- ट्रांसपोर्टर्स की स्ट्राइक के ऐलान के बाद बाद अब स्कूलों ने भी बसें नहीं चलाने का किया ऐलान

- ट्रांसपोर्टर्स के विरोध की आशंका के चलते लिया फैसला, राधा माधव और विद्या भवन स्कूल रहेंगे बंद

बरेली : पेरेंट्स वेडनेसडे और थर्सडे को स्कूली बसों का वेट न करें। उन्हें बच्चों को छोड़ने खुद स्कूल जाना पड़ेगा। क्योंकि 28 और 29 का स्कूलों से अटैच प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स की बसों की स्ट्राइक है। स्ट्राइक को देखते हुए ट्यूजडे को स्कूलों ने भी दो दिन तक अपनी बसें नहीं चलाने का फैसला किया है। इंडीपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के पे्रसिडेंट पारुष अरोड़ा का कहना है कि अगर उन्होंने बसें चलाई तो ट्रांसपोर्टर्स इसका विरोध कर हंगामा कर सकते हैं। स्ट्राइक को देखते हुए विद्या भवन और राधा माधव स्कूल बंद रहेंगे। जबकि बाकी स्कूल ओपन रहेंगे। राधा माधव और विद्या भवन स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि उनके यहां 80 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे ट्रांसपोर्टर्स की बसों से आते हैं। ऐसे में वे उन्होंने स्कूल बंद रखने का फैसला किया है।

इसलिए है स्ट्राइक

सरकार ने स्कूली बसों में बच्चों की सेफ्टी को लेकर नियमों में कुछ बदलाव किए थे। इसके एक प्वाइंट को लेकर ट्रांसपोर्टर्स का विरोध है। सरकार ने स्कूलों के नाम पर रजिस्टर्ड बसों को 15 साल और ट्रांसपोर्टर्स के नाम पर रजिस्टर्ड बसों को 10 वर्ष ही स्कूलों में चलाने का आदेश दिया है। रजिस्ट्रेशन की डेट से ही यह पीरियड काउंट होगा। ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि सबके लिए नियम समान होने चाहिए। इसी बात का वे विरोध कर रहे हैं। मंडे को उन्होंने परिवहन आयुक्त और आरटीओ डॉ। एके गुप्ता को ज्ञापन भी सौंपा था।

बढ़ जाएगा बोझ

ट्यूजडे को प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स और पेरेंट्स फोरम की मीटिंग हुई। इसमें ट्रांसपोर्टर्स का कहना था कि वे स्कूल में चलने वाली अपनी बसों को दस साल बाद चेंज तो कर देंगे, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन फीस डबल कर देंगे। इससे पेरेंट्स पर बोझ बढ़ जाएगा। इस पर पेरेंट्स फोरम ने ट्रांसपोर्टर्स की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि वे अपनी बसों में बच्चों की सेफ्टी के सभी नॉ‌र्म्स पूरे करें। फोरम का कहना था कि सभी के लिए नियम समान होने चाहिए। ट्रांसपोर्टर्स ने पेरेंट्स को भरोसा दिलाया कि वे अपनी बसों में सेफ्टी के सभी स्टैंडर्ड पूरे करेंगे।

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वर्जन

पेरेंट्स बोले-बढ़ जाएगी प्रॉब्लम

- ये स्ट्राइक पेरेंट्स के हित में नहीं है। अगर सॉल्यूशन शीघ्र नहीं हुआ तो अगले महीने से पेरेंट्स की प्रॉब्लम और बढ़ जाएगी। प्रशासन को कुछ करना चाहिए।

संजय अरोरा, पेरेंट्स फोरम

- आज तक वह कमेटी ही गठित नहीं हुई, जो स्कूल ट्रांसपोर्ट से जुड़े मामले देखे। स्कूली वाहन और निजी वाहन में 5 वर्ष का अंतर रखना पक्षपात है।

अंकुर किशोर सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष अभिभावक संघ

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स्कूल बोले, हो सकता है विरोध

- ट्रांसपोर्ट की स्ट्राइक के चलते 28 अगस्त को स्कूल बंद रहेंगे। लेकिन स्ट्राइक 29 अगस्त को भी है। 29 अगस्त को स्कूल बंद रहेगा या नहीं इस पर 28 अगस्त को निर्णय लिया जाएगा।

योहान कुंवर, प्रिंसिपल, विद्याभवन पब्लिक स्कूल,

- स्कूल के लिए अधिकांश बच्चे तो ट्रांसपोर्टर्स की बसों से ही आते हैं। स्ट्राइक के चलते स्कूल के वाहन भी नहीं चल पाएंगे। प्राइवेट ट्रांसपोर्टर विरोध कर सकते हैं। इसीलिए स्कूल को दो दिन के लिए बंद किया गया है।

आरसी धस्माना, प्रिंसिपल, राधा माधव पब्लिक

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समानता होना जरूरी

- प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स के साथ पक्षपात किया जा रहा है। जो बस स्कूल के नाम रजिस्टर्ड हैं वे अगर 15 वर्ष चल सकती है तो ट्रांसपोर्टर्स की बस दस साल क्यों? इसमें समानता लाने के लिए स्ट्राइक की जा रही है।

राकेश कालरा, अध्यक्ष ट्रांसपोर्टर