ट्रेनों में होने वाली वारदात रोकने को वुमन पावर हेल्पलाइन की ली जाएगी मदद

डीजी जीआरपी की ओर से सीएम को प्रपोजल, एसी कोच में लगाए जाएंगे फोन

BAREILLY:

यूपी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू की गई वुमन पावर हेल्पलाइन 1090 जल्द ही ट्रेनों में भी मुसाफिरों को सेफ्टी का अहसास दिलाएगी। सूबे में कामयाब रही सरकार की यह मुहिम ट्रेनों में भी लागू करने की योजना है। ट्रेनों में मुसाफिरों के साथ बढ़ती वारदातों को रोकने और उन्हें सेफ रखने की कोशिशों में इस हेल्पलाइन को भी एक असरदार हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर राय बनी है। डीजी जीआरपी की ओर से इस संबंध में सीएम को एक प्रपोजल भेजा गया है। जिसमें 1090 को ट्रेनों में भी जल्द लागू करने की मंशा जताई गई है। जीआरपी मुरादाबाद सेक्शन इस नई मुहिम के जल्द शुरू होने की उम्मीद जता रहा है।

हर घटना की हाेगी कंप्लेन

1090 हेल्पलाइन को ट्रेनों में लागू किए जाने के साथ ही मुसाफिरों को फौरी राहत दिए जाने की तैयारी है। 1090 हेल्पलाइन के जरिए सिर्फ महिला मुसाफिरों को ही सेफ्टी नहीं दी जाएगी। बल्कि अन्य मुसाफिर भी इस हेल्पलाइन के जरिए मदद की गुहार लगा सकेंगे। हेल्पलाइन के जरिए महिलाओं से छेड़छाड़ व परेशान करने वालों के खिलाफ कंप्लेन दर्ज होने के साथ ही। झगड़ा, सामान चोरी, लूट, संदिग्ध लोगों के गलत व्यवहार और हंगामा करने वालों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की जा सकेगी।

एसी कोच में लगेंगे फोन

इस मुहिम के तहत सबसे पहले एक्सप्रेस व मेल सुपरफास्ट ट्रेनों को जोड़ने की तैयारी है। इन ट्रेनों के एसी टू टियर व थ्री टियर कोच में सफर करने वाले मुसाफिरों को 1090 हेल्पलाइन के तहत विशेष सुविधा दिए जाने की योजना है। जिसमें एसी कोच में जीआरपी की ओर से स्पेशल फोन लगाए जाएंगे। जिससे इमरजेंसी या मदद की स्थिति में मुसाफिर इस फोन के जरिए सीधे 1090 पर कॉल कर मदद मांग सके। दरअसल चलती ट्रेनों में मोबाइल सिग्नल की दिक्कत बनी रहती है। वायरलेस सेट की तर्ज पर स्पेशल फोन से मुसाफिर आसानी से हेल्पलाइन से कनेक्ट हो अपनी शिकायत बता सकेंगे।

फेल हुई निभ्र्ाया मुहिम

ट्रेनों में मुसाफिरों को सेफ सफर कराने की मंशा के तहत जीआरपी की ओर से पहले भी कई अहम कदम उठाए जा चुके हैं। साल 2013 में जीआरपी मुरादाबाद की ओर से सभी जीआरपी थानों में निर्भया कार्ड बंटवाए थे। जिन्हें मुसाफिरों खासकर महिलाओं व ग‌र्ल्स को दिए जाने के निर्देश दिए गए थे। इस कार्ड में मुरादाबाद मंडल के तहत आने वाले सभी स्टेशनों के जीआरपी इंचार्ज व कंट्रोल रूम के नम्बर थे। मदद के लिए महिला मुसाफिरों को दिए गए नम्बर में से एक पर कॉल कर जानकारी देनी होती। नेक्स्ट स्टेशन पर ट्रेन के रूकते ही जीआरपी संबंधित महिला की कंप्लेन का निस्तारण करती। लेकिन यह मुहिम कुछ महीनों बाद ही ठप पड़ गई।

व्हाट्सएप भी न आया काम

निर्भया मुहिम के कामयाब न होने के बाद जीआरपी मुरादाबाद की ओर से व्हाट्सएप के जरिए मुसाफिरों को अपनी शिकायत दर्ज कराने का स्मार्ट ऑप्शन दिया गया। व्हाट्सएप नम्बर 09454402548 पर मुसाफिरों को अपनी कंप्लेन भेजने के साथ ही बदमाश, संदिग्ध या आरोपी की ऑडियो या वीडियो क्लिप बनाकर भेजने को भी मोटिवेट किया गया। जिससे बदमाशों के अलर्ट होने से पहले ही उन्हें पकड़ा जा सके। लेकिन इस व्हाट्स एप नम्बर को यूज करना तो दूर इसके बारे में मुसाफिरों को ठीक से जानकारी तक न हो सकी। वहीं ट्रेनों में लूट, चोरी, छेड़खानी व मारपीट के मामलों में कमी न आई। ट्रेनों में 1090 हेल्पलाइन जारी किए जाने की कवायद के पीछे पहले की इन्ही मुहिम की नाकामी भी बड़ी वजह है।

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जीआरपी की ओर से वुमेन पावर हेल्पलाइन 1090 को ट्रेनों में भी लागू किए जाने की योजना है। डीजी जीआरपी की ओर से शासन को प्रपोजल भेजा जा रहा। मुसाफिरों की सेफ्टी के लिए यह बेहद आसान व कारगर मुहिम साबित हो सकती है।

- चंद्रशेखर आजाद, इंचार्ज जीआरपी बरेली