रांची (ब्यूरो)। मौके पर मौजूद कर्मियों का कहना था कि यार्ड मास्टर नशे में थे और उन्होंने ट्रेन के नीचे काम कर रहे कर्मियों को बिना सूचना दिए ट्रेन को चलाने की अनुमति दे दी। शुक्र था जैसे ही ट्रेन का पहिया ढुलने लगा दोनों कर्मी निकल भागे।रेलवे ने की कार्रवाई

बुधवार की रात हुई इस घटना के तत्काल बाद रेलवे ने संदेह के आधार पर यार्ड मास्टर की मेडिकल जांच कराने का निर्देश दिया। आरपीएफ यार्ड मास्टर को मेडिकल जांच के लिए मुरी अस्पताल लेकर जा रही थी। इस दौरान वह मौका देखकर फरार हो गया। घटना के बाद रेलवे ने संपर्क साधने का प्रयास भी किया। लेकिन, यार्ड मास्टर की सूचना नहीं मिली। रेलवे ने उसे तत्काल निलंबित कर दिया।

पहले भी लापरवाही के आरोप

रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यार्ड मास्टर पर लापरवाही बरतने के आरोप पूर्व में भी लगते रहे हैं। नशे की हालत में सेवा देने की बात पहले भी उजागर हो चुकी है। रेल कर्मियों का कहना था कि मेडिकल जांच में यार्ड मास्टर की पोल खुल न जाए, वह इसलिए फरार हो गया। इस घटना को रेलवे ने गंभीरता में लिया है और आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं।

'यार्ड मास्टर पर लापरवाही का आरोप है। संदेह के आधार पर उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भेजा जा रहा था। लेकिन, जांच के पहले ही फरार हो गए। फिलहाल उन्हें निलंबित कर दिया गया है।'

- नीरज कुमार, सीपीआरओ, रांची रेल मंडल

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