रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से वाहन चालकों को दिया जाएगा ट्रेनिंग सर्टिफिकेट

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ALLAHABAD: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में गड़बड़ी रोकने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने नियमों को सख्त बनाया है। पिछले वर्ष अक्टूबर में मंत्रालय के संशोधन के बाद बनाए गए नियमों के अनुसार वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए किसी मोटर ट्रेनिंग सेंटर से वाहन चलाने का सर्टिफिकेट देना अनिवार्य था। इलाहाबाद में इसे लागू करने के लिए आरटीओ की ओर से तैयारी की जा रही है। अब यहां भी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के बिना किसी का लाइसेंस नहीं बनाया जाएगा।

आईटीआई में बनेगा सेंटर

इलाहाबाद के औद्योगिक क्षेत्र नैनी स्थित आईटीआई परिसर में रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण होना है। इसके लिए आरटीओ प्रशासन की ओर से दो एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। विभाग की ओर से सेंटर खोलने के लिए पिछले वर्ष नवम्बर में पांच करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर परिवहन विभाग के मुख्यालय लखनऊ भेजा गया था। इसे जनवरी के पहले सप्ताह में मंजूरी मिली।

पांच माह बाद पहली किश्त

आरटीओ प्रशासन की ओर से पांच माह पहले ही इलाहाबाद में पांच करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले रीजनल ड्राइविंग सेंटर का प्रस्ताव भेजा गया था। सेंटर बनाने के लिए शासन स्तर से पहली किश्त 1.92 लाख रुपए 28 अप्रैल को जारी किया गया।

छह माह मिलने लगेगा सर्टिफिकेट

केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर इलाहाबाद में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आरटीओ की ओर से रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाएगा। एआरटीओ प्रशासन आरएल चौधरी की मानें तो आईटीआई परिसर में जो सेंटर बनाया जाएगा उसका निर्माण कार्य पूरा करने के लिए छह महीने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सितम्बर से विभाग में उसी व्यक्ति का लाइसेंस बनाया जाएगा जिसे सेंटर से सर्टिफिकेट इश्यू किया जाएगा।

सेंटर बनने से क्या होगा लाभ

- फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की समस्या का समाधान हो जाएगा।

- ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के बिना किसी का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनाया जाएगा।

- पुराने लाइसेंस को रिन्यू करवाने से पहले भी आवेदक को सेंटर से दो दिन का प्रशिक्षण लेना होगा।

- एक से अधिक राज्यों के परिवहन विभागों से बनवाए गए लाइसेंस का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।

लाइसेंस के लिए देना होगा यह प्रपत्र

नए नियमों के अनुसार सेंटर खुलने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए इच्छुक व्यक्ति को ट्रेनिंग सेंटर से वाहन चलाने का पूरा ब्योरा देना होगा। इसमें सेंटर में लिए गए दाखिले का रजिस्ट्रेशन नम्बर, उसकी तारीख, ट्रेनिंग की अवधि और प्रशिक्षण पूरा करने का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य रूप से देना होगा।

परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। इसके तहत आईटीआई में रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा। इसकी पहली किश्त आ चुकी है। अब निर्माण कार्य की प्रक्रिया पूरी कराकर जल्द शुरू कराया जाएगा।

सगीर अहमद अंसारी, आरटीओ