एप मैसेजिंग पर लगेगी लगाम

टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने भारतीय स्मार्टफोन यूजर्स को इंस्टेंट मैसेजिंग जैसी सुविधा उपलब्ध करा रही कंपनियों जैसे वॉट्सएप, स्काइप, वाइबर, गूगल टॉक जैसे ऑवर द टॉप प्लेयर्स पर लगाम लगाने की तैयारी पूरी कर ली है. फिलहाल स्मार्टफोन यूजर्स अपने स्मार्टफोन पर इन एप्स को यूज करके देश-विदेश कहीं भी कॉल कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें सिर्फ उस कॉल पर खर्च हुई डाटा बाइट के लिए ही पैसे देने पड़ते हैं. इसके उलट अगर वह अपने टेलिकॉम ऑपरेटर के नेटवर्क की मदद से वह कॉल करें तो उन्हें पर कॉल के हिसाब से पैसे खर्च करने पड़ेंगे. ऐसे में टेलिकॉम कंपनियों को इन ऑवर द टॉप प्लेयर्स की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस वजह से दोनों पक्षों में विवाद जारी है. लेकिन अब ट्राई ने इन ओटीटी प्लेयर्स की सुविधाओं पर सरकारी लगाम लगाने के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किया है.

तो महंगी हो सकती हैं यह सुविधाएं

ट्राई द्वारा इन सुविधाओं को रेगुलेट किए जाने की स्थिति में यह संभव है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स इन सर्विसेज के लिए खास डाटा प्लान लांच कर दें. इसके बाद यूजर्स को सामान्य डाटा प्लान के साथ एप स्पेस्फिक डाटा प्लान भी खरीदना पड़ सकता है. फिलहाल ट्राई का कहना है कि स्मार्टफोन यूजर्स के लिए यह जानना अत्यंत मुश्किल है कि उनके स्मार्टफोन पर यूज की जा रहीं विभिन्न सर्विसों में आर्थिक आधार पर क्या अंतर है. इसके साथ ही यंग स्मार्टफोन यूजर्स को लिए जो चीज सबसे ज्यादा अहम है वह कनेक्िटविटी है. लेकिन ओवर द टॉप प्लेयर्स टेलिकॉम कंपनियों के इंफ्रास्ट्रक्चर को यूज करके भारी मुनाफा कमाते हैं. यह कंपनियां टेलिकॉम कंपनियों के सामान्य कॉलिंग सर्विसेज में तो सेंध लगा ही रहीं थीं. लेकिन अब इन कंपनियों ने कॉलिंग सर्विसेज देकर टेलिकॉम कंपनियों के लिए और मुसीबत खड़ी कर दी है.

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