यहां दिन-रात जाम की स्थिति बनी रहती थी। यहां आलम यह था कि एक गाड़ी निकलने पर सामने से आ रही दूसरी गाड़ी सड़क को आसानी से पास नहीं मिल पाता था। कई सालों के जद्दोजहद के बाद तत्कालीन सीएम भुवनचंद खंडूड़ी की सरकार के समय इस रूट का चौड़ीकरण संभव हो पाया। जिस कारण आज यहां गाडि़या सरपट दौड़ पाती हैं। इसी तरह से शहर के बाकी कुछ रूट पर चौड़ीकरण की जरूरत है।

इस तरह बढ़ा दून में ट्रैफिक

वर्ष 2001-02 में देहरादून के आरटीओ ऑफिस में महज 17205 वाहनों का रजिस्ट्रेशन था। लेकिन वर्ष 2014-15 में यहां वाहनों का रजिस्ट्रेशन बढ़कर 489926 से ऊपर पहुंच गया है। सबसे अधिक टू व्हीलकर की संख्या है जो करीब 337690 के ऊपर पहुंच चुकी है। इसके बाद कार की संख्या करीब 110619 है।

पांच वर्षो में <दून सिटी की बात करें तो यहां सबसे बड़ी प्रॉब्लम ट्रैफिक की है। साल दर साल यह समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। नया राज्य बनने के बाद देहरादून को अस्थाई राजधानी के तौर पर पेश किया गया है। राज्य गठन के समय जहां शहर की आबादी भ् लाख थी वह आज क्ख् लाख से अधिक पहुंच गई है। आबादी बढ़ने के साथ यहां लोगों का आवागमन भी बढ़ रहा है, जिससे सड़कों पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। राजधानी में ट्रैफिक जाम की प्रॉब्लम को देखते हुए आई नेक्स्ट अगले 8 दिनों तक एक अभियान के तहत ट्रैफिक के हर एक पार्ट से आपको रूबरू करायेगा। अभियान के पहले दिन शहर के भ् प्रमुख चौराहों बल्लूपुर चौक, सहारनपुर चौक, बल्लूपुर चौक, दर्शनलाल चौक व तहसील चौक में ट्रैफिक जाम की स्थिति से आपको रूबरू कराया जा रहा है।

बल्लूपुर चौक

बल्लूपुर चौक पर चकराता रोड का पूरा ट्रैफिक रहता है। पिछले डेढ़ साल में जब से यहां फ्लाई ओवर निर्माण कार्य शुरू हुआ है। तब से यहां सुबह से रात तक लगभग हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। चौक से कुछ ही कदम की दूरी पर सड़क के बीचों बीच फ्लाई ओवर का काम चल रहा है। जिससे आने-जाने वाली गाडि़या आसानी से निकल नहीं पाती है।

सहारनपुर चौक

आईएसबीटी और बल्लीवाला चौक से घंटाघर की ओर आने वाले वाहन सहारनपुर चौक होकर ही गुजरते हैं। मॉर्निग टाइम में 9 बजे से क्क्.फ्0 बजे और क् से ख् बजे के बाद यहां काफी जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं दूसरी ओर सड़क किनारे आढ़त बाजार की दुकानें इस कदर सटी हुई हैं कि कई बार दुकानों के बाहर खड़े लोडरों की वजह से भी ट्रैफिक जाम होता हैं।

प्रिंस चौक

सहारनपुर चौक से आने वाले वाहन भी प्रिंस चौक होते हुए ही मार्केट में एंट्री करते हैं। दूसरी ओर रेलवे स्टेशन का ट्रैफिक भी यहीं से होकर गुजरता है। इसके अलावा इस चौक पर धर्मपुर, राजा रोड, त्यागी रोड का भी ट्रैफिक शामिल होता है। यही कारण है कि इस चौराहे पर भी दिन भर ट्रैफिक जाम लगा रहता है।

तहसील चौक

प्रिंस चौक की ओर से आने वाला ट्रैफिक तहसील चौक होकर आगे गुजरता है। इस चौक पर दून हॉस्पिटल, एमकेपी कॉलेज, धामावाला आदि कई बाजारों का ट्रैफिक रहता है। इसके अलावा यहां सड़क के दोनों तरफ दुकाने सटी रहती है। जिससे दिन में कई बार यहां ट्रैफिक जाम रहता है।

दर्शनलाल चौक

इस चौक को सिटी का हार्ट चौक कहा जा सकता है। क्योंकि इस चौक से घंटाघर, परेड ग्राउंड, दून हॉस्पिटल, प्रिंस चौक, बुद्धा चौक आदि कई जगहों के लिए रूट निकलता है। यहां सुबह से शाम तक पुलिस के करीब फ् कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है। इस चौक में अगर ट्रैफिक जाम हो गया तो इसका असर शहर में हर चौक-चौराहों पर देखा जा सकता है।

चकराता रोड जैसी पहल की जरूरत

दून में घंटा घर से चकराता के लिए निकले वाले रूट का एक समय काफी बुरा हाल था। यहां दिन-रात जाम की स्थिति बनी रहती थी। यहां आलम यह था कि एक गाड़ी निकलने पर सामने से आ रही दूसरी गाड़ी सड़क को आसानी से पास नहीं मिल पाता था। कई सालों के जद्दोजहद के बाद तत्कालीन सीएम भुवनचंद खंडूड़ी की सरकार के समय इस रूट का चौड़ीकरण संभव हो पाया। जिस कारण आज यहां गाडि़या सरपट दौड़ पाती हैं। इसी तरह से शहर के बाकी कुछ रूट पर चौड़ीकरण की जरूरत है।

इस तरह बढ़ा दून में ट्रैफिक

वर्ष ख्00क्-0ख् में देहरादून के आरटीओ ऑफिस में महज क्7ख्0भ् वाहनों का रजिस्ट्रेशन था। लेकिन वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् में यहां वाहनों का रजिस्ट्रेशन बढ़कर ब्899ख्म् से ऊपर पहुंच गया है। सबसे अधिक टू व्हीलकर की संख्या है जो करीब फ्फ्7म्90 के ऊपर पहुंच चुकी है। इसके बाद कार की संख्या करीब क्क्0म्क्9 है।

पांच वर्षो में ((टॉप भ् कैटेगरी) इस तरह बढ़ी वाहनों की भीड़-

वर्ष स्कूटर व बाइक कार ब्व्हीलर टैक्सी कैब मैक्सी कैब ऑटो विक्रम

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