- मुंबई से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर के बजाय पहुंची ओडिशा के राउरकेला

-नाराज यात्रियों ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट कर दी जानकारी

-रेलवे ने कहा, बिहार के लिए कुछ ट्रेनों को वाया राउरकेला भेजा गया

कोरोना संकट काल में लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न शहरों में फंसे श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए शुरू की गईं श्रमिक ट्रेनें भी लेटलतीफी के साथ-साथ भटकाव का शिकार हो रही हैं। रेलवे की चुस्ती का आलम यह है कि पश्चिम रेलवे के मुंबई स्थित वसई रोड स्टेशन से 21 मई की शाम 7.20 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर के लिए रवाना हुई, लेकिन यह ट्रेन गोरखपुर के बजाय 23 मई को दोपहर ओडिशा के राउरकेला होते हुए झारखंड के गिरिडीह पहुंच गई। जबकि, मुंबई से गोरखपुर के सीधे मार्ग में न ओडिशा पड़ता है और न ही झारखंड। रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि चलती ट्रेन का रूट बदल दिया गया और यात्रियों को उसकी सूचना तक नहीं दी गई।

रेलवे ने दी सफाई

ट्रेनों के रूट बदले जाने का कारण बताते हुए पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी गजानन महतपुरकर कहते हैं कि सभी रूटों पर एक साथ कई श्रमिक विशेष ट्रेनें चलने के कारण कुछ ट्रेनों के रूट बदलने पड़ रहे हैं। पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता रविंद्र भाकर ने एक बयान में कहा कि सीधे रूट पर भीड़ के कारण रेलवे बोर्ड ने वसई रोड, उधना, सूरत, वलसाड, अंकलेश्वर, कोंकण रेलवे से चलने वाली ट्रेनों को बिलासपुर-झारसुगडा-राउरकेला के रास्ते बिहार भेजने का फैसला किया है।

इटारसी रूट सबसे ज्यादा व्यस्त

पश्चिम मध्य रेलवे का कहना है कि इन दिनों ट्रेनों की आवाजाही का व्यस्ततम रूट इटारसी और इसके आसपास के स्टेशन बन गए हैं। श्रमिक विशेष ट्रेनें बिना टाइम टेबल के चल रही हैं। महाराष्ट्र ही नहीं, गुजरात से भी उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर जानेवाली कई ट्रेनों को इटारसी होकर भेजा जा रहा है। इसके कारण इटारसी रूट का बोझ और बढ़ गया है। इसलिए भी इटारसी जैसे जंक्शन को जाम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण कुछ ट्रेनों के रूट बदलने पड़े हैं।