नई दिल्ली (पीटीआई)। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) मोबाइल यूजर्स के हित में बड़ा फैसला लेने जा रही है। ट्राई ने इसके लिए एक नया डा्रफ्ट तैयार किया है। इसमें अब दूरसंचार कंपनियों द्वारा एसएमएस पर लागू होने वाले मौजूदा 50 पैसे के शुल्क को हटाने का फैसला लिया जा सकता है। ट्राई का कहना है कि प्रतिदिन 100 मैसेज के बाद लगने वाले 50 पैसे चार्ज को अब रखने की कोई जरूरत नहीं है। ट्राई ने नवंबर 2012 में अनचाहे मैसेज की प्राॅब्लम को दूर करने के लिए न्यूनतम 50 पैसे लगाने का आदेश दिया था।

अभी 100 डेली एसएमएस के बाद लगता है चार्ज

ट्राई के मुताबिक ये चार्ज टेलिकॉम कमर्शल कम्युनिकेशन्स कस्टमर प्रेफेरेंस रेग्युलेशन्स के तहत लागू हुए थे क्योंकि उस समय स्पैम मैसेज को रोकना एक बड़ा टास्क था। हालांकि अब इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि अब स्पैम मैसेज का पता करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है जो इस पर आसानी से अंकुश लगा सकते हैं। आजकल ज्यादातर प्रीपेड प्लान जो टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा पेश किए जाते हैं, उनमें 100 डेली एसएमएस की सुविधा होती है और इस सीमा को समाप्त करने के बाद यूजर्स को प्रति एसएमएस मैसेज के लिए 50 पैसे का भुगतान करना होता है।

एसएमएस पर रेग्युलेशन चार्ज की जरूरत नहीं

ट्राई का कहना है कि लगभग सभी टेलिकॉम मेजर ट्राई के निर्देशन में सब्सक्राइबर्स से 100 एसएमएस के चार्ज वसूल रहे हैं।ट्राई ने टलिकम्युनिकेशन टैरिफ (65वें संशोधन) आदेश 2020 के ड्रॉफ्ट में कहा है कि अब एसएमएस के लिए रेग्युलेशन चार्ज की जरूरत नहीं रह गई है। ट्राई ने 65वें संशोधन के ड्रॉफ्ट पर सभी पक्षकारों से उनके लिखित सुझाव और टिप्पणियां देने के लिए 3 मार्च अंतिम तारीख तय की है। वहीं इसके लिए 17 मार्च तक जवाब देने का समय दिया है।

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