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LUCKNOW: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने गृह विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। तय हुआ कि इंस्पेक्टर बनने के बाद जो ट्रेनिंग करनी होती थी वह अब पहले करनी होगी। इसके बाद ही वरिष्ठता के आधार पर उन्हें प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए नियमावली में आवश्यक बदलाव किया गया है।

सात साल की सेवा भी जरूरी
राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट ने तय किया है कि प्रमोशन पाने के लिए सब इंस्पेक्टर को पहले ही इंस्पेक्टर नागरिक पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पास करना होगा। साथ ही सात साल की संतोषप्रद पुलिस सेवा भी जरूरी होगी।

नहीं लेते थे रुचि
दरअसल यह सामने आ रहा था कि प्रमोशन मिलने के बाद इंस्पेक्टर ट्रेनिंग में रुचि नहीं लेते हैं। अक्सर उन्हें ट्रेनिंग के लिए जाने को बाध्य करना पड़ता है। फील्ड में भी इसका अक्सर देखने को मिलता है और सही ट्रेनिंग न होने की वजह से वह गलतियां करने लगते है। इसीलिए अब इंस्पेक्टर बनने से पहले ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।

15 दिन की होती है ट्रेनिंग
मालूम हो कि पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग 15 दिन की होती है। इसमें साइबर क्राइम, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अलावा विभिन्न कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसके बाद परीक्षा भी पास करनी होती है।

अन्य कैबिनेट फैसले

जापान के साथ वैल्यू फूड चेन के एमओयू को मंजूरी
कैबिनेट ने कृषि कुंभ के दौरान जापान के साथ हुए वैल्यू फूड चेन के एमओयू को धरातल पर लाने को मंजूरी प्रदान कर दी। प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि जापान सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री एंड फिशरीज ने यूपी सरकार के साथ पांच साल के लिए यह एमओयू किया है। इसकी मदद से जापान की पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां यूपी में फूड प्रोसेसिंग इत्यादि उद्योग स्थापित करेंगी। इन कंपनियों को राज्य सरकार की नीति के मुताबिक भूमि समेत तमाम सहूलियतें भी दी जाएंगी। कंपनियों को भूमि लीज, क्रय और पट्टे के आधार पर दी जानी है। खास बात यह है कि जापान सरकार ने खुद इसके लिए अनुरोध किया था जिसके बाद यूपी सरकार ने विदेश मंत्रालय से यह एमओयू करने की अनुमति मांगी थी। जापान की कंपनियों द्वारा आधुनिक तकनीक की मदद से उद्योग लगाने से यूपी के किसानों को भी खासा फायदा होगा।

मैरून, काला या लाल नहीं होंगे ठेका वाहन

कैबिनेट ने उप्र मोटरयान नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर किया है जिसके तहत अब ठेका गाड़ी मैरून, काला या लाल रंग में नहीं रंगी जाएंगी। इसमें बाइक टैक्सी को भी शामिल किया गया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि जनसामान्य और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बाइक टैक्सी और थ्री व्हीलर पर पीले रंग की पट्टी, सीएनजी वाहनों में हरे रंग की और इलेक्ट्रिक वाहनों में सफेद रंग की पट्टी अनिवार्य होगी। वहीं चौपहिया टैक्सी में आसमानी रंग की पट्टी में टैक्सी लिखना होगा। उन्होंने कहा कि इससे परमिट की संख्या में भी इजाफा होगा और रोजगार मिलेगा। बाइक टैक्सी चलने से भी करीब 22 हजार रोजगार सृजित होंगे। वहीं दूसरी ओर कैबिनेट ने स्मार्ट कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाने के लिए विगत 15 दिसंबर 2012 को निक्सी एनआईसी व परिवहन विभाग के बीच हुए एमओयू की समय सीमा 7 नवंबर 2018 तक बढ़ा दिया है। ध्यान रहे कि नई संस्था के लिए ई-टेंडर भी जारी किया जा चुका है।

खुलेंगे ओडीओपी के सामान्य सुविधा केंद्र
कैबिनेट ने ओडीओपी योजना के तहत जिलों में सामान्य सुविधा केंद्र खोलने की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। यह केंद्र आगामी वर्ष के अप्रैल माह तक अस्तित्व में आ सकते हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इसके तहत टेस्टिंग लैब, डिजाइन डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग सेंटर, तकनीक अनुसंधान और विकास केंद्र, उत्पाद प्रदर्शन सह विक्रय केंद्र, रॉ-मैटीरियल बैंक अथवा कॉमन रिसोर्स सेंटर, कॉमन प्रोडक्शन अथवा प्रोसेसिंग सेंटर, कॉमन लॉजिस्टिक सेंटर, सूचना संग्रह, विश्लेषण एवं प्रसारण केंद्र, पैकेजिंग लेबलिंग एवं बारकोडिंग सुविधाएं व अवस्थापना सुविधाएं शामिल हैं। इसकी स्थापना, संचालन व रखरखाव खासतौर पर गठित स्पेशल परपज वेहिकल के माध्यम से होगी। ये एसपीवी स्वयं सहायता समूह, सहकारी संस्थाएं, स्वयंसेवी संस्थाएं, प्रोड््यूसर कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, लिमिटेड कंपनी अथवा लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनर आदि के रूप में हो सकती है। इसके तहत 15 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं ली जा सकेंगी। इसमें राज्य सरकार का अंशदान 90 फीसद होगा जबकि बाकी एसपीवी को वहन करना होगा।  

35 रुपये घट जाएंगे यूरिया के दाम

कैबिनेट ने उवर्रक निर्माता इकाईयों पर पूर्व में प्राकृतिक गैस पर लागू पांच फीसद वैट तथा पांच फीसद अतिरिक्त वैट के स्थान पर अन्य राज्यों की तरह वैट की दर 14।5 फीसद कर दी है। इसी तरह अन्य सभी प्रकार की निर्माता इकाईयों एवं प्राकृतिक गैस को उसी रूप में विक्रय करने वाले व्यापारियों पर वैट की दर 10 फीसद किए जाने का निर्णय लिया है। इससे यूरिया के दामों में करीब 35 रुपये की कमी आने का अनुमान है।

कुंभ में दो किलो प्रति राशन कार्ड सस्ती चीनी
कैबिनेट ने कुंभ के लिए दो किलो प्रति राशन कार्ड सस्ती चीनी देने का निर्णय लिया है। यह चीनी 17 रुपये प्रति किलो के दाम पर दी जाएगी। दरअसल कुंभ में आने वाले कल्पवासियों, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है। इस दौरान करीब 3174 मीट्रिक टन चीनी उपलब्ध कराई जाएगी। इसपर करीब 11।11 करोड़ का व्यय होगा जिसमें से 5।40 करोड़ की प्रतिपूर्ति होगी, बाकी राज्य सरकार अनुदान के रूप में देगी। चीनी का क्रय उप्र सहकारी चीनी मिल संघ से किया जाएगा। वहीं कैबिनेट ने इस बाबत अन्य निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है जिसमें खाद्यान्न की आपूर्ति भी शामिल है।

20 फीसद तक सस्ती मिलेंगी स्कूली किताबें

कैबिनेट ने शैक्षिक सत्र 2018-19 में कक्षा एक से आठ तक की राष्ट्रीयकृत पाठ्य पुस्तकों के प्रकाशन के लिए नियमों में छूट देने का निर्णय लिया है। इस बाबत किए गये तीन अहम बदलावों में वाटरमार्क कागज होने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। इससे किताबों की कीमत बीस फीसद कम हो जाएगी और राज्य सरकार को भी सस्ते दाम पर किताबें मिल सकेंगी। इसी तरह सौ टन प्रतिदिन कागज उत्पादन की बाध्यता को भी कम करके 50 टन कर दिया गया है। पहले किताबों के प्रकाशन में दो फीसद धरोहर राशि ली जाती थी जिसे अब एक फीसद कर दिया गया है। राज्य सरकार का मानना है कि इससे प्रकाशकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अच्छी गुणवत्ता की किताबें कम दामों पर मिल सकेंगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अगले साल के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है। अप्रैल माह में स्कूली बच्चों को बैग पर किताबें उनकी कुर्सी पर मिलेंगी। वहीं सीएम योगी ने इस बाबत कोई लापरवाही न होने के सख्त निर्देश भी दिए है।

आउटसोर्सिंग से भरे जाएंगे 198 पद
राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर, बांदा, जालौन, आजमगढ़ में समूह ग के तकनीकी एवं गैर तकनीकी पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरने का फैसला कैबिनेट ने लिया। दरअसल इन पदों को भरने का प्रस्ताव उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में प्रक्रिया में है। इसमें देरी की संभावना को देखते हुए फिलहाल इन्हें आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरा जाएगा।

भांग की खेती को अनुमति
कैबिनेट ने सूबे में भांग की खेती करने की अनुमति प्रदान कर दी है। दरअसल सीएसआईआर और एनबीआरआई ने भांग के शोध और वैज्ञानिक उद्देश्य के दृष्टिगत इसका अनुरोध किया था। वहीं चीन, जापान, फ्रांस, हंगरी जैसे तमाम देशों मे भी हजारों हेक्टेयर भूमि पर इसकी खेती की जाती है। इससे यूपी के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था भी सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है।

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